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11/22/2021

JOINT FAMILY के लिए बहुत अच्छी कविता

   
                           
   

JOINT FAMILY के लिए बहुतअच्छी कविता




एक पत्ती, अकड़ चढ़ गई,_

_खुद के परिवार से अलग। _


_वो पत्ता पेड़ से अलग होकर गिरता हुआ_

_बहुत खुश है,_

_ हैश! अब मैं इस भीड़ से आजाद हूँ,_

_यह दिमाग से सोता है। _


_हवा के साथ बह रहा हूँ_

_ऐसे ही लहराता है,_

_ ब्रह्मांड बाहर बहुत सुंदर है! _

_यह उसके मन में होता है। _


_पेड़ पर चिपके रहे_

_कहाँ घूम रहे हो वहाँ ऐसे ! _

_बस दूसरे ही होते हैं,_

_रोज़ मुझसे टकराता है,_


_यहाँ वायु के साथ_

_मस्ती से उड़ जाना,_

_और बहारों के साथ खिलवाड़_

_गीत मस्ती के साथ गाये जाते हैं। _


_पानी से उछलते हुए_

_और जो कूदता है उसे नींद आ रही है,_

_लेकिन खुशी क्षणिक होती है_

_वो कहाँ समझता है। _


_जब बहारों से बहते हुए_

_पहुंचता है किनारे पर,_

_जानवरों के गड्ढे के नीचे_

_जब बहुत ज्यादा रगड़ रहा हो। _


_*जो दुःख हरे न पाये*

_*अब बहुत पछतावा है,*_

_*पेड़ से जुड़े होना*_

_*कीमत वही समझता है। *


_स्वतंत्रता प्रिय लगती है_

_लेकिन महंगा साबित होता है,_

_*संयुक्त परिवार संबंध नहीं*_

_*लेकिन जीवन सच्चा विरोधाभास है। *_

। (अज्ञात)


_संयुक्त परिवार ही असली समर्थन और जीवन के लिए सर्वश्रेष्ठ है। _

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