परिवार का महत्व बताती कहानी
परिवार का महत्व बतलाती प्रेरक कहानीजीवन में कुछ बातें ऐसी होती हैं जो हमें करने या सुनने में बहुत अच्छी नहीं लगतीं लेकिन हमारे आगे बढ़ने में इन बातों का बहुत योगदान होता है जैसे – जब एक पिता अपने बेटे को डाँटता है या टीचर स्कूल में पिटाई करता है या माँ हर बात पूछती है और टोकती है ।बच्चों को बहुत बुरा लगता है लेकिन कहीं ना कहीं ये सभी चीज़ें इंसान की प्रगति की जिम्मेदार होती हैं , आइये एक उदाहरण से समझते हैं
एक शाम एक पिता अपने आठ साल के बच्चे को पतंग उड़ाना सीखा रहा था ।धीरे धीरे पतंग काफी ऊँची उड़ने लगी बच्चा ये सब बहुत गौर से देख रहा था काफी मजा आ रहा था उसे ।
कुछ देर ऐसे ही देखते हुए बच्चा अचानक जोर से बोला – पिताजी ये पतंग ज्यादा ऊपर नहीं जा पा रही है आप ये धागे की डोर तोड़ दो तो ये पतंग बहुत ऊंंची चली जाएगी ।पिता ने हँसते हुए पतंग की डोर तोड़ दी , पर ये क्या ? अगले ही पल पतंग ऊपर जाने की बजाये नीचे जमीन पर आ गिरी ।
बच्चा बहुत हैरानी से देख रहा था , पिता ने समझाया कि बेटा यही जीवन का सार है जिंदगी में हम जिस ऊंचाई पर हैं हमें ऐसा लगता है कि कुछ चीज़ें हमें और ऊपर जाने से रोक रहीं हैं जैसे हमारा घर ,परिवार, दोस्त , रिश्तेदार ,माता -पिता , और हम पतंग की डोर तरह इन सब चीज़ों से आजाद होना चाहते हैं लेकिन कहीं ना कहीं यही सब चीज़ें हमारी प्रगति की जिम्मेदार होती हैं ।अगर तुम इन सबसे दूर भागोगे तो पतंग के जैसा ही हश्र होगा|
परिवार का महत्व बतलाती प्रेरक कहानी
जीवन में कुछ बातें ऐसी होती हैं जो हमें करने या सुनने में बहुत अच्छी नहीं लगतीं लेकिन हमारे आगे बढ़ने में इन बातों का बहुत योगदान होता है जैसे – जब एक पिता अपने बेटे को डाँटता है या टीचर स्कूल में पिटाई करता है या माँ हर बात पूछती है और टोकती है ।
बच्चों को बहुत बुरा लगता है लेकिन कहीं ना कहीं ये सभी चीज़ें इंसान की प्रगति की जिम्मेदार होती हैं , आइये एक उदाहरण से समझते हैं
एक शाम एक पिता अपने आठ साल के बच्चे को पतंग उड़ाना सीखा रहा था ।
धीरे धीरे पतंग काफी ऊँची उड़ने लगी बच्चा ये सब बहुत गौर से देख रहा था काफी मजा आ रहा था उसे ।
कुछ देर ऐसे ही देखते हुए बच्चा अचानक जोर से बोला – पिताजी ये पतंग ज्यादा ऊपर नहीं जा पा रही है आप ये धागे की डोर तोड़ दो तो ये पतंग बहुत ऊंंची चली जाएगी ।
पिता ने हँसते हुए पतंग की डोर तोड़ दी , पर ये क्या ? अगले ही पल पतंग ऊपर जाने की बजाये नीचे जमीन पर आ गिरी ।
बच्चा बहुत हैरानी से देख रहा था , पिता ने समझाया कि बेटा यही जीवन का सार है जिंदगी में हम जिस ऊंचाई पर हैं हमें ऐसा लगता है कि कुछ चीज़ें हमें और ऊपर जाने से रोक रहीं हैं जैसे हमारा घर ,परिवार, दोस्त , रिश्तेदार ,माता -पिता , और हम पतंग की डोर तरह इन सब चीज़ों से आजाद होना चाहते हैं लेकिन कहीं ना कहीं यही सब चीज़ें हमारी प्रगति की जिम्मेदार होती हैं ।
अगर तुम इन सबसे दूर भागोगे तो पतंग के जैसा ही हश्र होगा|
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