शिव, कल्याणकारी/ शिव नाम का अर्थ है-कल्याणकारी
भगवान शिव का नाम संस्कृत भाषा का शब्द है।
शिव नाम का अर्थ है-कल्याणकारी। यजुर्वेद में शिव को शांतिदाता कहा गया है। (शि) का अर्थ है- पापों का नाश करने वाला एवं (व) का अर्थ है- देने वाला अर्थात दाता। देवो के देव महादेव की महिमा को कौन व्यक्ति नहीं जानता होगा कि उनके आशीर्वादस्वरुप के कारण ही पूरी दुनिया का कार्य संभव हो पा रहा है।
● भगवान शंकर को कभी भी केतकी का पुष्प नही चढ़ाया जाता, इसका मुख्य कारण यह है कि यह ब्रह्माजी के झूठ का गवाह बना था।
● भगवान भोलेनाथजी ने तांडवनृत्य करने के बाद सनकादि के लिए 14बार डमरु बजाया था, जिससे माहेश्वर सूत्र यानि संस्कृत व्याकरण का आधार प्रकट हुआ था।
● हिन्दूधर्म के मुताबिक किसी भी खंडित अर्थात टूटीफूटी मूर्ति की पूजा नहीं करते हैं, लेकिन शिवलिंग की टूटी हुई मूर्ति की भी पूजा कर सकते है।
● भगवान शिवशंकर की बहन का नाम अमावरी था,
जिसे माता पार्वती की जिद्द पर खुद महादेव ने अपनी माया से बनाया था।
● भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है,
इसलिये ऐसा कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ की तीसरी आंख बंद ही रहे, क्योंकि तीसरा नेत्र खुलने पर संहार होने से कोई उसे रोक नहीं पायेगा।
● भरतनाट्यम करते वक्त भगवान शिव की जो मूर्ति रखी जाती है, उसे नटराज कहते है।
● भगवान भोलेनाथ के माता-पिता नहीं है, इसलिये वे अनादि है अर्थात प्रभु की कोई जन्म की तिथि नहीं।
● भगवान शिव के सिर से गंगा के बहने का कारण यह है कि देवी गंगा को जब धरती पर उतारने की योजना बनाई गई थी, तो बाद में यह ख्याल आया कि यदि ऐसा किया तो धरती पर भारी विनाश आ जायेगा, तब भगवान शंकर को मनाया गया कि पहले गंगा को अपनी ज़टाओं में बांध लें। इसके बाद अलग-अलग दिशाओं से धीरे-धीरे उन्हें पृथ्वी पर उतारा जाये।
● भगवान शंकर और शिवलिंग पर कभी भी शंख से जलाभिषेक नहीं किया जाता, इसका कारण यह है कि भोलेनाथ ने शंखचूड़ को अपने त्रिशूल से भस्म कर दिया था और शंखचूड़ की हड्डियों से ही शंख बना था।
● भगवान शिव के गले में जो सांप (नाग) लिपटा रहता है,
उस सांप का नाम वासुकि है। शेषनाग के बाद यह सांप ही दूसरा राजा था, इससे खुश होकर भोलेनाथ ने इसे वरदान दिया कि आप हमारे गले में सुरक्षा के लिए लिपटे रहेंगे।
● भगवान शिवशंकर के सिर पर रहने के लिये चन्द्रमा को भी वरदान मिला था, इसीलिये शिवजी के सर पर चन्द्र सुशोभित है.....
ओम नमहः शिवाय
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts,please let me know