वीर वीरमदेव चौहान
वीर_वीरमदेव_चौहान से प्रभावित होकर अलाउद्दीन खिलजी की बेटी शहजादी फिरोजा ने उनसे विवाह करने का प्रण लिया
फिरोजा:- "वर वरूं तो वीरमदेव ना तो रहूंगी अकन कूंवारी"
खिलजी ने अपनी कन्या का प्रस्ताव भेजा
वीरम ने कहा:-
मामा लाजे भाटिया, कुल लाजे चहुआण।
जे परणु तुरकडी, अवलो उगे भाण।।
अर्थात्:- "मैं बादशाह की लडकी से विवाह करू तो मेरा चौहान कुल तो लज्जित होगा ही साथ में मेरा ननिहाल भाटी क्षत्रियों का वंश लज्जित हो जायेगा। इस कारण सूरज भले ही पूर्व से पश्चिम में उगना प्रारम्भ कर दे लेकिन मैं एक मुस्लिम शहजादी से विवाह नहीं कर सकता।"
उन्होंने युद्ध स्वीकार किया लेकिन विवाह नहीं किया!!
सुरो गढ जालौर रौ सूरा रो सिंणगार ।
अजै सुनीजै उण धरा वीरम दे हूकार ।।
मामा लाजे भाटियां कुल लाजे चौहान ।
जो परनउ तुरकणी तो पश्चिम उगे भान् ।।
सोनगरा वंको क्षात्रिय उणरो जोश अपार ।
झेले कुण अण जगत में वीरमरी तलवार ।।
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