नाभि टलना या हटना ( Misplacing Of Navel )
परिचय :
नाभि मानव शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है और स्वस्थ्य शरीर के लिय नाभि को अपने स्थान पर रहना चाहिए। नाभि को अपने स्थान पर न रहने से शरीर में तेज दर्द वाला रोग उत्पन्न होता है।
कारण :
झटके से उठने पर नाभि अपनी जगह से हट जाती है। भारी वस्तु उठाने या किसी अन्य कारणों से भी नाभि अपनी जगह से हट जाती है।
लक्षण :
नाभि के अपने स्थान से इधर-उधर हटने पर कब्ज, गैस, दस्त, भूख न लगना, पेट में दर्द होने की शिकायते उत्पन्न होती है।
उपचार :
* सरसों के तेल को नाभि पर लगाने से नाभि अपने स्थान पर आ जाती है। रोग के बढ़ने पर रूई का फोया तेल में भिगोकर नाभि पर रखें।
* नाभि के जगह से हट जाने से अक्सर पेट में दर्द, गैस, दस्त, भूख न लगना आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं। नाभि पर कोई भी तेल खासकर सरसों का तेल लगाने से लाभ होता है। तेज दर्द होने पर रूई में तेल लगाकर नाभि पर रखने से नाभि का दर्द समाप्त हो जाता है।
* गुड़ और सौंफ 20-20 ग्राम की मात्रा में लेकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट खाने से नाभि का टलना ठीक होता है और तेज दर्द में आराम मिलता है।
* 2 चम्मच सौंफ को पीसकर गुड में मिलाकर प्रतिदिन लगातार 5 दिनों तक लेने से नाभि का हटना ठीक होता है।
* 500 ग्राम दही में एक चम्मच पिसी हुई हल्दी को मिलाकर खाने से नाभि अपने स्थान से नहीं हटता है।
* थोड़ा सा गुड़ में नमक मिलाकर नाभि बैठाने के बाद खाने से अपने नाभि दर्द में जल्द आराम मिलता है।
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