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10/09/2021

वैदिक ऋषि महर्षि अगस्त्य बिजली का अविष्कार

   
                           
   

वैदिक ऋषि महर्षि अगस्त्य बिजली का अविष्कार




हम सब यही जानते है कि बिजली का आविष्कार थॉमस एडिसन ने किया हैं. पर क्या आप जानते है की महर्षि अगस्त्य जो एक वैदिक ॠषि थे, उन्होंने एक श्लोक के द्वारा बिजली बनाने की विधि बताई थी.


एडिसन ने एक घटना का ज्रिक करते हुए कहा था एक रात वो संस्कृत का श्लोक का मतलब सोचते-सोचते सो गए, तभी रात के सपने में उन्हें उस श्लोक का मतलब समझ आया, जिससे उन्हें बिजली बनाने में मदद मिली.

श्लोक इस प्रकार है


संस्थाप्य मृण्मये पात्रे


 

ताम्रपत्रं सुसंस्कृतम्‌. छादयेच्छिखिग्रीवेन चार्दाभि: काष्ठापांसुभि:॥


दस्तालोष्टो निधात्वय: पारदाच्छादितस्तत:. संयोगाज्जायते तेजो मित्रावरुणसंज्ञितम्‌॥


-अगस्त्य संहिता


अर्थात : एक मिट्टी का पात्र लें, उसमें ताम्र पट्टिका (Copper Sheet) डालें तथा शिखिग्रीवा (Copper Sulphate) डालें, फिर बीच में गीली काष्ट पांसु (wet saw dust) लगाएं, ऊपर पारा (mercury) तथा दस्त लोष्ट (Zinc) डालें, फिर तारों को मिलाएंगे तो उससे मित्रावरुणशक्ति (Electricity) का उदय होगा.

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