श्री मायापति हनुमान मन्दिर ( उज्जैन मध्य प्रदेश )
श्री मायापति हनुमान मन्दिर मध्य प्रदेश राज्य के धार्मिक नगर उज्जैन में स्थित है। लंका युध्द के दौरान जब लक्ष्मण जी को बाण लगा और हनुमान जी समुद्र को लांघ कर संजीवनी बूटी लेने जा रहे थे तब रावण ने उनका रास्ता रोकने के लिए कालनेमि राक्षस को भेजा। कालनेमि राक्षस मायावी विद्या मे निपुण था जिससे वो कोई भी वेश धारण कर सकता था।
कालनेमि बजरंग बली का रास्ता रोकने के लिए ब्राह्मण का वेश धारण कर उनके पास पहुंचा लेकिन पवन पुत्र तुरंत ही उस राक्षस की माया समझ गए और कालनेमि का वध कर दिया।
तभी सभी देवताओं ने बजरंग बली को आशीर्वाद दिया कि अबसे आप मायापती के नाम से भी जाने जाएंगे। उसी प्रतिरूप मे मायापती के नाम से हनुमान जी इस मंदिर में विराजमान हैं।
मान्यता है कि साढ़े साती से पीड़ित जातकों के लिए यह मंदिर किसी वरदान से कम नहीं है। हनुमान जी का यह रूप सभी शनि-दोषों का नाश करता है।
हर अमावस्या के दिन हवन मे नारियल की आहुति दी जाती है जिससे भक्तों की विनती पूर्ण होती है और मायापती हनुमान जी को मोतीचूर के लड्डू और चूरमे का भोग लगाया जाता है ।
कहा जाता है कि इनकी पूजा से कई निःसंतान दंपत्ति को सन्तान की प्राप्ति हुई है। उज्जैन के मायापती हनुमान जी दक्षिण मुखी हैं जिसे समस्त दुखों का नाश करने वाला माना जाता है।
मान्यता है कि बजरंग बली के इस दरबार में ध्वजा चढ़ाने से हर प्रकार की बलाओं को दूर किया जा सकता है। मंगलवार और शनिवार को मायापती हनुमान की पूजा और अर्चना का विशेष महत्व है।
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