कला भगत की भक्ति के पर्चे
दोस्तों आज हम बात करेंगे इसे भगत की जिनकी भक्ति के पर्चे ख़ुद भगवान स्वामिनारायण ने पूरे है तो आइये सुरु करते है कला भगत की कहानी बात एसी है की महेसाना ज़िल्ले के कड़ी तालूके के कुंडाल गाँव की है वेसे तो आज भी कुंडाल गाँव एकता में सभी गाँवों में एक उदाहरण है बरसों पहेले इस गाँव में एक भगत थे जिनका नाम था कला वो बचपन से ही प्रभु भक्ति में लीन थे एक बार वो जात्रा पे गये थे वाह भगवान स्वामिनारायण भी आये हुए थे जेसे हीं भगत ने भगवान को देखा तो उनके चरणो में गिर गये ओर कूच दिन
उनकी सेवा की भगवानस्वामीनारायण उनकी भक्ति से ख़ुश हुए कला ने उनको कहा प्रभु आप
मेरे धर भोजन पर आये ओर मेरे धर को पावन करे भगवानस्वामीनारायण ने कहा में तेरे धर का
भोजन ज़रूर करूँगा ये मेरा वचन है तूजे फिर कूच महीनो के बाद भगवानस्वामीनारायण की
सवारी कड़ी में आइ उन्होंने कला को बुलवाया कला आया ओर कहेने लगा प्रभु चलिये मेरे
धर भगवान ने कहा में गाँव में आऊँगा लेकिन तेरे धर पर नहि आ सकता फिर कला उनको
अपने खेत में ले गया ओर उसके घर का खाना भी खिलाया फिर वो असिरवाद देके चले गये
कला के भाई को तो पहले से ही उसका विरोध था मोका देखते ही उसने भाग देने से इंकार किया कला ने पाँचो से बात की पर कोई फ़र्क़ नहि पड़ा फिर वो राजा के
दरबार में गया उसने राजा से न्याय माँगा राजा को किसिने कहा ये तो सच्चा भगत है राजा के मन में विचार आया उसने कहा तुम अगर सच्चे भक्त हो ओर तूजे अपने भक्ति पे विश्वास है तो सुनो तुमें एक लोखंड के धगधग ते गोले को हाथ में लेना है ओर उस गोले को लेकर तुम जीतनी
ज़मीन में फिरोगे उतनी ज़मीन तुम्हारी होगी क्या तुमें ये शर्त मंज़ूर है क्या तुम ये कर पाओगे कला भगत ने कहा मेने आज तक किसी का कोई बुरा नहि किया अगर मेरी भक्ति सच्ची होगी मेरे प्रभु मेरा बाल भी वका नहि होने देंगे भगवान आज मेरी भक्ति की परीक्षा ले रहे है तो में भी उनका भक्त हु भला में जेसे इंकार कर सकता हु फिर लोखंड के गोले को अग्नि में तपाया गोला ललचोर हो गया भगत ने प्रभु का नाम लेके गोलेको उठाया ओर उनकी जितनी ज़मीन थी उतनी ज़मीन पर फिरे फिर उन्होंने गोलेको रख दिया वो हक़ से ज़्यादा लेना नहि चाहते थे राजा भी भगत के चरनोमे गिर गये
भगवान स्वामीनारायण ने कला भगत की लाज रख दी आज भी वो गोला स्वामीनारायण मंदिर के
मिजियम में रखा है भक्तों के दरसन के लिये ओर भगत के खेत में भगवान स्वामीनारायण के चरण पादुका है जिनके दर्शन से गाँव आज भी सुखी ओर समृद्ध है दोस्तों मेंने जितना सुना है उतना आपको बताया है मुझसे कोई जानकारी में भूल हुई हो तो माफ़ करना
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