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4/24/2020

कड़ी का राजा मल्हारराव

   
                           
   

कड़ी का राजा मल्हारराव

मित्रों आज हम बात करेंगे कड़ी सहेर की कड़ी जो सोने
की दडि के नाम से जानी जाती है कड़ी में हर प्रकार के
उधयोग है आज कड़ी नामचीन सहेरो में जाना जाता है
लेकिन आज हम बात करेंगे कड़ी के राजा मल्हारराव
की हमें उनके बारेमे ज़्यादा तो मालूम नहि पर जितना
सुना है उतना बताने की कोसिस करता हु हमने सुना है
की राजा स्वभाव का क्रोधी था लेकिन अपनी प्रजा का
पूरा ध्यान रखता था उसके राज मे प्रजा सूखि थी एक
दिन की बात है किसिने राजा से कहा एक दूध का 
व्यापारी लोगोको दूध में पानी मिलाकर देता है फिर राजा
ने उसे एक बोरिंग दी फिर भी व्यापारी दूध में पानी
मिलता रहा ये बात राजा को पता चली तो उसने उस
व्यापारी को ज़िन्दा दफ़ना दिया ओर उसके ऊपर एक 
मीनार बना दिया जो जो भी ग़लत काम करता तो राजा
उसे दफ़ना कर मीनार बनता इस भय से राज्य में कभी
चोरी  या कोई बुरे काम नहि होते थे एक समय की बात
है चैत्र नवरात्रि का दिन चल रहे थे उन दिनो में राजा 
नगर की सवारी पे निकला उसने देखा की हर जगह 
माताजी की पूजा चल रही है कई जगह तो भुवे धुन
रहे थे राजा को एसी बातों पे भरोसा नहि था उसने 
नगर के सारे भुवे को ओर तांत्रिकों को दरबार में बुलाया
ओर राजाने सबको कहा के आप सबको कितना
भरोसा है अपनी देवी शक्ति पर सभी ने कहा राजन
अगर हममें आस्था हो तो माँ सभी काम करती है 
फिर राजाने एक मटका मँगवाया उसमें राजाने पहेले
से ही एक कद्दू रखा था अब वो उसके अंदर बड़ा हो
चुका था राजा ने कहा अगर आप में सच्ची भक्ति ओर
आस्था है तो आपको ये कद्दू निकाल ना है ओर वो भी
बिना मटका फोड़ें  अगर एसा नहि कर पाये तो आप
सबको कारावास में डाल दूँगा एसा सुन कर सब डर
गये ओर ये काम कोई नहि कर सका राजाने सबको
कारावास में डालदिया ओर कहा एसा कूच नहि होता
किसिने राजा से कहा नहि राजन आपको पर्चा देखना
है तो आप वीरमगाव  के जीवन वागरी बुलाये वो माँ
का सच्चा भक्त है राजा ने उसे भी बुलाने को कहा
सैनिक जीवन वागरी के पास गये ओर कहा राजा ने
तूजे बुलाया है जीवन ने कहा क्या काम है क्यू मूँजें
बुलाया है सैनिक ने कहा राजा तुम्हारी भक्ति का 
इम्तिहान लेना चाहता है जीवन ने कहा में अपनी माँ
की राजा के बिना में नहि आ सकता 
सिपाई ने कहा तूजे जो करना है वो
कर पर तूजे आना तो पड़ेगा फिर जीवन माताजी को प्रार्थना
करने लगा हे माँ आज तेरे भक्त की परीक्षा हो रही है तू ही
कूच रास्ता दिखा माताजी ने उसे संकेत दिया के तू जा में
तेरे आगेही हु जीवन ने कहा माँ मूँजें केसे पता चलेगा के 
आप वहाँ आगई है मॉ ने कहा जव काली बिल्ली तेरा रास्ता
काटे तो समज ना के में आगई हु फिर जीवन को राजा के 
पास लेगाए राजा महेल के सातवें माल पे थे जीवन को वहाँ
ले जा रहे थे तभी काली बिल्ली ने रास्ता काटा जीवन समज
गया मॉ मेरे पासही है फिर वो राजा के पास गया राजाने कहा
मूँजें देवी सकती पे कोई भरोसा नहि तू अगर इस मटके के 
अंदर मटके जितना कद्दू है तू उसे निकाले ओर मटका ना टूटे
तो में मानू की माताजी होते है लेकिन एक बात जान ले मेने
नगर के जितने भी भुवे तांत्रिक है उन सबको मेने कारावास में
डाला है तू अगर ये काम नहि कर पाया तो में तेरा सर कटवा
दूँगा जीवन ने कहा राजन मूँजें मोत की बिक नहि पर आप जो 
कर रहे हो वो ठीक नहि फिर राजा बोला तूने आज तक सवालों
 उल्लू बनाया अब तेरी पोल खुल चुकी है राजा को
इतना बोलते ही जीवन का शरीर धरूजने लगा अचानक महेल
हिलने लगा फिर जीवन ने मटका एक हाथ से उठाया ओर दूसरे
 हाथ से उसने कद्दू निकल दिया राजा गभरा गया वो 
समज गया के जीवन के सरिर में माँ आगई है वो माँ से माफ़ी
मागने लगा मॉ मूँजें माफ़ कर दो मुझसे बहोत बड़ी ग़लती हो
गई है माँ ने उसे माफ़ किया ओर कहा की तूजे यहाँ मेरा मंदिर
बनाना है ओर तब से राजा ने उसी जगा माताजी का मंदिर 
बनाया ओर वो भी मा का पुजारी हो गया
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