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4/23/2020

कड़ी के कोट वाली माता मेलडी

   
                           
   

कड़ी के कोट वाली माता मेलडी

कड़ी की माँ मेलडी की कहानी
दोस्तों आज हम कड़ी शहेर की माँ केलडी की बात करते है
बरसो पहेले कड़ी में मल्हावराव का राज था उसी समय बनी
एक कहानी सुनाता हु जब चैत्री नवरात्रि का समय चल रहा 
था उस समय राजा नगर यात्रा करने निकला तब उसने देखा
कई जगह माताजी के भुवे धुन कर माताजी कI पूजा विधि
कर रहे थे कई जगह तो दाना लेके माताजी को पूछ कूच
पूछ रहे थे वो मनो मन सोचने लगा एसा कभी होता है क्या
कोई माता बता नहि होती ये सब ढोंग उसमें अभिमान आगया
फिर वो माली के पास गया ओर एक मटका दिया ओर कहा
उसमें एक कद्दू रख दो जब वो बड़ा हो जाये तब मेरे पास लाओ
 फिर दरबार में आदेस दिया नगर में जितने भी भुवे ओर
जितने भी तांत्रिक हो एन सबक़ों यह बुलवाया जाये फिर आस
पास के सभी भुवे तांत्रिक को दरबार में लाया गया सबको
राजा ने पूछा तुम लोग ये माताजी की पूजा करते हो तो बताओ
वो तुम्हें कूच कहेती है तुम बुलाओ तो क्या वो आती हाँ 
सबने राजा को कहा माताजी तो हमारा हजुर है वो कभी हमें
नीरास नहि करती फिर राजा ने वो मटका मँगवाया ओर कहा
उसके अंदर एक कद्दू है उसको एसे बाहर निकल ना है बिना
मटका तोड़े अगर आपमें सच्ची भक्ति है ओर आपको विश्वास
है आपकी माताजी पर तो आप ज़रूर निकल लेंगे परंतु जो
ये कद्दू नहि निकला तो सबको कारावास में डाल दूँगा ये सुन
कर सब परेशान कोई भी इस चेलेंज को स्वीकार ने को तैयार
ही नहि युवा राजा ने सब को केद कर दिया फिर राजा को
किसिने कहा अगर आपको विश्वास नहि तो आप एक बार 
वीरमगाम के जीवन वागरी से मिलो आपको माताजी का 
पर्चा देखने को मिलेगा राजा ने कहा तब तो जीवन वागरी को
मिलना ही होगा उसने कूच सिपाई भेजे उसे लाने के लिये
सिपाई उस जीवन वागरी के पास गये ओर कहा राजा ने
आपको बुलाया है जीवन ने कहा क्यू बुलाया है ये क्या काम
है राजा को मूजसे सिपाई ने कहा राजा को ये जानना है के
क्या हक़ीक़त में कोई माताजी जेसा है की सब ढोंग है उसी
के लिये उन्होंने आपकी परीक्षा करने के लिये बुलाया है तो
तूजे हमारे साथ चलना होगा जीवन ने कहा में मेलडी माँ का
पुजारी हु में उनके सिवा किसी का आदेस नहि मनाता मूजे 
उनकी राजा लेनी पड़ेगी सिपाई ने कहा तूजे जो करना है वो
कर पर तूजे आना तो पड़ेगा फिर जीवन माताजी को प्रार्थना
करने लगा हे माँ आज तेरे भक्त की परीक्षा हो रही है तू ही
कूच रास्ता दिखा माताजी ने उसे संकेत दिया के तू जा में
तेरे आगेही हु जीवन ने कहा माँ मूँजें केसे पता चलेगा के 
आप वहाँ आगई है मॉ ने कहा जव काली बिल्ली तेरा रास्ता
काटे तो समज ना के में आगई हु फिर जीवन को राजा के 
पास लेगाए राजा महेल के सातवें माल पे थे जीवन को वहाँ
ले जा रहे थे तभी काली बिल्ली ने रास्ता काटा जीवन समज
गया मॉ मेरे पासही है फिर वो राजा के पास गया राजाने कहा
मूँजें देवी सकती पे कोई भरोसा नहि तू अगर इस मटके के 
अंदर मटके जितना कद्दू है तू उसे निकाले ओर मटका ना टूटे
तो में मानू की माताजी होते है लेकिन एक बात जान ले मेने
नगर के जितने भी भुवे तांत्रिक है उन सबको मेने कारावास में
डाला है तू अगर ये काम नहि कर पाया तो में तेरा सर कटवा
दूँगा जीवन ने कहा राजन मूँजें मोत की बिक नहि पर आप जो 
कर रहे हो वो ठीक नहि फिर राजा बोला तूने आज तक सवालों उल्लू बनाया अब तेरी पोल खुल चुकी है राजा को
इतना बोलते ही जीवन का शरीर धरूजने लगा अचानक महेल
हिलने लगा फिर जीवन ने मटका एक हाथ से उठाया ओर दूसरे हाथ से उसने कद्दू निकल दिया राजा गभरा गया वो 
समज गया के जीवन के सरिर में माँ आगई है वो माँ से माफ़ी
मागने लगा मॉ मूँजें माफ़ कर दो मुझसे बहोत बड़ी ग़लती हो
गई है माँ ने उसे माफ़ किया ओर कहा की तूजे यहाँ मेरा मंदिर
बनाना है ओर तब से माँ मेलडी का मंदिर सातवें माल पे है
जहाँ माँ बिराज मान है ओर अपने भक्तों की मनो कामनाएँ पूरी
करती है  तो बोलो माँ मेलडी की जय
दोस्तों अगर आपको मेरी ये कहानी पसंद आइ हो तो उसे फोलो करे ओर शेर करे

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