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6/14/2022

मोर पंख का तन्त्र प्रयोग

   
                           
   

मोर पंख का तन्त्र प्रयोग




पक्षी शास्त्र में महत्त्व


जैसे उल्लूक तन्त्रं के ग्रन्थ में उल्लुओं का…..काक तन्त्रं नाम के ग्रन्थ में कौवे का महत्त्व दिया गया है उसी प्रकार देववाहिनी तन्त्रं में मोर….मोनाल और जुजुराना जैसे पक्षियों के पंखों का विवरण दिया गया है…..


बिभिन्न लाभ


वशीकरण…कार्यसिद्धि….भूत बाधा….रोग मुक्ति…..ग्रह वाधा….वास्तुदोष निग्रह आदि में बहुत ही महत्पूरण माना गया हैं…


सर पर धारण करने से विद्या लाभ मिलता है या सरस्वती माता के उपासक और विद्यार्थी पुस्तकों के मध्य अभिमंत्रित मोर पंख रख कर लाभ उठा सकते हैं…..मंत्र सिद्धि के लिए जपने वाली माला को मोर पंखों के बीच रखा जाता हैं….घर में अलग अलग स्थान पर मोर पंख रखने से घर का वास्तु बदला जा सकता है…नव ग्रहों की दशा से बचने के लिए भी होता है मोर पंख का प्रयोग……कक्ष में मोर पंख वातावरण को सकारात्मक बनाने में लाभदायक होता है……भूत प्रेत कि बाधा दूर होती है…..


ग्रह बाधा से मुक्ति


यदि आप पर कोई ग्रह अनिष्ट प्रभाव ले कर आया हो….आपको मंगल शनि या राहु केतु बार बार परेशान करते हों तो मोर पंख को 21 बार मंत्र सहित पानी के छीटे दीजिये और घर में वाहन में गद्दी पर स्थापित कीजिये…कुछ प्रयोग निम्न हैं-


सूर्य की दशा से मुक्ति


रविवार के दिन नौ मोर पंख ले कर आयें


पंख के नीचे रक्तबर्ण मेरून रंग का धागा बाँध लेँ


एक थाली में पंखों के साथ नौ सुपारियाँ रखें


गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार ये मंत्र पढ़ें


ॐ सूर्याय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:


दो नारियल सूर्य भगवान् को अर्पित करें


लड्डुओं का प्रसाद चढ़ाएं


चंद्रमा की दशा से मुक्ति


सोमवार के दिन आठ मोर पंख ले कर आयें


पंख के नीचे सफेद रंग का धागा बाँध लेँ


एक थाली में पंखों के साथ आठ सुपारियाँ रखें


गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार ये मंत्र पढ़ें


ॐ सोमाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:


पांच पान के पत्ते चंद्रमा को अर्पित करें


बर्फी का प्रसाद चढ़ाएं


मंगल की दशा से मुक्ति


मंगलवार के दिन सात मोर पंख ले कर आयें


पंख के नीचे लाल रंग का धागा बाँध लेँ


एक थाली में पंखों के साथ सात सुपारियाँ रखें


गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार ये मंत्र पढ़ें


ॐ भू पुत्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:


दो पीपल के पत्तों पर अक्षत रख कर मंगल ग्रह को अर्पित करें


बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं


बुद्ध की दशा से मुक्ति


बुद्धबार के दिन छ: मोर पंख ले कर आयें


पंख के नीचे हरे रंग का धागा बाँध लेँ


एक थाली में पंखों के साथ छ: सुपारियाँ रखे


गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार ये मंत्र पढ़ें


ॐ बुधाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:


जामुन अथवा बेरिया बुद्ध ग्रह को अर्पित करें


केले के पत्ते पर मीठी रोटी का प्रसाद चढ़ाएं


बृहस्पति की दशा से मुक्ति


बीरवार के दिन पांच मोर पंख ले कर आयें


पंख के नीचे पीले रंग का धागा बाँध लेँ


एक थाली में पंखों के साथ पांच सुपारियाँ रखें


गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार ये मंत्र पढ़ें


ॐ ब्रहस्पते नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:


ग्यारह केले बृहस्पति देवता को अर्पित करें


बेसन का प्रसाद बना कर चढ़ाएं


शुक्र की दशा से मुक्ति


शुक्रवार के दिन चार मोर पंख ले कर आयें


पंख के नीचे गुलाबी रंग का धागा बाँध लेँ


एक थाली में पंखों के साथ चार सुपारियाँ रखें


गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार ये मंत्र पढ़ें


ॐ शुक्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:


तीन मीठे पान शुक्र देवता को अर्पित करें


गुड चने का प्रसाद बना कर चढ़ाएं


शनि की दशा से मुक्ति


शनिवार के दिन तीन मोर पंख ले कर आयें


पंख के नीचे काले रंग का धागा बाँध लेँ


एक थाली में पंखों के साथ तीन सुपारियाँ रखें


गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार ये मंत्र पढ़ें


ॐ शनैश्वराय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:


तीन मिटटी के दिये तेल सहित शनि देवता को अर्पित करें


गुलाबजामुन या प्रसाद बना कर चढ़ाएं


राहु की दशा से मुक्ति


शनिवार के दिन सूर्य उदय से पूर्व दो मोर पंख ले कर आयें


पंख के नीचे भूरे रंग का धागा बाँध लेँ


एक थाली में पंखों के साथ दो सुपारियाँ रखें


गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार ये मंत्र पढ़ें


ॐ राहवे नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:


चौमुखा दिया जला कर राहु को अर्पित करें


कोई भी मीठा प्रसाद बना कर चढ़ाएं


केतु की दशा से मुक्ति


शनिवार के दिन सूर्य अस्त होने के बाद एक मोर पंख ले कर आयें


पंख के नीचे स्लेटी रंग का धागा बाँध लेँ


एक थाली में पंख के साथ एक सुपारी रखें


गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार ये मंत्र पढ़ें


ॐ केतवे नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:


पानी के दो कलश भर कर राहु को अर्पित करें


फलों का प्रसाद चढ़ाएं


वास्तु में सुधार


घर का द्वार यदि वास्तु के विरुद्ध हो तो द्वार पर तीन मोर पंख स्थापित करें , मंत्र से अभिमंत्रित कर पंख के नीचे गणपति भगवान का चित्र या छोटी प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए


नोध : इस लेख में दी गई सभी बातें सामान्य जानकारी के लिए है हमारी पोस्ट इस लेख की कोई पुष्टि नहीं करता

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