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6/20/2022

भगवान राम से जुड़े 21 बेहद रोचक तथ्य..!

   
                           
   

भगवान राम से जुड़े 21 बेहद रोचक तथ्य..!


1. भगवान राम से संबंधित मुखत: दो ग्रंथ हैं - तुलसी द्वारा रचित  'श्रीराम चरितमानस' और बाल्मीकि जी द्वारा रचित 'वाल्मीकि रामायण'। पर दोनों ग्रंथों में ऐसी कई बातें जो मेल नहीं खाती हैं। 


🌹2. भगवान् राम भगवान् विष्णु के सातवें अवतार हैं। 


🌹3. राम नाम रघु राजवंश के गुरु महर्षि वशिष्ठ ने दिया था। 


🌹4. राम का अवतार एक पूर्ण अवतार नहीं माना जाता है क्योंकि उनको 14 कलाएं ज्ञात थी। श्रीकृष्ण सोलह की सोलह कलाओं में पारंगत थे। ऐसा जान बूझकर किया गया था क्योंकि रावण को कई वरदान प्राप्त थे, लेकिन एक मनुष्य उसका वध कर सकता था। 


🌹5. जब राम अवतार का प्रयोजन सिद्ध हो गया तब रामजी को किसी साधारण मनुष्य की तरह ही अपना शरीर त्यागना था। लेकिन उनके परम भक्त हनुमान के होते यमराज के लिए रामजी तक पहुंचना संभव नहीं था। इसलिए रामजी ने जमीन में पड़ी एक दरार से अपनी अंगूठी गिरा दी और हनुमान जी से उसे लाने के लिए कहां। हनुमान जी ने उसे खोजते-खोजते नाग लोक पहुंच गए और वहां के राजा से रामजी की अंगूठी के बारे में पूछा। तब राजा ने बताया कि रामजी ने ऐसा उनका ध्यान भटकाने के लिए किया है ताकि यमराज रामजी को ले जा सकें। 


🌹6. रामजी के अनुज लक्ष्मण सीता मैया और भगवान् राम की रक्षा करने के लिए 14 वर्ष वनवास में एक भी दिन नहीं सोये थे। इसलिए उनका नाम गुडाकेश भी है। 


🌹7. रावण मायावी था उससे मुकाबला करने के लिए इंद्र देवता ने रामजी के लिए एक दिव्य रथ भेजा था। उसी रथ में बैठकर राम ने रावण को परास्त किया था। 


🌹8. वनवास जाते समय भगवान् राम की आयु 27 वर्ष थी। 


🌹9. रामचरितमानस के अनुसार राम-रावण का युद्ध 32 दिन चला था जबकि दोनों सेनाओं के बीच 87 दिन तक युद्ध हुआ..


🌹10. लंका पहुंचने के लिए समुद्र पर रामसेतु का निर्माण करने में सिर्फ 5 दिन लगे थे। 


🌹11. माना जाता है कि देवी सीता ने बचपन में ही भगवान शिव का धनुष खेल-खेल में उठा लेती थी। इसलिए राजा जनक ने उनके स्वयंवर के समय धनुष तोड़ने की शर्त रखी थी। 


🌹12. माना जाता है कि गिलहरी पर जो तीन धारियां हैं वह भगवान राम के आशीर्वाद के कारण है। दरअसल, जब लंका पर आक्रमण करने के लिए रामसेतु बनाया जा रहा था तब एक गिलहरी भी इस काम में मदद कर रही थी। उसके समर्पण भाव को देखकर श्रीराम ने प्रेमपूर्वक उसकी पीठ पर अपनी उंगलियां फेरी थी और तभी से गिलहरी पर ये धारियां मौजूद है। 


🌹13. रावण खुद को अजेय समझता था लेकिन एक बार राजा अनरण्य ने उसे श्राप दिया कि उसके वंश से उत्पन्न युवक ही उसकी मृत्यु का कारण बनेगा। श्रीराम राजा अनरण्य के वंश में ही जन्मे थे। 


🌹14. भगवान राम चार भाई थे - राम,  लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और उनकी एक बड़ी बहन भी थी जिसका नाम शांता था। 


🌹15. रामजी के धनुष का नाम कोदंड था। 


🌹16. भगवान् विष्णु के 1000 नामों में से राम नाम 394 नंबर पर दर्ज है । 


🌹17. भगवान विष्णु के अवतार परशुराम ये नहीं जानते थे कि श्रीराम भी विष्णु अवतार हैं। इसलिए उन्होंने रामजी को विष्णु जी के धनुष पे प्रत्यंचा चढ़ाने को कहा, जिसे रामजी ने आसानी से चढ़ा दिया और परशुराम जी भी रामजी के असली स्वरूप को जान गए। 


🌹18. रावण अपने समय का सबसे बड़ा ज्ञानी था, इसीलिए एक बार रामजी ने रावण को महा-ब्राह्मण कह कर पुकारा था, और उसकी मृत्यु के समय लक्ष्मण को उससे ज्ञान प्राप्त करने के लिए भेजा था। 


🌹19. लंका पर चढ़ाई करने से पहले श्रीराम ने रामेश्वरम में शिवलिंग बनाकर शिव आराधना की थी। आज भी रामेश्वरम हिंदुओं के सबसे प्रमुख तीर्थ स्थलों में गिना जाता है। 


🌹20. सीताजी के स्वयंवर में रामजी ने शिवजी के जिस धनुष को तोड़ा था उसका नाम पिनाक था। 


🌹21. जिस जंगल में भगवान् राम, सीता मैया और लक्ष्मणजी ने वनवास काटा था उस जंगल का नाम दंडकारण्य था। 


🌹जय जय सियाराम🌹🚩🙏🙏





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