गठिया का दर्द के धरेलू नुस्ख़े
परिचय :
कारण :
गठिया का रोग दांत गन्दे रहना, भय, अशान्ति, शोक, चिन्ता, अनिच्छा का काम, पानी में भीगना, ठंड लगना, आतशक, सूजाक, अधिक स्त्री सहवास (संभोग), ठंडी रूखी चीजें खाना, रात को अधिक जागना, मल-मूत्र के वेग को रोकना, चोट लगना, अधिक खून बहना, अधिक श्रम, मोटापा आदि कारणों से होता है। यह रोग खून की कमी, शारीरिक कमजोरी तथा बुढ़ापे में हड्डियों की चिकनाई कम होने के कारण भी उत्पन्न होता है। इस रोग में दर्द या तो बाएं या दाएं घुटने में अथवा दोनों घुटनों में होता है। रोगी को बैठने के बाद खड़े होने में तकलीफ होती है और रात के समय रोग बढ़ जाता है। सर्दी तथा वर्षा के मौसम में यह रोग दर्द के साथ रोगी को व्याकुल कर देता है एवं चलने-फिरने, उठने-बैठने में तकलीफ पैदा करता है। रोगी के घुटने कड़े हो जाते हैं और उनमें कभी-कभी सूजन भी हो जाती है।
लक्षण :
भोजन तथा परहेज :
उड़द की पिट्ठी की कचौडी तथा बड़ी मछली, दूध, दही, पानी, गर्म (मसालेदार) भोजन, रात को अधिक देर तक जागना, मल-मूत्र के वेग को रोकना आदि गठिया रोग में हानिकारक है। मूली, केला, अमरूद, कटहल, चावल, लस्सी एवं गुड़ आदि का प्रयोग भी इस रोग में हानिकारक है। इस रोग में रोगी को भूख से एक रोटी कम खानी चाहिए और ठंडी वस्तुओं का सेवन कम करने चाहिए। रोगी को शरीर को अधिक थकाने वाले कार्य नहीं करने चाहिए तथा खाने के बाद बैठकर पढ़ने-लिखने का कार्य भी अधिक नहीं करना चाहिए।
उपचार :
- गेहूं के आटे और एरण्ड के बीजों का चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर बकरी के दूध या पुराने घी में मिलाकर लेप बनाकर घुटनों और हडि्डयों पर लगाने से गठिया के रोगी को लाभ मिलता है।
- गठिया के रोग में अजवायन के चूर्ण की पोटली बनाकर सिंकाई करने से रोगी के दर्द में आराम पहुंचता है।
- जंगली अजावयन को एरण्ड के तेल के साथ पीसकर लगाने से गठिया का दर्द ठीक हो जाता है।
- अजवायन का रस आधा कप पानी में मिलाकर आधा चम्मच पिसी सोंठ खाने के बाद ऊपर से पीने से गठिया के रोग में लाभ होता है।
- 1 ग्राम पिसी हुई दालचीनी में 3 बूंद अजवायन का तेल डालकर सुबह-शाम सेवन करने से गठिया का दर्द ठीक हो जाता है।
- गठिया के दर्द में केवड़ा के तेल की मालिश करने से लाभ मिलता है।
- पीपल और बेलिया के पत्तें व छाल को एकसाथ पीसकर लेप बना लें। इसका लेप अंगुलियों व घुटनों पर करने से अंगुलियों व घुटनों की हड्डियां मजबूत होती है।
- घुटनों के दर्द में त्रिफला, पीपल की जड़, सोंठ, कालीमिर्च और पीपल को 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। यह 2 चुटकी चूर्ण शहद के साथ सुबह-शाम लेने से घुटनों का दर्द दूर हो जाता है।
- 10 ग्राम पीपल के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर उसमें शहद डालकर सेवन करने से गठिया रोग ठीक हो जाता है।
- संतरे का रस, जोड़ों के दर्द और सूजन में लाभकारी होता है। यह दिल, सिर और जिगर को ताकत और स्फूर्ति देता है।
- गठिया के रोगी का रोग दूर करने के लिये संतरे का सेवन करना लाभकारी होता है।
- सिरका में मीठा तेल मिलाकर जोड़ों पर मालिश करने से गठिया रोग में होने वाला दर्द दूर हो जाता है।
- गठिया के दर्द में मोम और लोबान बांधने से गठिया रोग में होने वाली गांठे दूर हो जाती है।
- 1.5 लीटर पानी में 500 ग्राम तम्बाकू भिगो दें। भिगोये हुए पानी में तम्बाकू मसलकर छान लें। फिर इसे तिल के तेल में मिलाकर रोजाना सुबह-शाम मालिश करने से गठिया का दर्द दूर हो जाता है।
- 3 चम्मच कपड़े धोने वाला सोड़ा तेज गर्म पानी में मिलाकर गठिया के दर्द से ग्रस्त घुटने पर पानी गिराने से फिर पानी पोंछकर एरण्डी के तेल की मालिश करने से लाभ होता है।
- 20 ग्राम बिनौले को कूटने के बाद पानी में उबालकर थोड़ा गर्म रहने पर घुटने पर बांधने से रोगी को लाभ मिलता हैं।
- गठिया का दर्द दूर करने के लिए बिनौले के तेल से मालिश करने से लाभ होता है।
- नीम की छाल को पीसकर छान लें। इस मलहम को मोम या वैसलीन के साथ मिलाकर घुटनों पर मलने से रोगी के घुटनों का दर्द नष्ट हो जाता है।
- जब घुटनों में दर्द हो तो रात को मिट्टी की पट्टी बांधकर पानी की भाप से घुटने की सिंकाई करने से लाभ मिलता है।
- घुटने के दर्द में 100 ग्राम आम की गुठलियों को कुचलकर 250 मिलीलीटर सरसों के तेल में अच्छी तरह से पकाकर मालिश करने से लाभ होता है।
- सरसों के तेल में पिपरमेंट के तेल को मिलाकर लगाने से गठिया रोग में आराम मिलता है।
- गर्म राख में 4 आलू सेंक ले। फिर उनका छिलका उतारकर उनमें नमक-मिर्च डालकर रोजाना खाने से गठिया का रोग ठीक हो जाता हैं।
- पाजामे या पतलून की दोनों जेबों में हर समय 1 छोटा-सा आलू रखें। यह प्रयोग गठिया रोग से रक्षा करता है। आलू खाने में भी बहुत लाभदायक होता है।
- कच्चे आलू को पीसकर घुटनों पर लगाने से घुटनों का दर्द ठीक हो जाता है।
- मेहन्दी के हरे पत्तों के 100 मिलीलीटर रस को तिल के 100 मिलीलीटर तेल में मिलाकर तब तक उबालें जब तक जलकर सिर्फ तेल ही रह जाये। फिर इसे ठंडा करके छान लें और गठिया रोग से पीड़ित रोगी के दर्द वाले स्थानों पर 2 बार मालिश करें। मालिश करने के आधे घण्टे बाद सिंकाई करने से जोड़ों का दर्द (आमवात), साइटिका का दर्द और कमर दर्द में लाभ मिलता है।
- मेहन्दी और एरंड़ के पत्तों को बराबर मात्रा में पीसकर थोड़ा गर्म करके घुटने पर लेप करने से घुटनों के दर्द में राहत मिलती हैं।
- बकरी के दूध में महुए के फूल पकाकर पीने से घुटने के दर्द में आराम मिलता है।
- गठिया के दर्द को दूर करने के लिये मेंहदी और एरण्ड के पत्तों को पीसकर लेप करने से लाभ होता है।
- मेहन्दी के ताजे पत्तों को बारीक पीसकर रात को सोते समय दर्द वाले स्थानों पर गाढ़ा लेप लगाएं। इससे गठिया के रोग में जल्दी आराम मिलता है।
- जोड़ों में दर्द प्राय: शरीर में वात (गैस) के बढ़ जाने के कारण होता है। कभी-कभी कफ के शरीर में बढ़ जाने के कारण भी यह रोग पैदा हो जाता है। इन कारणों से गठिया रोग होने पर रोगी को धनिये तथा सोंठ के चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर चटाना चाहिए।
- धनिये के तेल की घुटनों पर मालिश करने से गठिया का दर्द दूर हो जाता है तथा हडि्डयों में उत्पन्न कमजोरी भी ठीक हो जाती है। 25 ग्राम सोंठ, 10 ग्राम कालीमिर्च, 10 ग्राम लौंग, 10 ग्राम धनिये के दाने, 10 ग्राम अजवाइन और 5 ग्राम सेंधानमक को एकसाथ मिलाकर चूर्ण बना लें। 3 से 4 ग्राम की मात्रा में चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से रोगी को गठिया (घुटनों के दर्द) के रोग में लाभ मिलता है।
- 3.5 ग्राम धनिये में 10 ग्राम चीनी मिलाकर खाने से गठिया का रोग नष्ट हो जाता है।
- 5 मिलीलीटर नींबू के रस में 3 ग्राम चीनी डालकर रोजाना पीने से जोड़ों के दर्द और खांसी में आराम मिलता है।
- नियमित रूप से चुकन्दर का सेवन करने से जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है।
- घुटने के दर्द को दूर करने के लिए 1 चम्मच पत्ता गोभी का रस, 1 चम्मच चुकन्दर का रस और 1 चम्मच गांठ गोभी का रस लेकर उसमें थोड़ा सा कालानमक और पिसी हुई 2 लौंग डालकर सेवन करने से गठिया रोग से ग्रस्त रोगी को लाभ मिलता है।
- 1 चम्मच सिरका, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और 2 चम्मच शहद को मिलाकर दिन में 2 बार सुबह खाली पेट और रात में सोते समय रोगी को पिलाने से गठिया रोग में आराम मिलता है।
- मोटी-मोटी कुटी हुई 1 चम्मच दानामेथी में 21 दाने कलौंजी के मिलाकर सुबह खाली पेट तथा रात को सोते समय ठंडे पानी से रोजाना फंकी लेने से घुटनों के दर्द में आराम होता है।
- गठिया रोग में होने वाले दर्द से ग्रस्त अंगों पर करेले का रस लगाने और सब्जी के रूप में खाने से लाभ होता है।
- करेलों के पत्तों के रस की मालिश करने से जोड़ों का दर्द ठीक हो जाता है।
- गठिया के रोगी को करेले की सब्जी बिना कड़वापन दूर किए खिलाने से खून में होने वाली सड़न खत्म हो जाती है।
- करेले का रस निकालकर गठिया रोग से ग्रस्त अंगों पर लगाने से गठिया की सूजन व दर्द कम हो जाता है। इसके साथ-साथ करेले के रस में राई का तेल मिलाकर मालिश करने से भी लाभ होता है।
- फालसे के पेड़ की छाल का लेप करने से आमवात (गठिया) रोग में लाभ होता है और शारीरिक पीड़ा दूर होती है।
- 20 ग्राम नीम के पत्ते और 20 ग्राम कड़वे परवल के पत्तों को 300 मिलीलीटर पानी में डालकर उबाल लें। उबलने पर चौथाई भाग पानी शेष रहने पर इसमें शहद मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से खून शुद्ध होता है। इसके साथ ही नीम के पत्तों को कांजी या छाछ में उबालकर और पीसकर गठिया रोग से ग्रस्त अंगों पर लेप करते रहने से गठिया रोग कुछ ही दिनों में दूर हो जाता है।
- 20 ग्राम नीम की अन्तर छाल को पानी के साथ खूब बारीक पीसकर गठिया रोग के दर्द वाले भाग पर गाढ़ा लेप करने से 3 से 4 दिनों में ही जोड़ो का दर्द मिट जाता है।
- नीम की छाल के रस की 10-20 बूंदों को 2 से 4 दिन तक सेवन करें। इसके 2 घण्टे के बाद ताजी बनी हुई रोटी घी के साथ खाने से लकवा, आधे शरीर में लकवा होना व गठिया रोग में लाभ होता है।
- गठिया रोग से ग्रस्त अंगों पर नीम के तेल की मालिश करने से लाभ होता है।
- नीम के तेल की मालिश या नीम के पत्ते को पानी मे उबालकर भाप लेने से तथा सिंकाई करने से और दर्द वाले अंगों पर गर्म पत्ते बांधने से आराम मिलता है।
- थोड़ी से नीम के ताजे पत्ते और 60 ग्राम नीम की लाल-लाल कोंपलों को 250 मिलीलीटर उबलते हुए सरसों के तेल में डालें। जब तेल में कोपलें काली हो जायें, तब तेल को छान लें। ध्यान रखें कि कोपलें जलकर राख नहीं हों। इस तेल को लगाने से जोंड़ों के दर्द में लाभ मिलता है।
- 1 लीटर गर्म पानी में 4 चम्मच नमक डालकर गठिया (घुटनों के दर्द) रोग से ग्रस्त अंगों की सिंकाई करने से आराम मिलता है।
- गठिया रोग में कमजोरी के कारण होने वाले दर्द में 20-20 ग्राम सेंधानमक, सोया, देवदारू, चीता, बायविडंग, पीपल, कालीमिर्च, अजमोद, पीपरामूल, 200-200 ग्राम विधरा और सोंठ और 100 ग्राम हरड़ को पीसकर व छानकर अच्छी तरह मिला लें। 680 ग्राम गुड़ पानी के साथ आग पर पकाकर चाशनी बना लें। इस चाशनी में पहले बनाए गए चूर्ण को मिलाकर 4-4 ग्राम की गोलियां बना लें। रोजाना सुबह-शाम यह 1-1 गोली गर्म पानी के साथ सेवन करने से गठिया (घुटनों के दर्द) में लाभ होता है।
- गठिया के रोग को दूर करने के लिए रोजाना अत्यधिक मात्रा में टमाटर खाने चाहिए।
- तरबूज का रस पीना जोड़ों के दर्द में बहुत ही लाभकारी होता है।
- लगभग 3-4 ग्राम तिल और सोंठ को एकसाथ मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करने से आमवात रोग में लाभ मिलता है।
- तुलसी के पत्ते आधे मुट्ठी, एक नया पत्ता एरण्ड का और आधा चम्मच नमक आदि को पीसकर गर्म करके घुटनों पर 10 दिन तक प्रतिदिन लेप करते रहने से घुटनों का दर्द कुछ ही दिन में समाप्त हो जाता है।
- तुलसी के पत्तों के रस में अजवायन मिलाकर गठिया के रोगी को खिलाना चाहिए। इससे गठिया रोग कुछ ही समय में नष्ट हो जाता है। आधा चम्मच तुलसी के पत्तों का रस, पिसी हुई कालीमिर्च के 4 दाने, 2 चुटकी काला नमक तथा 2 चम्मच शहद को एकसाथ मिलाकर 40 दिनों तक सेवन करने से गठिया रोग में लाभ होता है।
- सरसों के तेल में प्याज के रस को पकाकर गठिया के दर्द वाले स्थान में मलने से गठिया के दर्द और सूजन में आराम मिलता है।
- गठिया का दर्द दूर करने के लिये सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करने से लाभ मिलता है।
- गठिया के रोगी को रात को सोते समय दूध के साथ एरण्ड का तेल मिलाकर पिलाने से गठिया रोग में होने वाली कब्ज दूर हो जाती है।
- दूध में लहसुन की 1 कली को उबालकर इस दूध को पीने से जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है।
- लोंग, सुहागा, भुना एलवा एवं कालीमिर्च को 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर पीस लें। इस चूर्ण को घीग्वार के रस में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर छाया में सुखाने के बाद 1-1 गोली सुबह-शाम लेने से कुछ ही समय में गठिया का रोग कम हो जाता है।
- 5-5 ग्राम लोंग, भुना सुहागा और कालीमिर्च को लेकर पीसकर घीग्वार के रस में चने जैसे गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें। यह एक गोली सुबह-शाम गर्म दूध या गर्म पानी के साथ लेने से घुटने का दर्द कुछ ही दिनों में सही हो जाता है।
- गठिया के रोगी को गांजे का लेप दर्द वाली जगह पर करने से दर्द ठीक हो जाता है।
- बेसन की रोटी बिना नमक के शुद्ध घी में चुपड़कर खाने से गठिया रोग में होने वाला दर्द कम हो जाता है।
- 100 मिलीलीटर पानी, 50 ग्राम तारपीन, 20 ग्राम सनलाइट साबुन और 9 ग्राम कपूर को तिल के तेल में सिद्ध करके मालिश करने से गठिया रोग में लाभ होता है।
- फालसे की जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया रोग ठीक हो जाता है।
- उड़द को एरण्ड की छाल के साथ उबालकर चबाने से गठिया रोग में हड्डी के अन्दर होने वाली कमजोरी दूर हो जाती है।
- लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग अफीम और लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग कपूर की गोली बनाकर खाने से शरीर में पसीना अधिक मात्रा में आता है जिससे गठिया का दर्द जल्दी ठीक हो जाता है।
- 4 ग्राम कपूर और 1 ग्राम अफीम को पीसकर 20 गोलियां बनाकर छाया में सुखाकर एक गोली सुबह-शाम गर्म पानी से लेने से गठिया रोग में आराम मिलता है।
- जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए 250 मिलीलीटर सरसों का तेल, 10 ग्राम अजवायन, 3 कलियां पिसा हुआ लहसुन, 2 लोंग का चूर्ण और चुटकी भर अफीम को एकसाथ मिलाकर आग पर अच्छी तरह पका लें। जब अजवाइन, लहसुन आदि सब जलकर काले पड़ जाए, तो तेल को आग से नीचे उतारकर छान लें। इस तेल की मालिश सुबह-शाम प्रतिदिन जोड़ों पर करने से रोगी को गठिया रोग में लाभ मिलता है।
- गठिया के रोगी को पोदिने का काढ़ा बनाकर पिलाने से पेशाब खुलकर आता है और गठिया रोग में आराम मिलता है।
- सिरके में गन्धक मिलाकर लेप करने से गठिया रोग की सूजन मिट जाती है।
- गठिया रोग से ग्रस्त रोगी को रोजाना खीरे का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा इस रोग में रोजाना लहसुन का सेवन भी लाभदायक रहता है।
- सुबह खाली पेट 5 ग्राम अखरोट की गिरी और 5 ग्राम पिसी हुई सोंठ को 1 चम्मच एरण्ड के तेल में पीसकर गुनगुने पानी से लेने से रोगी के घुटनों का दर्द दूर हो जाता है।
- गठिया रोग में होने वाले दर्द को दूर करने के लिये अखरोट का तेल जोड़ों पर लगाने से रोगी को लाभ मिलता है।
- शिलाजीत, सोंठ, पीपल और गुग्गुल को एकसाथ मिलाकर 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को गाय के पेशाब के साथ सुबह-शाम लेने से 1 महीने के अन्दर घुटनों का दर्द दूर हो जाता है।
- असली हींग को घी में मिलाकर जोड़ों के दर्द से ग्रस्त रोगी की मालिश करने से आराम मिलता है।
- 5 ग्राम फिटकिरी, 15 ग्राम मीठी सुरंजन, 5 ग्राम बबूल की गोंद और 10 दाने पिसी हुई कालीमिर्च को सुखाकर और भूनकर एकसाथ पीसकर चूर्ण बना लें। इसमें से 2 चुटकी चूर्ण रोजाना 2 बार लेने से गठिया रोग जल्दी ठीक हो जाता है।
- जोड़ो के दर्द को दूर करने के लिये पालक, टमाटर, खीरा आदि सब्जियों का सेवन करना चाहिए एवं इनका सलाद बनाकर खाना चाहिए।
- गठिया के रोग में हल्दी के लड्डू खाने से लाभ होता है।
- हल्दी, चूना और गुड़ का लेप बनाकर कई दिन तक रोगी के गठिया रोगग्रस्त अंगों पर करने से कलाई और जोड़ों का दर्द मिट जाता है।
- 10 ग्राम शहद, 20 मिलीलीटर गुनगुना पानी और 1 छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर को एकसाथ मिलाकर रख लें। जिस जोड़ में दर्द कर रहा हो, उस पर धीरे-धीरे इसकी मालिश करें। इससे दर्द कुछ ही मिनटों में मिट जाएगा।
- 1 गिलास दूध में 1 गिलास पानी मिलाएं। फिर इसमें 1 चम्मच पिसी हुई दालचीनी, 4 छोटी इलायची, 1-1 चम्मच सोंठ व हरड़ तथा लहसुन की 3 कली के छोटे-छोटे टुकडे़ डालकर उबालें। जब दूध पकने के बाद आधा शेष रह जाएं तो इसे गर्म-गर्म ही पीना चाहिए। लहसुन को भी दूध के साथ ही निगल जाना चाहिए। इससे आमवात व गठिया रोग में लाभ मिलता है।
- गठिया रोग से ग्रस्त रोगी के रोगग्रस्त अंगों पर धतूरे के पत्तों को पीसकर लेप करने से रोगी का दर्द और सूजन कम हो जाती है।
- गठिया रोग से पीड़ित रोगी के शरीर में दर्द वाले स्थान पर धतूरे के पत्तों के तेल से मालिश करने से लाभ होता है।
- धतूरा के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) का रस निकालकर उसको तिल के तेल में पकाकर, जब तेल शेष रह जाए तो रोगग्रस्त अंग पर इस तेल की मालिश करके ऊपर से धतूरा के पत्ते बांध देने से गठिया का दर्द नष्ट हो जाता है। इस तेल का लेप करने से सूखी खुजली और गठिया में लाभ होता है।
- जोड़ों के दर्द में धतूरा का सत लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करने से लाभ मिलता है।
- धतूरे के पत्तों के लेप से या इसके पत्तों की पुल्टिश बनाकर रोगग्रस्त अंग पर बांधने से गठिया और हड्डी के दर्द में लाभ होता है।
- 20 ग्राम सूखे आंवले और 20 ग्राम गुड़ को 500 मिलीलीटर पानी में मिलाकर उबाल लें। उबलने पर जब पानी लगभग 250 मिलीलीटर की मात्रा में रह जाए तो इस पानी को छानकर सुबह-शाम गठिया रोग से ग्रस्त रोगी को पिलाने से लाभ होता है। रोगी को गठिया रोग की चिकित्सा के दौरान नमक बिल्कुल छोड़ देना चाहिए।
- आंवला और हरड़ को एकसाथ पीसकर बनें चूर्ण को 3-3 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से गठिया का दर्द खत्म हो जाता है।
- सूखे आंवले को कूटकर पीस लें। फिर इस चूर्ण में इससे 2 गुनी मात्रा में गुड़ मिलाकर बेर के आकार की गोलियां बना लें। यह 3 गोलियां रोजाना खाने से जोड़ों का दर्द खत्म हो जाता है।
- एक गिलास पानी में 25 ग्राम सूखे आंवले और 50 ग्राम गुड़ को डालकर उबाल लें। उबलने पर यह चौथाई भाग पानी बाकी रहने पर इसे छानकर रोजाना 2 बार रोगी को पिलाएं। इस रोग की चिकित्सा के दौरान रोगी को बिना नमक की रोटी तथा मूंग की दाल में सेंधानमक और कालीमिर्च डालकर खिलाना चाहिए।
- अदरक के 500 मिलीलीटर रस और 250 मिलीलीटर तिल के तेल को एक साथ मिलाकर आग पर पकाएं। जब रस जलकर खत्म हो जाए तो इस तेल को छानकर रख लें। इस तेल की मालिश करने से जोड़ो की सूजन में बहुत लाभ होता है। अदरक के रस में नारियल का तेल भी पकाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
- अदरक को पीसकर जोड़ो की सूजन और पैरों के जोड़ों पर लेप करने से सूजन और दर्द जल्दी ठीक हो जाते हैं।
- गठिया रोग से ग्रस्त रोगी के दर्द वाले अंगों पर काली मिर्च से बने तेल से मालिश करने से गठिया के रोगी को लाभ मिलता है।
- कपूर को उससे 4 गुना गिरी के या शुद्ध तिल के तेल में गर्म करके गठिया रोग के कारण दर्द, जोडों की सूजन, शरीर की गांठ, जख्म और पर मालिश करने से जल्दी आराम आता है।
- 500 मिलीलीटर तिल के तेल में 10 ग्राम कपूर को मिलाकर शीशी में भरकर उसके बाद ऊपर से ढक्कन को लगाकर धूप में रख दें। जब कपूर तेल में पूरी तरह से घुल जाए, तो जोड़ों पर अच्छी तरह से मालिश करने लाभ होता है।
- अमरूद के कोमल पत्तों को पीसकर गठिया रोग से ग्रस्त अंगों पर लेप करने से लाभ होता है।
- गठिया के दर्द को दूर करने के लिये अमरूद की 5-6 नई पत्तियों को पीसकर उसमें थोड़ा सा कालानमक डालकर प्रतिदिन सेवन करने से रोगी को लाभ मिलता है।
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