माँ सोनबाई के 51 आदेश
आज जीवन में माँ के एक आदेश का पालन हो जाये तो जीवन सार्थक है।
1. सतवाडी चारण बनो पारिवारिक क्लेश मिटाओ शराब चारण छोड़ो (ई) I सोनल आदेश
2 के लिए बेटी नहीं। भाव, शेयर मत करो लाहुलेश, देववृती छोड़ी (ई) आई सोनल आदेश
3. चोरी, जारी, जुआ हटाओ संघर्ष नीति चरण नाभो (ई) आई सोनल आदेश।
4. कुरिवाजो निकालने के लिए विशेष समय काम खाना तोड़ दो (ई) आई सोनल आदेश
5 बजे छुट्टी के लिए पूछ रहे हैं। महीने, पुरुष ब्याज पोशाक में वृद्धि नाइक टेक नवाद रखें, (ई) आई सोनल आदेश
6. जीवन ऐसे जियो कि अहिंसा बन जाए वेद रामायण वाजतो (ई) I सोनल आदेश
7. सरस्ती सेवा सदा, भक्ति करे, उज्ज्वल शैली आचरण (ई) I सोनल आदेश
8. प्यार से पढने की सुविधा हमेशा समय मेसेज देवजति दिपवजो (ई) आई सोनल आदेश
9. प्रतिभा तेजप्रताप महान नरेश को नमन करता है ऐसे चरण अवतार (ई) सोनल आदेश
10. अनाज, धागा, धोये, टूट कलेश हटाओ, चरण पाखंड छोड़ो (ई) I सोनल आदेश
11. उजवल करनी व्यवहार, व्रतधारी विशेष जगदम्बा जीभ जयो (ई) आई सोनल आदेश।
12. तपस्या से जीवन जिएं, जगदम्बा घर में जन्म लेंगे विशेष रंग चरण, (e) I सोनल आदेश
13. आलस्य, व्यसन का तीसरा शिकार, विशेष जीवन live high (e) I सोनल आदेश।
14. खुश मत रहो परख मत करो नफरत करो समंदर बनो चारण (ई) आई सोनल आदेश
15. दोशौर देखे नपुंसक गुण प्रवेश, दृष्टि सदा रखे (ई) I सोनल आदेश।
16. कभी सुनता नहीं परनिंदा परवेश, जटपट धोखेबाज़ निकालो (e) I सोनल आदेश
बोल 17. शब्द जैसे नौ, कड़वा रे कलेश वाणी निर्मल प्रयोग (ई) आई सोनल आदेश
18. काबर, लबर, लुगडा, पोशाक न पहने, हमेशा भेष बदल कर व्यवहार करें (ई) I सोनल आदेश
19. चारण चौथा वेद है, उपमा में देखे देश, वेद पुराण जिह्वा वदो (इ) मैं सोनल आदेश
20. फोकट धरदार घुमक्कड़, हर्ष मान सदा, धंधे का ध्यान रखें (ई) आई सोनल आदेश
21. शरीर सुधार लिए जाते हैं। स्नान से यज्ञ बढे, भक्ति भावेश, वित्त् (ई) I सोनल आदेश
22. सोच समझ कर बोलें, ताकि वजन बढ़ जाए खास, कॉल ना बदलें (e) I Sonal order
23. जीवंत कहानी एक रंग, वाणी व्यवहार भेष, एक रंग निखर (ई) आई सोनल आदेश
24 के पीछे मत भागो। धन, लोभी मानलेश सही नीति के साथ चलो (ई) आई सोनल आदेश
25. सुख ही दुख है। सांसारिक सांसारिक में, भूतकाल से भेषित, संतुष्टि सुखी रहो (e) I सोनल आदेश
26. देग तेग दया बनाये रखे, पढे कुछ खास, जिन्दगी जल्दी जिये (e) I सोनल आदेश
27. भुवन में पीड़ित, रोग वृद्धि विशेष जीवन योग आचरण (e) I सोनल आदेश
28. जिणधरी लेखनी खुश मन सदा, अटक रहे (e) I सोनल आदेश
29. कंठ कहानी और कबना, हल्के झरने सदा, गाओ गीत गोविन्दाना, (ई) आई सोनल आदेश
30. काव्य प्रसिद्धि मानवतनी, प्रेमहीन ना लिखें, वैखरी ना बोलें (ई) आई सोनल आदेश
31. अभ्यगत का साथ दो, सदा सुख दो, धर्म की शरण रखो (ई) I सोनल आदेश
32 के हिसाब से आचरण करें। बार बार होसला रख सदा अवला कच्छ (ई) मत करियो सोनल आदेश
33 करो। व्यापार ऐसा करो कि पाप प्रवेश न करे नारायण नीति वाशे (e) I सोनल आदेश
34. समुद्र रेल में दर्द होता है आसमान चाहे खराब हो पैर के नीचे नहीं पड़ते (e) I सोनल आदेश
35. कुषाण मुक्त कार्य पुणे पथ प्रवेश नौ दर्द संसार को (e) I सोनल आदेश
36. शक्ति ऐश्वर्य शक्ति देन, सुख बढे विशेष, (फिर भी) चरण कदे छक्के (ई) आई सोनल आदेश
37. मन बड़ा तन उजला, काली छाया तन, समुद्र उप चार (ई) I सोनल आदेश
38. चतुराई चरण, डियान वन्दे देश मतले काजिया मालक की (ई) आई सोनल आदेश
39. वेद पुराणों में वेद विशेष चरण देव समान (ई) I सोनल आदेश
40. पाख मोशले छोड़े मुनापीता महेश चरण देवी के पुत्र है सोनल आदेश
41. कलयुग की दुनिया में फैली, संयम कहंत सन्देश चरण टेस्ट अलर्ट, (e) I सोनल आदेश
42. धर्म टिके तो धन टिके, वंश बढे विशेष सुख रहे संसार में (e) I सोनल आदेश
43. जीवन दिव्य जियें, घंटे उपदेश दें, कलियुगी जीवन निकालें (e) I सोनल आदेश
44. अज्ञानता से गुण तेरे, बढे अभिमान विशेष, (लिए) मैं पद से पीछे हटता हूँ (ई) I सोनल आदेश
45. सुर दुर्लभ संसारी मानुष भेष में, परस्पर रूप पहने (ई) I सोनल आदेश
46. 46. साठ साठ नीरथ के आँगन में वंद मावतार देश प्रेम से हुक्म रखना (e) I सोनल हुक्म
47. दानव मानव शरीर सदा मरे, मुक्त जीवन पाए (ई) आई सोनल आदेश
48. रचनाकार अवशोषित सृष्टि का पालनहार रूप, शक्ति कारण तुम हो, मैं सोनल आदेश
49. एकावन जगत को समर्पित सन्देश, स्वधाम पुत्र संचार्या I सोनल आदेश
50. आई सोनल आदेश पढ़ना और सुनना सीखो, निर्विघ्न जीवन धन्य हो जाएगा, आई सोनल आदेश।
51. सोनल सुना (जे) एकावन आदेश। कवि 'मेघराज' ने कहा, मैं सोनल आदेश देता हूँ।
उपरोक्त 51 आज्ञा हमारे चरण सोनबाई की महान गीता है जो इस जन्म संजीव को अपने जीवन में उतार ले धर्म अर्थ काम मोक्ष तीनों पूर्ण हो जाएंगे
चूंकि जिस काम के लिए मैं आया था वह पूरा हो गया है। एस. 2031 कार्तक सुद 13 27-11-74 को बुधवार सुबह 5:15 बजे यह पांच महाभ का शरीर त्याग कर परमतव में लीन हो गया था।
पूह। आइमा के पार्थिव शरीर को उसके कनेरी स्थित आवास पर अग्नि दी गई।
तब हजारों नहीं लाखों श्रद्धालुओं की आँखों से आँसू बहने लगे।
ऐश्री सोनल का संक्षिप्त परिचय:
नाम :- सोनबाई हमीर मोड
पिता का नाम :- हमीर मनसूर मोड
माता का नाम :- रणबाई मन्नूर
रणबाई का मूल नाम :- वलबाई माँ
गोत्र :- चारण गोत्र
गोत्र :- ट्यूबेल गोत्र।
गोत्र रुदुषी :- शिव।
कुलदेवी :- रवेची।
मूल शाखा :- मावर (गुंगडा)
उप शाखा :- मोड।
जन्म दिन :- वी. नंबर 1980, पॉश सुद-2
दिनांक:-8-1-1924 दिन मंगलवार
समय:- शाम 8:30 बजे।
जन्मस्थान :- माधा, तालुका: केशोद, जि: जूनागढ़
स्वाधमागमन :- वी. सं. 2031 कार्तक सुद 13 तारीख 27-11-1974
समाधि स्थल :- कनेरी, तालुका : केशोद
जय माँ सोनल
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