पिता ओर पुत्र का अनोखा प्यार
दोस्तों आज में आपको एक एसी कहानी सुनाने जा रहा हु
जो पिता ओर पुत्र पर आधारित है एक पिता को अपने पुत्र
पर ओर एक पुत्र को अपने पिता पर कितना प्यार है जो
ओर किस तरह से अपने रीस्ते को नीभाते है ओर अपना
प्यार दरसाते है तो आइये सुरु करते पिता ओर पुत्र की
अनोखी जीवन धारा
एक आदमी था जो सिदा सदा ओर सरल स्वभाव का था
उसने सादी की ओर उसको एक लड़ाका हुवा वो दो शाल
का हुवा ओर उसकी बीबी मर गई वो बहोत ही उदास हो
गया उसके सगे सबंदी कहेने लगे की तू दूसरी शादी कर
ले लेकिन उसने मना कर दिया वो जनता था कि अगर वो
शादी करेगा ओर उसको एक बच्चा होगा तो उसके ये
लड़के को कभी माँ का प्यार नहि मिलेगा ओर वो कभी
खुस नहि रह पायेगा इसी लिये उसने तय किया कि वो
शादी नहि करेगा उसने ख़ुद ही उसका पालन पोसन किया
उसको पढ़ाया लिखाया ओर इक अच्छा इंसान बनाया
फिर उसकी शादी कार्रवाई वो बहोत ही खुस था अब
उसके मन का बोज हलका हो चूका था इक दिन की
बात है पूरा परिवार धर पे था ओर भोजन का समय हो
चुका था बहू ने थरिया लगाई बाप ने कहा चलो बेटे खाने
के लिये बेटे ने कहा नहि पिताजी आप भोजन कर लो में
थोड़ी देर के बाद खाता हु उसका बाप खाने के लिये बेठा
ऑर उसने बहू से कहा दही है बेटा बहू ने कहा नहि बपूजि
बाप ने कहा कोई बात नहि फिर वो खाना खाकर बाहर
चला गया लड़का ये सब देख रहा था फिर थोड़ी देर बाद
वो भी खाने के लिये बेठा ओर उसकी बीबी ने दही का
भरा हुवा वाटका रख दिया लड़का समजदार ओर होशियार
था वो कूच नहि बोला ओर खाना खाके चला गया फिर
दूसरे दिन वो आपने पिताजी से मिला ओर कहने लगा
पिताजी आज तक मेने आपसे कूच नहि मागा में आज
आपसे कूच मंगाना चाहता हु बाप ने कहा मेरा जो कूच
भी है वो तुमरा ही तो है फिर भी तूजे जो चाहिय माँग ले
लड़के ने कहा नहि पहेले आप मेरी सोगंद खाइये के मूँजें
मना नहि करेंगे बाप ने फिर सोगंद खाई ओर कहा अब
माँग लड़के ने बड़ी नम्रता से कहा पिताजी आप शादी
कर लीजिये बाप सोच में पड़ गया के उसने एसा क्यू कहा
फिर बाप ने कहा मूँजें क्या कमी है जीवन में तू है बहू है
अपना सुखी परिवार है ओर मूँजें क्या चाहिय बोल बेटा
बोला आज तक अपने मेरे लिये सब कूच किया है मेरी
खुसी के लिए आपने शादी भी नहि की तो अब मूँजें भी
आपकी खुसी के बरेमे सोचना चाहिये में आपके लिये
पत्नी का नहि दही का इंतज़ाम करना चाहता हु बस आप
एक बार शादी कर लो में अपनी बीबी को लेकर कही ओर
रहेने चला जाऊँगा उसे भी पता लगना चाहिये कि दही केसे
आता है ओर ये भी समझना है की बड़ों क्या महत्व है
अपने धर में उसको सही राह दिखाने का यही तरीक़ा है
बाप की आँखों में आँसु भर। आये ओर अपने बेटे से लिपट
कर बोले बेटा हो तो एसा
नोध: अगर हम भी उतनी समजदारी से कम ले तो हमारे
जीवन में कभी तकरार नहि होगी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts,please let me know