माँ शक्ति - हरपालदे ओर बाबराभुत की माया
( भाग: 7 )
(अगले भाग में देखा कि बाबराबत और हरपालदे मकवाना के बीच भयंकर युद्ध हो रहा है)
दो बार तक की भीषण लड़ाई में दोनों एक दूसरे को नहीं छोड़ते।
बाब्रोबट : हरपालदे मुझे राज्य जाने दो मैंने कब से करण घेला का खून नहीं पिया..
हरपालदे: राज्य जाने के लिए मेरी लाश से गुजरना होगा, जब तक मैं जिंदा हूं तू करण घेला नहीं पहुंच सकता
बाबरोभ्वर : तो हरपालदे आज तुझे मरना पड़ेगा
हरपालदे : अरे बाबरा तू कायर है, लड़ाई बीच में छोड़ भाग जाएगा, वीर कभी मैदान नहीं जाते।
बाब्रोबाभ: तरस आता है तुम पर कि बिना झुकाए कहाँ मारू।
हरपालदे: बाबरा तुझे मुझ पर दया करने की जरूरत नहीं, सीधे मान ले कि तू मुझे हरा नहीं सकता।
बाबारोबुथा: हरपाल्दे..... तो आज होगा असली का खेल
हरपालदे : बाबरभूत अगर आज चार बार तक मुझसे लड़ोगे, सुबह तक तुम्हें धूल नहीं चटाया तो कल छोड़ दूंगा ये अनहिलपुर पाटन
बब्रोभर : आज तुझे हराकर अपना रास्ता साफ करूँगा, जब तक तुझे हरा नहीं देता तब तक लड़ता रहूँगा।
हरपालदे: कुछ भी हो बाबरा वचन न भूलना
बाबरोबट: बकवास बंद करो और लड़ाई के लिए तैयार हो जाओ।
हरपाल्दे बाबरभ को शाब्दिक युद्ध में चार बार लड़ने के लिए तैयार करता है।
दोनों के बीच घमासान युद्ध हो रहा है, युद्ध के दौरान बाबरभ को समय का पता नहीं, तीसरा दिन पूरा होते ही हरपालदे मकवाना के अदृश्य रूप में "माँ शक्ति" हरपालदे की दाहिनी भुजा में निवास करती हुई और बाबरावत को परमात्मा से वार करती हुई हरपाल्दे के पास तलवार पर असहनीय हमला बाबरावत करता है, बाबरोभ की तरह, पीछे मुड़कर भाग जाता है। जहाँ पूरी कायनात की मालिक "माँ शक्ति" उसकी चोटी हिलाती है।।
छोटली काटने के साथ ही छोटली में बाबरावत की सारी भूत शक्ति जमा हो जाती है और बाबरोबत हरपालदे मकवाना नियंत्रित हो जाता है।
बाबरोभ: हरपालदे मेरी चोटली मुझे दे दे
हरपालदे : बाबरावत तेरी छोटली थोड़ी काटी गई है वापस देने के लिए।
बब्रोभर : मेरी चोटी मुझे दे दो वरना मार डालूंगा
हरपालदे : जब तक मेरे पास तेरी चोटी है, तब तक तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता
बाबारोभ्वर: हरपालदे जैसा तू कहेगा वैसा ही करूंगा लेकिन तू मुझे मेरी चोटी दे,
हरपाल्दे : जब समय आएगा, तब आपको अपना शिखर मिलेगा।
बाबरोभ: तो तू जान गया कि मेरी ताकत मेरे शौर्य में है, यकीनन कोई दैवीय शक्ति तेरी मदद करती है क्योंकि तेरे समय में जो ताकत थी वो मैं सहन नहीं कर सका। आज से मैं आपका दास बनूंगा, आप मुझे जो काम दोगे वही मैं करूंगा।
हरपालदे: बाबरभूत, जब मैं तुम्हें बुलाऊँ, तुम हाजिर रहना, तब तक मेरे राज्य कीर्तिगढ़ में पद धारण करना।
बबरोवर : जैसा तेरा आज्ञा मालिक (बब्रोवर गायब)
दूसरे दिन सुबह हरपालदे मकवाना अन्हिलपुर पाटन के राजकचेरी में प्रवेश
हरपालदे : महाराज को शत शत नमन
Karan Ghelo: आ हरपालदे आ एक महीने बाद मुंह दिखाई
हरपालदे : अगर आपसे पर्सनल बात करनी है तो आपसे एकांत में मिलना चाहते हैं।
करण घेलो : (हर किसी को बाहर जाने का आदेश)
Karan Ghelo : (हँसते - हँसते) बोलो हरपालदे बोल वो पर्सनल चीज है जिसके लिए जब तक बाबराबत को हरा नहीं देते तब तक मुझे मुंह न दिखाने का वादा भूलकर यहाँ आना पड़ा
हरपालदे: बोलने में शराफत रखते हैं, मकवाना के वादे पर जान देने से नहीं हिचकिचाते, वादा पूरा हुआ इसलिए आया हूँ यहां
Karan Ghelo: तो क्या तुमने बाबरावत को हराया???
हरपालदे : हाँ करण घेला हाँ मैंने बाबरावत को हराया है, आज से तू निडर है।
Karan Ghelo: लेकिन इसका सबूत क्या है?
हरपालदे : कहो तो बाबरभूत को बुला ले यहाँ
Karan Ghelo: पहले मेरे प्रधानमंत्री को यहाँ बुला लेने दो
करण घेलो आदेश द्वारपाल ने प्रधानमंत्री को भेजा
Karan Ghelo: प्रधानजी ये हरपालदे कहते है कि मैंने बाबरभूत को हराया है
प्रधान : (हँसते हुए) ये बात गलत है।
हरपालदे: अगर दोनों को यकीन न हो तो बाबराबत को यहां बुला लो
Karan Ghelo: हां बुलाओ ताकि पता चल सके सच्चाई क्या है
आगे और......
जय माँ ज़ाला वाली "शक्ति माँ" 🙏
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