माँ शक्ति- हरपालदे ओर बाबराभुत की माया ( भाग: 1 )
करण सिंह वाघेला पाटन के 2300 गांव के मालिक है।
करण वाघेला को शराब पीने की बुरी आदत है वो हमेशा नशे में रहता है जिसकी वजह से पाटन के लोग उसे करण ढेलो कहते है
एक दिन केशव गोर को राजमा में बुलाया है।
केशव गोर : महाराज को शत-शत प्रणाम, राजमा में सेवक बुलाने का कारण
Karan Ghelo : इस साल की फिरौती वसूलने का समय आ गया है तो पाटन के 2300 गाँवों की फिरौती लेने निकल जाओ।
केशव गोर : जैसा आपका आदेश
केशव गोर के परिवार में ये और इसकी छोटी बहन चम्पा है, केशव गोर सीधे राज-दरबार से आता है और सारी बातें करके फिरौती लेने चम्पा जाने की तैयारी करता है,
चंपा को अपने भाई करण वाघेला का राज काम पसंद नहीं है क्योंकि करण वाघला की महिलाओं को कोसने और लालच देने की आदत के कारण चंपा ने कई बार केशव को समझाया कि तू कुछ और कर, करण घेला के साथ तेरा रिश्ता कभी कभी हमें डाल देगा i एन मुसीबत,
केशव गोर : राजा का अंतिम काम कर दो, फिर दूसरा काम ढूंढ लूंगा
चंपा को शांतावना देने के बाद केशव गोर राज की फिरौती..... पानी भरने के लिए पानाघाट के लिए चम्पा रवाना
राज महल में करण घेलो और मंत्री जी शराब के नशे में धुत होकर राज में घूमने चले...... चलते चलते वह उपद्रव तक पहुँचता है... उधर पनिहारी पानी भर रहे हैं और महिलाएं बगल में स्नान घाट पर नहा रही हैं... उस जगह पुरुषों का जाना मना है, लेकिन शराब के नशे में धुत इसका पता नहीं, वहां पहुंचते ही उसकी नजर चंपा पर पड़ती है और पहली नजर में मोहित हो जाती है और रोमरोम में वासना जागती है अचानक सभी स्त्रियां भागने लगती है, चम पा लेकिन वह भागने के लिए जाता है लेकिन करण घेलो उसका हाथ पकड़ता है......
करण घेलो : ऐ .... सुंदरी कहाँ भाग जाती है
चम्पा : प्रणाम महाराज, गलती से पनघट पर पहुंच गए आप... जहां पुरुषों को आने की मनाही है
Karan Ghelo: पाटन के 2300 गांवों के मालिक करण वाघेला को कहीं जाने पर रोक नहीं, ये है मेरी राज सुंदरी
इस तरफ पाटन की सीमा अभी पूरी नहीं हुई है तब तक केशव गोर तीन बार पीड़ित है इसलिए घर की ओर जा रहा है कि आज फिरौती लेने नहीं गया कल जाऊंगा
पनाधट पर करण वाघेला और चंपा के बीच शाब्दिक विवाद चल रहा है।
चम्पा : महाराज आप शराब के नशे में हैं अब आप यहाँ से चले जाइए।
Karan Dhelo: तुझे देखने के बाद तेरी खूबसूरती में डूब गया हूँ... एक खूबसूरत लड़की...
चंपा: महाराज आप अपनी चेतना भूल गए हैं, जनता पर नजरें बर्बाद करना आपको शोभा नहीं देता
Karan Ghelo : हे सुंदरी आज से तू मेरी रियासत नहीं बल्कि 2300 गांवों की मालकिन करण वाघेला की रानी है.. बस इतना ही है
चंपा : महाराज बोलने में शालीनता रखो मैं ब्राह्मण की बेटी हूँ।
करण घेलो : आज से तुम सिर्फ मेरी पत्नी पटरानी हो।
चम्पा : महाराज मुझे पाने के सपने छोड़ दो.. मैं आपका सेवक केशव गोर की बहन
Karan Ghelo: तो क्या हुआ... आज तुझको अपनी रानी बना लूंगा, ये हुस्न झोपड़ी में नहीं महल में अच्छा लगता है.. आ भी जाओ सुंदरी.. आओ आओ मेरे पास आओ।
चंपा : वास्तव में जहां राज की भूमि बिगड़ी है, शिकायत कौन करे... महाराज मुझे जाने दो ... जाने दो... कहते कहते रोते
Karan Ghelo: मैं तुम्हारी कोई बात नहीं सुननी चाहता..... आओगे मेरे पास प्यार से या मजबूर कर दूँ.. मुझे हर चीज से प्यार है।
करण घेलो जबरदस्ती कर रहा है, दोनों के बीच झपकी है, चंपा चिल्ला रही है, केशव गोर वहां पहुंचे, करण घेलो अपनी बहन के साथ जबरदस्ती कर रहे हैं। देख कर करण घेल्ला अपने भाई के पीछे धकेल रहा है। छुप रहा है ये
केशव गोर : महाराज, आप जानते हैं कि आप इस नशे में क्या कर रहे हैं, यह चंपा मेरी बहन है
Karan Ghelo: केशव तुम्हें फिरौती लेने भेजा था फिर तुम यहाँ क्यों आए... यहाँ से बाहर आओ मेरा मज़ा ख़राब मत करो
केशव गोर : होश भूले महाराज होश भूले, हम किसान हैं आपके, हम मजे लेने की चीज नहीं.. गुजारिश है अब तो महल में चले जाओ...
Karan Ghelo: कहा था ना तुम यहाँ से चले जाओ और मुझे चम्पा के साथ रहने दो
केशव गोर : अब अगर तुमने मेरी बहन के खिलाफ एक भी शब्द बोला तो मैं तुम्हारी हद भूल जाऊंगा
Karan Ghelo: तो क्या करोगे... आज मेरे और चंपा के बीच आने वाले की खैर नहीं
ऐसा कहते हुए वह चंपा केशव के पास दौड़ता है उसे पकड़ो
केशव गोर: करण घेला अब मैं ब्राह्मण हूँ शास्त्र और शस्त्र दोनों चलाना जानता हूँ (तलवार के साथ) अगर एक कदम भी चम्पा की तरफ आ गया तो ये तलवार तुम्हारी सगी नहीं होगी
Karan Ghelo: (हँसते हुए) ब्राह्मण का छोरा तलवार का खौफ 2300 पादर के मालिक को दिखाता है.. म्म्म्म
करण केशव गोर के पीछे छुपकर चंपा की ओर जा रहा है जहां केशव गोर ने तलवार से वार किया वहां दोनों में लड़ाई हो रही है....... लड़ाई के दौरान करण घेला के वार से गिर गई केशव की तलवार, वह केशव को मारने जाता है... लेकिन.. भाई केशव को बचाने के बीच चम्पा गिर गई और तलवार बदन के पार चली गई, चम्पा ने आँखें फोड़ दी, माताजी को याद करते हुए चम्पा मर गई।
बहन की मौत से दुखी केशव गोर, मरने के बाद करण घेला पर हमला करने लगा, करण घेला भी गंभीर रूप से घायल अंत में केशव गोर की मौत
मरता ब्राह्मण केशव गोर कहे हे अभिमान करण घेला, ब्रह्म हत्या का पाप तू जीवन भर पडेगा.... तेरे पाटन का कांगड़ा हिला दूंगा तुझे चैन से सोने नहीं दूंगा घुटने में तेरा खून पी जाऊंगा
हे महादेव बिना कसूर के आपने मुझे और मेरी बहन को मारा है इसलिए मुझे सद्भावना नहीं मुझे इस शान के राजा से बदला लेना है। केशव गोर का निधन
केशव गोर की आत्मा को मृत्यु के समय अधूरी इच्छा के कारण शांति नहीं मिलती, वह भूत बनकर भटकते हैं, कि केशव गोर मति ब्राह्मण का ब्रह्मत अर्थात बाबरोबत पाटन के राज्य में बदला लेने के लिए प्रवेश करता है......
सामने के दूसरे भाग में......
जय माँ ज़ाला वाली "शक्ति माँ" 🙏
इस इतिहास के बारे में जितनी जानकारी है, उसके आधार पर मैं लेखन कार्य कर रहा हूँ। कोई गलती हो तो माफ करना
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