मिसिंग टाइल सिंड्रोम
शहर में एक मशहूर होटल मालिक ने
होटल में एक स्विमिंग पूल बनवाया.
स्विमिंग पूल के चारों ओर
बेहतरीन इटैलियन टाइल्स लगवाये,
परन्तु ... मिस्त्री की गलती से
एक स्थान पर टाइल लगना छूट गया.
अब जो भी आता, पहले उसका ध्यान
टाइल्स की खूबसूरती पर जाता.
इतने बेहतरीन टाइल्स देख कर
हर आने वाला मुग्ध हो जाता.
वो बड़ी ही बारीकी से उन टाइल्स को
देखता व प्रशंसा करता.
तभी उसकी नज़र ....
उस मिसिंग टाइल पर जाती,
और .... वहीं अटक जाती.
उसके बाद वो किसी भी
अन्य टाइल की ख़ूबसूरती
नहीं देख पाता.
स्विमिंग पूल से लौटने वाले
हर व्यक्ति की यही शिकायत रहती,
कि .... एक टाइल मिसिंग है.
हजारों टाइल्स के बीच में
वो मिसिंग टाइल
उसके दिमाग पर हावी रहती थी.
कई लोगों को उस टाइल को देख कर
बहुत दुःख होता, कि इतना परफेक्ट
बनाने पर भी एक टाइल रह ही गई.
तो कई लोगों को उलझन होती, कि
कैसे भी करके ... वो टाइल
ठीक कर दिया जाए.
बहरहाल ...
वहाँ से कोई भी खुश नहीं निकला,
और एक खूबसूरत स्विमिंग पूल लोगों को
कोई ख़ुशी या आनंद नहीं दे पाया.
🤔
दरअसल ... उस स्विमिंग पूल में
वो मिसिंग टाइल एक प्रयोग था,
~ मनोवैज्ञानिक प्रयोग ~
जो इस बात को सिद्ध करता है, कि
😳 हमारा ध्यान 😳
कमियों की तरफ ही जाता है.
कितना भी अच्छा सब कुछ हो रहा हो,
पर जहाँ एक कमी रह जायेगी
वहीं पर हमारा ध्यान रहेगा.
टाइल तक तो ठीक है, पर यही बात
हमारी जिंदगी में भी हैं.
यह एक मनोवैज्ञानिक समस्या है
जिससे हर व्यक्ति गुज़र रहा है.
इस मनोविज्ञानिक समस्या को ही
◆ मिसिंग टाइल सिंड्रोम ◆ कहा गया.
यानी उन चीजों पर ध्यान देना
जो हमारे जीवन में नहीं है,
यह एक ऐसी मनोवैज्ञानिक समस्या है
जिसमें हमारा सारा ध्यान
जीवन की उस कमी की तरफ रहता है
जिसे हम नहीं पा सके हैं.
और यहीं बात हमारी ख़ुशी चुराने का
सबसे बड़ा कारण है.
जिन्दगी में कितना कुछ भी अच्छा हो,
हम उन्हीं चीजों को देखते हैं , जो
★ मिसिंग हैं ★
और यही हमारे दुःख का
सबसे बड़ा कारण है.
इस एक आदत को बदल कर
हम अपने जीवन में
खुशहाली ला सकते हैं.
📍
भगवान ने हमे 32 दाँत दिये,
लेकिन ... हमारी जीभ
उस टूटे हुए दाँत पर ही
क्यूँ जाती रहती है,
कभी सोचा है.
घर पर आपका ध्यान उसी फर्निचर पर
जाता है, जो अपनी जगह से
हटा दी गयी होगी.
यहाँ तक कि ... अगर एक माँ की
तीन संताने हों, और उनमें से एक सन्तान
विदेश गया हुआ होगा, तो माँ अपने
उसी सन्तान के बारे में ज़्यादा सोचती हैं
जो विदेश गया हुआ है , ना कि
उन दो संतानो के बारे में
जो उसके साथ रहते हुए
उनकी सेवा करते रहते हैं.
ऐसे बहुत से उदाहरण हो सकते हैं
जिसमें हम अपनी
किसी एक कमी के पीछे
सारा जीवन दुखी रहते हैं.
ज्यादातर लोग उन्हें क्या-क्या मिला है
इस पर खुश होने के बजाय
उन्हें क्या नहीं मिला है,
इस पर दुखी रहते हैं.
यह शारीरिक और मानसिक
कई बीमारियों की वजह बनता है.
अब ये हमारे हाथ में है कि
हम अपना फोकस
मिसिंग टाइल पर रखें
और दुखी रहें या उन नेमतों पर रखें
जो हमारे साथ हैं ... और खुश रहें.
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