स्कंद पुराण ( एक बार जरूर पढें )
प्रयाग से 10 गुना पुण्यमयी कुरुक्षेत्र
कुरुक्षेत्र से 10 गुना पुण्यमयी गया जी
गया जी से भी 10 गुना पुण्यमयी पुष्कर
पुष्कर से भी 10 गुना पुण्यमयी त्र्यंबकेश्वर
त्र्यंबकेश्वर से भी 10 गुना पुण्यमयी काशी और
काशी से भी 10 गुना पुण्यमयी अवंतिका (उज्जयिनी)
उज्जयिनी की कुछ विशेषताएं
१) यहाँ पर भगवान सूर्य, भगवान शिव और भगवती शक्ति स्वरूपा एक साथ विराजमान हैं
२) भगवान श्री कृष्ण का अध्ययन स्थली उज्जयिनी
३) भारतीय ज्योतिष में काल की गणना का स्थान उज्जयिनी
४) विश्व में एकमात्र दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग
५) भगवान सूर्य नारायण के विलक्षण पुत्र अंराज कर्ण के अंतिम संस्कार का स्थान उज्जयिनी
६) देवी रति को कामदेव की प्राप्ति का स्थान उज्जयिनी
७) यहाँ 7 सागर, 9 नारायण, 108 हनुमान और 84 विशेष शिव लिंग (जिनकी स्थापना भी भगवान शिव शंकर ने ही करी)।
8) स्वर्ग की यात्रा करने वाली विश्वभूमि का एक मात्र टुकड़ा।
9) क्षिप्रा में स्वयं गंगा वर्ष में एक बार अपने पाप धोने आती हैं।
10) एशिया का सबसे बड़ा और सिद्ध श्मशान
11) भगवान नरसिंह के क्रोध की शांत का स्थान
12) भगवान राम ने अपने पिता का श्राद्ध यही किया।
13) मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान
14) भगवान कृष्ण के द्वारा नौ ग्रहों की स्थापना का स्थान
15) यमराज का कदाचित् एकमात्र अति प्राचीन मंदिर।
जो ऐसे स्थान पर न आए उससे दुर्भाग्यशाली कौन होगा ??
जय श्री महाँकाल
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