इक अधूरी प्रेम कहानी
उधर अंकित का जब रोशनी से साथ छूट गया तो वह काफी परेशान रहने लगा किन्तु उसने साहस नहीं छोड़ा और सन २०१६ में उसकी नौकरी पंजाब नेशनल बैंक में लग गई। अंकित की पहली पोस्टिंग हरियाणा में हुई थी। अंकित की नौकरी लगने से वह खुस था और उसकी गाड़ी भी पटरी पर आ गई थी। अंकित बैंक के पीओ के पद पर सिलेक्ट हुआ था। सब कुछ होते हुए भी अंकित अभी रोशनी को नहीं भूल पाया था।
सितम्बर १२, २०१8 को अंकित की पोस्टिंग चंडीगढ़ के सेक्टर २२ में हो गई। अंकित की पोस्टिंग चंडीगढ़ में हुई तो वह काफी खुस था क्योंकि वह सोंच रहा था कि वहां रोशनी से भी मुलाक़ात होती रहेगी। 03 नबम्बर 2018 को अंकित रोशनी के घर का पता लगा पाया। उसने काफी कुछ सोंचा और तय किया कि वह रोशनी से मिलने जाएगा। अंकित आज बहुत खुस था उसने काफी तैयारियां भी की थी और वह रोशनी के घर जा पहुंचा। पहले उसकी मुलाक़ात रोशनी की सास से हुई। अंकित को देखकर रोशनी की सास पता नहीं क्या उल जलूल बोलने लगी किन्तु अंकित रोशनी से हर हाल में मिलना चाहता था। अंकित जब रोशनी के पास पहुंचा तो उसने जैसी ही रोशनी को देखा तो उसके होश उड़ गए। रोशनी बहुत ज्यादा बीमार थी और उसकी सास ने बताया कि उसे ब्लड कैंसर हो गया था।
अंकित ने रोशनी की सास से रोशनी को अपने साथ ले जाने को कहा किन्तु उसकी सास तैयार नहीं हुई। अंकित अब बहुत ही परेशान रहने लगा था। वह भी दो -दो दिनों तक खाना नहीं खाता था। वह रोज रोशनी को देखने जाता था। रोशनी की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही थी। अंकित ने एक अस्पताल में रोशनी के इलाज के बारे में पता किया। रोशनी के इलाज के लिए 30 लाख रुपये की जरूरत थी। अंकित ने ऋण लिया और रोशनी के इलाज का पूरा बंदोबस्त कर लिया था।
अंकित जब रोशनी के घर गया तो उसको पता चला कि उसका पति दुबई चला गया था और सास बहुत ताने मारती रहती थी। उस दिन 05 जनवरी 2019 को अंकित काफी रात तक रोशनी के पास बैठा रहा। अचानक रोशनी को खून की उल्टी हुई। अंकित बहुत घबरा गया। उसने रोशनी को गोदी में उठाया और अस्पताल की तरफ भाग खड़ा हुआ। अंकित भी काफी कमजोर हो गया था। इसलिए उसको भी चलने में काफी परेशानी हो रही थी। रोड पर पहुंचते ही अंकित ने एक ऑटो वाले को आवाज लगाई और जल्दबाजी में सड़क पार करने लगा। इतने में ही एक तेज गति से आ रही गाड़ी ने अंकित को जोरदार टक्कर मार दी। अंकित ओर रोशनी सड़क
के बीचों बीच पड़े थे । उनकी साँसें थम चुकी थी।रोशनी अब भी अंकित की गोद में थी।लोगों की भीड़ चारों तरफ़ से जमा हो रही थी।
ये कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इस कहानी में दर्शाए गये सभी नाम स्थान काल्पनिक है
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