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12/27/2022

मधुमेह ” की रामबाण औषधि

   
                           
   
मधुमेह ” की रामबाण औषधि


मधुमेह ” की रामबाण औषधि ” 
और ‘ इन्द्र जौ ‘ के 9 अचूक फायदे “

आज   शुगर   या   मधुमेह   रोग   मानवता   के   लिए   एक   नासूर   बन   गया   है   एलोपैथी   में   हजारों   रुपए   की   दवाएं   लोग खाते   खाते   थके   जा   रहें   हैं   पुरुष   हो   या   स्त्री   दोनों   जातियों   में   यह   रोग   घुन   लगा   रहा   है   और   बहुतयात   से   पाया   जाता है ।

डायबिटीज के लिए:
आप   सामग्री   ध्यान   में   रखें  :
इन्द्र  जव  250  ग्राम
बादाम   250   ग्राम
भुने   चने   250   ग्राम
यह   योग   बिल्कुल   अजूबा   योग   है   अनेकों   रोगियों   पर   आजमाया   गया   है 

100%   रिजल्ट   आया   है   आप   इस नुस्खे   के   रिजल्ट   का   अंदाजा   यूं   लगा   सकते   हैं   कि   अगर   इसको   उसकी   मात्रा   से   ज्यादा   लिया   जाए   तो   शुगर   इसके सेवन   से   लो   होने   लगती   है   बादाम   को   इस   वजह   से   शामिल   किया   गया   यह   शुगर   रोगी   की   दुर्बलता   कमजोरी   सब    दूर   कर   देता   है   चने   को   इन्द्र  जो   की   कड़वाहट   थोड़ी   कम   करने   के   लिए   मिलाया   गया  |

बनाने  की   विधि  :
तीनों   औषधियों   का   अलग   अलग   पावडर   बनाए   और   तीनो   को   मिक्स   कर   लीजिये   और   कांच   के   जार   में   रख   लें   और खाने   के   बाद   एक   चाय   वाला   चम्मच   एक   दिन   में   केवल   एक   बार   खाएं   सादे   जल   से  |

इंद्र  जौ   के  और भी 9  चमत्कारी   फ़ायदे :
1. मुंह के छाले :
इन्द्र   जौ   और   काला   जीरा  10-10   ग्राम   की   मात्रा   में   लेकर   कूट  कर   चूर्ण   बना   लें ।  इस  चूर्ण   को  छालों   पर   दिन   में          2   बार   लगाने   से   छाले   नष्ट   होते   हैं  ।

2. बवासीर :
कड़वे   इन्द्रजौ   को   पानी   के   साथ   पीस  कर   बेर   के   बराबर   गोलियां   बना   लें  ।   रात   को   सोते   समय   दो   गोली   ठंडे   जल  के साथ   खायें  ।   इससे   बादी   बवासीर   ठीक   होती   है  ।

3. कुष्ठ या कोढ :
इन्द्र   जौ   को   पीस  कर   गाय   के   पेशाब   में   मिला  कर   लेप   करने   से   चर्म-दल  कोढ़   मिट   जाता   है  ।

4. पाचन की खराबी :
इन्द्र  जौ   के   चूर्ण   को   2-2   ग्राम   खाने   से   पेट   का   दर्द   और   मंदाग्नि   समाप्त   हो   जाती   है  ।

5. पेट के कीड़े :
इन्द्रजौ   को   पीस   और   छान  कर   1-1   ग्राम   की   मात्रा   में   सुबह   और   शाम   पीने   से   पेट   के   कीडे़   मर  कर,  मल   के   साथ बाहर   निकल   जाते   हैं  ।

6. पीलिया :
काले   इन्द्र जौ   के   बीजों   का   रस   निकालें   और   थोड़ा-थोड़ा   तीन   दिनों   तक   खायें  ।

7. पथरी :
इन्द्र   जौ   और   नौसादर   का   चूर्ण   दूध   अथवा   चावल   के   धोये   हुए   पानी   में   डाल  कर   पीना   चाहिए  ।   इससे   5  दिन   में  पथरी   गल  कर   निकल   जाती   है  ।   नही   निकले   तो   प्रयोग   कुछ   दिन   आगे   बढ़ाए  । इन्द्र   जौ   की   छाल   को   दही    में   पीस  कर   पिलाना   चाहिए  ।   इससे   पथरी   नष्ट   हो   जाती   है ।  

8. दस्त :
इन्द्र -जौ  को  पीस   कर   चूर्ण   को   3  ग्राम  की   मात्रा   में   ठंडे   पानी   के   साथ   दिन   में   3  बार   पिलाने   से   अतिसार   समाप्त   हो जाती   है  ।

9. पेट की ऐंठन :
इन्द्र  जौ   के   बीजों   को   कुछ   गर्म   करके   पानी   में   भिगोयें  ,   बाद   में   उस   पानी   को   सेवन   करें  ।   इससे   पेट   की   ऐंठन   खत्म   हो   जाती   है  ।

जन हित में जारी

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