अंडी का तेल स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं !
किसी भी स्थान पर और किसी भी मौसम में ऊगने की क्षमता रखने वाला अरंडी के वृक्ष को आपने आमतौर पर किसी सड़क के किनारे या खेतों में लगा देखा होगा। ये वृक्ष जितनी आसानी से कहीं भी ऊग जाता है, उतना ही फायदेमंद भी होता है।
आयुर्वेद के अनुसार, अरंडी कफ और वात के लगभग 100 रोगों का नाश करता है। वातनाशक, जकड़न दूर करने वाला और शरीर को गतिशील बनाने वाला होने के कारण इसे अरंडी नाम दिया गया है। खासतौर पर अरंडी की जड़ और पत्ते दवा बनाने के इस्तेमाल में आते हैं। इसके बीजों से निकलने वाला तेल भी बेहद लाभकारी होता है।
इन रोगों के लिए है, खास औषधि:---
अरंडी का तेल आमतौर पर वायु के तमाम 80 प्रकार के रोग, शूल, सूजन, वायुगोला, नेत्ररोग, कृमिरोग, मूत्रावरोध, अंडवृद्धि, अफरा, पीलिया, पैरों का वात (सायटिका), पांडुरोग, कटिशूल, शिरःशूल, बस्तिशूल (मूत्राशयशूल), हृदयरोग जैसे कई गंभीर रोगों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है।
अरंडी के फायदे !
-झड़े बाल दौबारा उगाए !
अगर आपके सिर के बाल तेज़ी से झड़ रहे हैं या भौहें पतली हैं तो, हर रोज अरंडी का सर या भोहों पर लगाएं सोते समय भौहों पर या जहां बाल कम हैं, हल्का अरंडी का तेल लगाएं। कुछ दिनों में फर्क आपके सामने होगा।
-फटी एड़ियां ठीक करे !
अरंडी के तेल को हल्का सा गर्म करके रात के समय एड़ियों पर लगाएं। एडियों पर हल्के हाथ से तब तक मालिश करेंं, जब तक तेल अच्छी तरह सोख ना लें। सुबह उठकर इन्हें अच्छी तरह धो लें। इससे फटी एड़ियां तो ठीक होगी ही, साथ ही पेरों का दर्द भी ठीक होगा।
-जोड़ों के दर्द में राहत !
जोड़ों के दर्द के लिए भी अरंडी का तेल काफी लाभकारी होता है। इसमें मौजूद एंटी इंफलेमेटरी तत्व जोड़ों के दर्द को ठीक करता है। हर रोज कैस्टर ऑयल से जोड़ों पर मालिश करने से जोड़ों का दर्द अपने आप ठीक हो जाएगा।
-पुरानी चोट !
अरंडी के पत्तों के काढ़े में हल्दी डालकर दर्दवाले स्थान पर गरम-गरम डालें और उसके पत्ते उबालकर हल्दी डालकर चोटवाले स्थान पर बाँधे।
-जले का तुरंत उपचार !
अरंडी के तेल में थोड़ा सा चूना मिलाकर जले हुए स्थान पर लगाएं। इससे जले हुए घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा अरंडी के पत्तों के रस में सरसों का तेल मिलाकर लगाने से भी लाभ होता है।
-गांठ !
अरंडी के बीज और हरड़े समान मात्रा में लेकर पीस लें। इसे नयी गांठ पर बांधने से वह बैठ जाएगी और अगर लंबे समय की पुरानी गांठ होगी तो पककर बाहर आ जाएगी।
-सूजन भगाए !
अरंडी के पत्तों पर सरसों का गर्म तेल लगाकर सूजन वाली जगह पर बांधे या चाहें तो अरंडी के तेल से सूजन वाली जगह पर मालिश करें इससे दर्द और सूजन में आराम मिलेगा।
-नाखून चमकाए !
अरंडी के तेल को हल्का सा गर्म करके इसमें अपनें हाथ के नाखूनों को कुछ देर के लिए डुबोएं और फिर मालिश करें। आप चाहें तो नाखूनों को डूबोने की जगह कॉटन की मदद से नाखूनों पर तेल लगाकर मालिश कर सकते हैं। इससे नाखून चमकदार हो जाएंगे।
-कब्ज तोड़ने में मददगार
एक शोध के मुताबिक, अरंडी का तेल इस्तेमाल करने से कब्ज की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। सुबह एक चम्मच अरंडी का तेल पीने से कब्ज की समस्या दूर होती है। आप चाहें तो इसे संतरे के जूस, करौंदे का जूस या अदरक के जूस के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं। ध्यान रहे, तीन दिन से ज्यादा अरंडी का तेल नहीं पीना चाहिए, क्योकि, इसकी तासीर गर्म होती है, जिसके कारण दूसरी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
-दाद में आराम
दाद की समस्या से परेशान हैं तो, अरंडी का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें मौजूद अनडाइसीक्लीनिक एसिड फंगल इंफेक्शन को खत्म करने में मदद करता है। अंरडी के तेल को प्रभावित क्षेत्र पर पूरी रात लगे रहने दें। हर रात को सोने से पहले उस स्थान पर अरंडी का तेल लगाएं। जल्दी ही दाद ठीक हो जाएगा।
-त्वचा की समस्या
त्वचा में किसी प्रकार का संक्रमण या सनबर्न, एक्ने या रूखी त्वचा होने पर अरंडी के तेल लगा सकते हैं। हर रोज सुबह और रात को अरंडी के तेल में कॉटन को डुबोएं और त्वचा पर लगाएं। इसके नियमित इस्तेमाल से त्वचा संबंधी समस्याएं दूर होंगी।
-तिल
शरीर पर जन्म से ही तिल हों तो उन्हें से दूर करने के लिए अरंडी के पत्तों की डंडी पर थोड़ा कली चूना लगाकर उसे तिल पर घिसने से खून निकलकर तिल गिर जाते हैं।
-झुर्रियों का इलाज
अरंडी के तेल में मौजूद तत्व कोलेजन के निर्माण में साहयता करते हैं जिससे त्वचा मुलायम और नम रहती है। यह झुर्रियां दूर करने का सबसे प्राकृतिक नुस्खा है। यह त्वचा को जवान बनाए रखता है।
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