सर्व पितृ अमावस्या 25 सितंबर 2022
भूले बिसरे पितरों का इस दिन कर सकते हैं श्राद्ध !
आश्विन माह की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या मनाई जाती है. यह श्राद्धपक्ष का आखिरी दिन होता है. जिन पितरों की मृत्यु की तिथि याद नहीं रहती है, उनका श्राद्ध सर्वपितृ अमावस्या पर ही किया जाता है !
इस दिन श्राद्ध के लिए बनाए गए भोजन से पंचबलि अर्थात गाय, कुत्ते, कौए, चीटियों और देवों के लिए भोजन का अंश निकालकर उन्हें देना चाहिए. फिर किसी ब्राह्मण को घर पर निमंत्रित करें और उनसे भोजन करने और आशीर्वाद देने की प्रार्थना करें. इस साल सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर को मनाई जाएगी.
सर्वपितृ अमावस्या की तिथि !
पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की अमावस्या तिथि रविवार, 25 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ होगी और सोमवार, 26 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर को पूरे दिन मनाई जाएगी.
अमावस्या पर ऐसे दें पितरों को विदाई !
जो व्यक्ति पितृपक्ष के 15 दिनों तक तर्पण, श्राद्ध आदि नहीं कर पाते या जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु तिथि याद न हो, उन सभी पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण, दान आदि इसी अमावस्या को किया जाता है. सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों को शांति देने के लिए और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए गीता के सातवें अध्याय का पाठ करना उत्तम माना जाता है !
अमावस्या के श्राद्ध पर भोजन में खीर पूड़ी का होना आवश्यक है. भोजन कराने और श्राद्ध करने का समय दोपहर होना चाहिए. ब्राह्मण को भोजन कराने के पूर्व पंचबली दें और हवन करें. श्रद्धा पूर्वक ब्राह्मण को भोजन कराएं, उनका तिलक करके दक्षिणा देकर विदा करें. बाद में घर के सभी सदस्य एक साथ भोजन करें और पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें !
सर्वपितृ अमावस्या पर करें ये उपाय !
सर्वपितृ अमावस्या के दिन पीपल की सेवा और पूजा करने से हमारे पितृ प्रसन्न रहते हैं. इस दिन स्टील के लोटे में दूध, पानी, काले तिल, शहद और जौ मिला लें. इसके साथ कोई भी सफेद मिठाई, एक नारियल, कुछ सिक्के और एक जनेऊ लेकर पीपल वृक्ष के नीचे जाकर सर्वप्रथम लोटे की समस्त सामग्री पीपल की जड़ में अर्पित कर दें !
इस दौरान 'ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नमः' मंत्र का जाप भी लगातार करते रहें.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts,please let me know