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3/10/2022

महालक्ष्मी साधना

   
                           
   

 महालक्ष्मी साधना


यह साधना 3 महीने में सिद्ध होती है।सिद्ध होने पर साधक अकूत धन संपदा का मालिक कुछ ही सालो मे बन जाता है।उसके चारों तरफ धन आगम के नए नए स्त्रोत बनते जाते है।साधक ऋण से मुक्त हो जाता है।सिद्धि के समय माता लक्ष्मी साधक को बंद आँखो में आज्ञा चक्र में दर्शन देती हैं।अतः साधक अपनी साधना पूर्ण सिद्ध जाने।

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साधक खाने में पीले रंग के फल,मिठाई,दालें ,चावल का सेवन करे।

भोजन 2 समय सुबह 11 बजे और शाम 5 बजे ग्रहण करे।

पीला आसन,पीले वस्त्र,पूजा का आसन पीला रखे।

माथे पर पीला चन्दन का तिलक या हल्दी का तिलक लगाय।

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माला पीले रंग की हल्दी की होनी चाहिये।

साधक अपने सामने स्नान करके पीले आसन पर शांत मन से बैठ जाये । पीला तिलक लगाय।अपने सामने बाजोट या चौकी (लकड़ी) पर सवा मीटर कपड़ा बिछाये।साधक को अपने आसन पर भी सवा मीटर पीला कपड़ा बिछाना चाहिए।7 मीटर की धोती धारण करनी चाहिए और धोती के एक सिरे से सिर को ढक लेना चाहिये।

साधना कक्ष एकांत में हो।केवल साधक ही आ जा सके।यह सिद्धि रात्रि 11 बजे से शुरू करे।

दिशा पूर्व होनी चाहिये।

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अपने कमरे के फर्श पर सुगंधित चन्दन,गुलाब, मोगरा ,चमेली का सेंट या परफ्यूम या इत्र छिड़क दें,यही कमरे के चारो दीवारों पर 5 फ़ीट के ऊँचाई तक छिड़के।

अब पूजा की चौकी पर जल से भरा कलश अपने बाएं तरफ रखे,पूजा की थाली जो लगभग 600 ग्राम की हो काँसे की ,कलश के दायी तरफ रखे।थाली का केन्द्र चौकी के ठीक बीच मे हो।साधक और बाजोट की बीच 1 मीटर का फ़ासला होना चाहिये।थाली में सबसे पहले सभी जगह पीले फूलों की पंखुड़ियां बिछाये, ये फूल गेंदे के या कनेर के ले सकते है।इसके बाद माता का फोटो थाली में रखे।फ़ोटो पर माला पीले फूलों की टांग दे।आप थाली में बायीं तरफ़ फ़ोटो के 2 पीले फल,2 पीली मिठाई रखे।थाली में केंद्र पर देशी घी का दिया जलाये, दिय की लौ फ़ोटो की तरफ रखे।थाली में धूपबत्ती भी रख सकते है।बन्द आँखो से मन्त्र जाप कर सकते है।सबसे पहले पवित्रीकरण करे।उसके बाद वास्तुदोष पूजन करें उसके बाद दिशा बंधन करें।उसके बाद संकल्प ले।मन्त्र सिद्धि शुरू करें।जप के बाद माता की आरती करे।पूजा स्थल पर सो जाएं।सुबह उठकर स्नान आदि करके माता का पूजन और आरती करें।रात्रि की सामग्री फल,फूल,मिठाई लक्ष्मी जी के मंदिर में चढ़ा दें।यह क्रिया कर्म 3 माह करे, लक्ष्मीजी सिद्ध हो जाएंगी।ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य रूप से करें।

सिद्धि में सबसे पहले भक्तामर स्त्रोत का 16 नंबर श्लोक जपे,उसके बाद 10 माला माता लक्ष्मी जी का जाप करे,तभी साधक  को सिद्धि प्राप्त होगी।साधक का मन साफ,पवित्र हो।

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इस साधना को गुरुवार से विशेष नक्षत्र में शुभ वार देखकर सिद्ध किया जाता


नोध : इस लेख में दी गई सभी बातें सामान्य जानकारी के लिए है हमारी पोस्ट इस लेख की कोई पुष्टि नहीं करता





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