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1/31/2022

मौनी अमास और उसके महात्मा

   
                           
   

मौनी अमास और उसके महात्मा


मौनी अमावस्या महत्व (mauni Amavasya

 

significantance) तिथि और मुहूर्त चाहिए तो पंचांग के अनुसार महा मास कृष्ण पक्ष की अमास तिथि 31 जनवरी सोमवार को दोपहर 02:18 बजे से शुरू हो रही है। दूसरे दिन मंगलवार 1 फरवरी है। दिन में 11.15 बजे तक स्नान आदि का कार्यक्रम सूर्योदय से है इसलिए मौनी अमास 1 फरवरी को है। नदियों में भी इस दिन होगा स्नान


मौनी अमास का महत्व: माना जाता है कि मनु ऋषि का जन्म मौनी अमावस को हुआ था इसलिए इस अमास को मौनी अमाश भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 'मौनी' शब्द 'मुनि' से निकला है, इसलिए इस दिन मौन रहने वाला व्यक्ति 'मुनि' का स्थान प्राप्त करता है। मौनी अमास व्रत में मौन रखना जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार चुपचाप जप करने से अधिक फल मुख से भगवान का जप करने से मिलता है। दान से पहले डेढ़ घंटे मौन रखा जाए तो दान का फल 16 गुना बढ़ जाता है और मौन रखकर व्रत पूरा करने वाले व्यक्ति को ऋषि पद की प्राप्ति होती है।

Amas 2022 February: महा वद अमास के दिन अगर मौन रहना संभव न हो तो कठोर शब्द भी नहीं बोलना चाहिए। वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है। चंद्रमा के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं होते। इस वजह से मन की स्थिति कमजोर रहती है, इसलिए कहा गया है कि चंद्रमा के दिन मौन व्रत रखें और मन को संयम रखें





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