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1/09/2022

रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य

   
                           
   

रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य


1:~111 दिन रामजी लंका में रहे।

2:~ सीताजी लंका में रही = 435 दिन।

3: मानस में श्लोकों की संख्या = 27.

4: मानस में झगड़ों की संख्या = 4608.

5: मानस में दोहे की संख्या = 1074

6:~ मानस में सोलह की संख्या = 207.

7: मानस में श्लोकों की संख्या = 86


8: ~ सुग्रीव में ताकत थी =

10000 हाथियों के..

9:~सीता रानी बनी = 33 वर्ष की आयु में

10: मानस निर्माण के समय तुलसीदास की आयु = 77 वर्ष।

11: फूलों के विमान की गति = 400 मील / घंटे थी।

12: रामदल और रावण दल का युद्ध = 87 दिन

13:~राम रावण युद्ध = 32 दिन चला था।

14: ~ पुल निर्माण = 5 दिन में पूरा।


15:~ नलनील के पिता = विश्वकर्मा जी।

16: ~ त्रिदाता के पिता = विभीषण।


17: ~ विश्वामित्र राम को लिया = 10 दिन के लिए..

18: ~ राम ने सबसे पहले रावण को बढ़ाया = 6 वर्ष की आयु में।

19:~ रावण जी उठे = सुषेण वैद ने नाभि में अमृत रखा।


श्री राम के घूंघट का नाम क्या था?

नहीं तो जान लो -

1 - मैं ब्रह्माजी से काली मिर्च बन गया,

2- कश्यप मिर्च का पुत्र बना,

3- कश्यप के बेटे को भरोसा था,

4 - भरोसे के अय्याशी इंसान बन गए। विलासिता मानव के समय अनर्थ हुआ,

5 - वैवस्वत मनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था, इख्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकू कुल की स्थापना की।

6 - इक्ष्वाकु का पुत्र कुशी हुआ,

7 - कुक्षी के पुत्र का नाम विकुक्षी था,

8 - विकुक्षी के पुत्र बने तीर,

9 - बाण के पुत्र अभद्र हो गए,

10- वन से पृथ्वीराज बना,

11- त्रिशंकु धरती से पैदा हुए थे,

12- त्रिशंकु का पुत्र धूमिल हो गया,

13- धंधुमर के पुत्र का नाम युवनाश्व था,

14- युवनाश्व का पुत्र मान्धाता बना,

15- सुसांथी का जन्म मान्धाता से हुआ था,

16- सुसंधि के दो पुत्र थे- ध्रुवसंधि और प्रसेनजीत,

17- ध्रुवसन्धी के पुत्र भरत हुए,

18- भरत के पुत्र असित हुए,

19- असित का पुत्र सागर बना,

20- सगरा के पुत्र का नाम अकथनीय था,

21-असमंज का पुत्र अंशुमान हुआ,

22- दिलीप अंशुमान का पुत्र था,

23- दिलीप का बेटा भगीरथ बना, भगीरथ ने गंगा को धरती पर लाया.. भागीरथ का बेटा बिल्ली का बच्चा था।

24- ककुत्स्थ का पुत्र रघु हुआ, क्योंकि रघु अति तेजस्वी और पराक्रमी राजा था, उससे इस वंश का नाम पड़ा, तब से श्री राम का कुल भी रघु कुल कहलाता है।

25- रघु के पुत्र बूढ़े हो गए,

26- वृद्ध का पुत्र शंख था,

27- शंख पुत्र सुदर्शन था।

28- सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था,

29- अग्निवर्ण के पुत्र जल्दी हो गए,

30- शिघराज के पुत्र मारू

31- मारू का पुत्र प्रसुश्रुका था,

32- अम्बरीष एक गर्भवती महिला का पुत्र था,

33- अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था,

34- नहुष का पुत्र ययाति था,

35- ययाति के पुत्रों का बिछड़ गया,

36- नागग के पुत्र का नाम अज था,

37- आज का पुत्र दशरथ बना,

38- दशरथ के चार पुत्र थे राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न।

इस प्रकार ब्रह्म की 49वीं पीढ़ी में श्री राम का जन्म हुआ था। शेयर करे ताकि हर हिन्दू को ये जानकारी मिले...


महीनों की कड़ी मेहनत के बाद यह जानकारी आपके सामने प्रस्तुत की गई है।

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राम चरितार्थ मानस। जय श्री राम राजा राम 🚩





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