माँ बाप बच्चों को प्यार के साथ साथ सही जीने की तालीम भी दे
बच्चों को सोने की पोडी खिलाओ लेकिन अगर आप उनकी तालीम की बात करते समय कठोर नहीं बनोगे तो असल दुनिया में उन पर कोई रहम नहीं करेगा। *
★ बच्चे के जन्म के कुछ ही समय बाद चील पक्षी उसे अपने पंखों में लेकर ऊपर आकाश में ले जाता है। इतनी ऊंचाई पर जहां विमान उड़ रहा है। इतना ऊपर जाने से स्थिर हो जाता है। और फिर खतरनाक प्रशिक्षण शुरू होता है।
★ एक ऐसी तालीम जिसमें बाज़ अपने बच्चे को समझाना चाहता है कि ये कोई साधारण परिंदा नहीं है और उसका काम आसमान में ऊँची उड़ान भरना है न कि घर की छत पर चू-चू करना।
★ फिर चील अपने बच्चे को इतनी ऊंचाई से मुक्त छोड़ देता है। इतनी ऊंचाई से नीचे गिरते समय बच्चा समझ नहीं पाता कि उसके साथ क्या हो रहा है!!! थोड़ा सा नीचे आने से बच्चे के पंख खुलने लगते हैं और जब धरती से करीब नौ किलोमीटर ऊपर पहुंचता है तो उसके पंख पूरी तरह खुल जाते हैं। फड़फड़ाता है जब पंखों को तो पता चलता है कि वो कोई मामूली परिंदा नहीं है।
★ वह बच्चा अभी भी नीचे आ रहा है लेकिन उसके पंखों में इतनी औकात नहीं है कि उड़ सके। जमीन से 700-800 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरते वक्त उसे लगता है कि ये उसके जीवन की अंतिम यात्रा है, अचानक एक महान हथेली उसे अपनी बाहों में ले लेती है और वो हथेली उसे नीचे गिराने के बाद ही उसकी माँ के साथ ही आती है!!!
★ चील पक्षी को तब तक इस तरह की तालीम दी जाती है जब तक वो ठीक से उड़ना ना सीख ले। दोस्तों ऐसे तैयार किया जाता है एक महान बाज पक्षी जो आसमान में राज करता है और उससे दस गुना ज्यादा वजन वाला जानवर भी आसमान की ऊंचाइयों को उठाता है!!!
★ इस चील पक्षी का उदाहरण देकर एक सत्य तथ्य है कि मैं सभी माता-पिता को बताना चाहता हूँ कि...
👉🏼 *अपने बच्चों को छाती से चिपका कर रखना चाहिए लेकिन बाज के बच्चे की तरह उन्हें दुनिया की समस्याओं से अवगत कराएं, उनका सामना करें, उन्हें लड़ना सिखाएं। *
★ वास्तव में आज के समय में कार्टून, टीवी रियलिटी शो और मोबाइल गेम ने हमारे बच्चों को बॉयलर मुर्गे की तरह बना दिया है जिनके पैर तो हैं पर चल नहीं सकते और पंख हैं पर उड़ नहीं सकते।
★ दोस्तों गमले में लगे पौधों और जंगल में लगे पौधो में क्या अंतर है आप सभी जानते हैं !!!
👉🏼 *एक छोटी सी मगर अच्छी लाइन_" बहुत प्यारी सी मोहब्बत... बहुत नमकीन आँसू रुलाता है... "_ और यह आपके बच्चों के प्रति आपके प्यार पर भी लागू होता है इसलिए दोस्तों अपने बच्चे को कुछ भी महत्व नहीं देते लेकिन कीमत से ज्यादा जरूर सिखाएं। *
★ अगर आप अपने बच्चों को दुनियादारी नहीं सिखाएंगे तो बाहरी दुनिया बेरहम है। इसमें दया का कोई छिड़काव नहीं है। वे आपके बच्चों पर बिल्कुल भी दया नहीं करेंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts,please let me know