धुंडीराज गणपति मन्दिर ( वाडी वडोदरा गुजरात )
धुंडीराज गणपति मन्दिर गुजरात राज्य के वडोदरा नगर में वाड़ी क्षेत्र में स्थित है। रिद्धि-सिद्धि एवं दो पुत्रों शुभ व लाभ के साथ कुल २१ गणपति के मंदिर बनाने वाले गोपालराव मैराळ पूर्व महाराजा खंडेराव गायकवाड़ के दीवान थे। उन्होंने वडोदरा में चार व उमरगाम एवं महाराष्ट्र में अनेक मंदिर बनवाए थे। तत्कालीन गायकवाड़ सरकार को वित्त की जरुरत थी, तब गोपालराव ने नौ करोड़ रुपए दान दिया था, जिससे उन्हें नवकोट नारायण के रूप में भी जाना जाता था। गोपालराव की सातवीं पीढ़ी आज भी मंदिर की देखरेख कर रही है।
परिवार का कहना है कि ईस्वी स. १९०४ शनिवार को गोपालराव जी ने दोपहर २.३० बजे प्रतिमा की प्रतिष्ठा की थी। अधिकतर गणपति की प्रतिमाएं ऐसी होती हैं, जिनमें दाहिने हाथ से भगवान आशीर्वाद देते दिखाई देते हैं, लेकिन इन २१ मंदिरों की प्रतिमाएं ऐसी हैं, जिनमें भगवान के दाहिने हाथ में शस्त्र है।
सागवन एवं शीशम की लकड़ी से बने मंदिर में मराठी, गुजराती एवं राजस्थानी संस्कृति का समन्वय देखने को मिलता है। गणेशोत्सव के दौरान सुबह-शाम को शहनाई-चौघडा बजाते हैं। गणपति जी की आरती उतारने से पहले आधा घंटा शहनाई एवं चौघडा बजाया जाता है। यह वाद्य भगवान शिवजी का प्रिय माना जाता है।
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