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2/13/2023

2/13/2023

पेड़ और चिड़िया की कहानी

(((( पेड़ और चिड़िया की कहानी ))))
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एक नदी के किनारे दो पेड़ थे। उस रास्ते एक छोटी सी चिड़िया गुजरी और पहले पेड़ से पूछा-बारिश होने वाला है, क्या मैं और मेरे बच्चे तुम्हारे टहनी में घोसला बनाकर रह सकते हैं।
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लेकिन वो पेड़ ने मना कर दिया। चिड़िया फिर दूसरे पेड़ के पास गई और वही सवाल पूछा.. 
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दूसरा पेड़ मान गया, चिड़िया अपने बच्चों के साथ खुशी-खुशी दूसरे पेड़ में घोसला बना कर रहने लगी..
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एक दिन इतनी अधिक बारिश हुई कि इसी दौरान पहला पेड़ जड़ से उखड़ कर पानी मे बह गया।
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जब चिड़िया ने उस पेड़ को बहते हुए देखा तो कहा..
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जब तुमसे मैं और मेरे बच्चे शरण के लिये आई तब तुमने मना कर दिया था, अब देखो तुम्हारे उसी रूखी बर्ताव की सजा तुम्हे मिल रही है।
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जिसका उत्तर पेड़ ने मुस्कुराते हुए दिया मैं जानता था मेरी जड़ें कमजोर है और इस बारिश में टिक नहीं पाऊंगा..
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मैं तुम्हारी और बच्चे की जान खतरे में नहीं डालना चाहता था, मना करने के लिए मुझे क्षमा कर दो,और ये कहते- कहते पेड़ बह गया। 
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मित्रों..! किसी के इंकार को हमेशा उनकी कठोरता न समझे.. क्या पता उसके उसी इंकार से आप का भला हो..
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कौन किस परिस्थिति में है शायद हम नहीं समझ पाए, इसलिए किसी के चरित्र और शैली को उनके वर्तमान व्यवहार से ना तौलें।
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साभार :- bhaktipath wordpress
Bhakti Kathayen भक्ति कथायें
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 ((((((( जय जय श्री राधे )))))))
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2/13/2023

१३ फरवरी २०२३ : पंचांग और राशिफल


१३ फरवरी २०२३ : पंचांग और राशिफल 

🌻सोमवार, १३ फरवरी २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०७:०४
सूर्यास्त: 🌅 ०६:१५
चन्द्रोदय: 🌝 २५:१०
चन्द्रास्त: 🌜११:०५
अयन 🌖 उत्तरायणे (दक्षिणगोलीय)
ऋतु:  🎄 शिशिर
शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (नल)
मास 👉 फाल्गुन 
पक्ष 👉 कृष्ण 
तिथि 👉 सप्तमी (०९:४५ से अष्टमी)
नक्षत्र 👉 विशाखा (२६:३६ से अनुराधा)
योग 👉 वृद्धि (१४:१७ से ध्रुव)
प्रथम करण 👉 बव (०९:४५ तक)
द्वितीय करण 👉 बालव (२१:३० तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 
🌖🌗🌖🌗
सूर्य   🌟 कुम्भ 
चंद्र    🌟 वृश्चिक (२०:३७ से)
मंगल 🌟 वृष (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध   🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)
गुरु   🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)
शुक्र  🌟 कुम्भ (उदित, पश्चिम)
शनि  🌟 कुम्भ (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
राहु   🌟 मेष 
केतु   🌟 तुला 
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०९ से १२:५३
अमृत काल 👉 १७:४५ से १९:२१
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 २६:३६ से ३०:५८
विजय मुहूर्त 👉 १४:२२ से १५:०६
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:०१ से १८:२७
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:०३ से १९:२१
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०५ से २४:५७
राहुकाल 👉 ०८:२२ से ०९:४५
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ११:०८ से १२:३१
होमाहुति 👉 गुरु - २६:३६ से राहु
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 आकाश 
चन्द्रवास 👉 पश्चिम (उत्तर २०:३७ से) 
शिववास 👉 श्मशान में (०९:४५ से गौरी के साथ)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 
१ - अमृत     २ - काल
३ - शुभ       ४ - रोग
५ - उद्वेग      ६ - चर
७ - लाभ      ८ - अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥ 
१ - चर         २ - रोग
३ - काल       ४ - लाभ
५ - उद्वेग       ६ - शुभ
७ - अमृत      ८ - चर
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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सक्रांति सूर्य कुम्भ में ०९:४३ से (पुण्य काल सूर्योदय से प्रातः ०९:४५ तक), श्रीनाथ जी महोत्सव (नाथद्वारा) आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 
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आज २६:३६ तक जन्मे शिशुओ का नाम विशाखा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ती, तू, ते, तो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम अनुराधा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार (ना) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मकर - २९:२१ से ०७:०२
कुम्भ - ०७:०२ से ०८:२८
मीन - ०८:२८ से ०९:५२
मेष - ०९:५२ से ११:२६
वृषभ - ११:२६ से १३:२०
मिथुन - १३:२० से १५:३५
कर्क - १५:३५ से १७:५७
सिंह - १७:५७ से २०:१६
कन्या - २०:१६ से २२:३४
तुला - २२:३४ से २४:५५
वृश्चिक - २४:५५ से २७:१४
धनु - २७:१४ से २९:१७
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त - ०६:५९ से ०७:०२
चोर पञ्चक - ०७:०२ से ०८:२८
शुभ मुहूर्त - ०८:२८ से ०९:४५
रोग पञ्चक - ०९:४५ से ०९:५२
चोर पञ्चक - ०९:५२ से ११:२६
शुभ मुहूर्त - ११:२६ से १३:२०
रोग पञ्चक - १३:२० से १५:३५
शुभ मुहूर्त - १५:३५ से १७:५७
मृत्यु पञ्चक - १७:५७ से २०:१६
अग्नि पञ्चक - २०:१६ से २२:३४
शुभ मुहूर्त - २२:३४ से २४:५५
रज पञ्चक - २४:५५ से २६:३६
शुभ मुहूर्त - २६:३६ से २७:१४
चोर पञ्चक - २७:१४ से २९:१७
शुभ मुहूर्त - २९:१७ से ३०:५८
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आपको आज का दिन पूर्व में किये शुभ कार्यो का फल देगा। आज आप जिस  कार्य को बेमन से करेंगे उसमे भी सफलता मिलेगी लेकिन व्यवसायिक कार्यो की व्यस्तता के कारण घर के सदस्यों की अनदेखी भारी पड़ेगी घर मे किसी ना किसी से नाराजगी रहेगी। इसके विपरीत कार्यक्षेत्र पर व्यवहार एवं मृदु वाणी जय कराएगी। नौकरी वाले लोग अधिकारियों का सानिध्य मिलने से आत्मविश्वास से भरे रहेंगे। धन लाभ के लिये आज ज्यादा परेशान नही होना पड़ेगा पुराने कार्यो से बैठे बिठाये हो जाएगा लेकिन नए अनुबंध मिलने में संध्या तक इंतजार करना पड़ेगा। पैतृक मामलो को लेकर परेशानी हो सकती है। आरोग्य बना रहेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन भी उठापटक वाला रहेगा। किसी पुराने विवाद अथवा अन्य व्यावसायिक कारणों से मध्यान तक दौड़धूप करनी पड़ेगी आज आपको जिसकी जरूरत पड़ेगी वही आपके कार्यो से दूर भागेगा जिससे असुविधा के साथ विलम्ब होगा। समाज मे मान-सम्मान बढेगा परन्तु घर मे आपका अनादर होगा। आर्थिक मामले लचीले व्यवहार के कारण लंबित रहेंगे फिर भी निर्वाह योग्य आय बना ही लेंगे।  जोडतोड़कर काम चलाना आर्थिक दृष्टिकोण से हित में ही रहेगा। परिवार के बुजुर्ग आपकी किसी बुरी आदत से परेशान रहेंगे महिलाये आध्यात्म में ज्यादा रुचि लेंगी घर अस्त-व्यस्त कार्यो को सुधारने में गुस्सा आएगा। सेहत आलस्य को छोड़ सामान्य ही रहेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके अनुकूल तो रहेगा लेकिन आज निर्णय लेने में कोई चूक होगी जिससे बाद में पछताना पड़ेगा कोई भी बड़ा काम करने से पहले ही अनुभवियों से सलाह कर लें हानि से बचेंगे। कार्य क्षेत्र पर काम के समय मन कही और भटकने के कारण कुछ ना कुछ नुक्स रह जायेगा फिर भी आज आपका व्यक्तित्त्व उच्च कोटि का रहेगा। लोग आपकी गलती को स्वार्थ सिद्धि के कारण अनदेखा करेंगे। रिश्तेदार अथवा पड़ोसी अपनी उलझनों को सुलझाने के लिये आपकी सहायता मागेंगे लेकिन किसी को बिन मांगे सलाह ना दे। ना ही किसी के कार्यो में दखल दें। धन लाभ मध्यान के बाद ही अल्प मात्रा में होगा। शारीरिक अकडन जोड़ो में दर्द संबंधित व्याधि सताएगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन कलहकारी रहेगा दिन के आरम्भ में ही किसी छोटी सी गलती के कारण घरवालो से भिड़ंत होगी इसके बाद भी शांति नही मिलेगी रही सही कसर कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी के ऊपर निकाल देंगे आज आपके साथ लोग केवल काम के लिये ही व्यवहार करेंगे।पारिवारिक संबंधो को जोड़ कर रखने का प्रयास करें। आपकी अविवेकी कार्यशैली रहने से आपसी विवादों को बढ़ने से रोक नही पाएंगे ध्यान रहे इसके परिणाम आगे गंभीर हो सकते है धैर्य से काम लें। सरकारी अथवा किसी भी प्रकार के जमीन-जायदाद संबंधित कार्य संभव आज टालें। घर मे किसी ना किसी की दवा पर खर्च होगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिये उन्नति कारक रहेगा। आज आप थोड़े में संतोष नही करेंगे अधिक से अधिक लाभ कमाने के चक्कर मे सेहत की भी अनदेखी करेंगे। आर्थिक रूप से आज का दिन उत्तम रहेगा व्यवहारिकता के बल पर लाभ और सम्मान कमाएंगे। महिलाये भी परिवार एवं अपने कार्यो के प्रति ज्यादा समर्पित रहेंगी जिस कार्य को करने की ठान लेंगी उसे अकेले ही पूर्ण करने का सामर्थ्य रखेंगी भविष्य के लिये संचय भी करेंगी। व्यवसायी वर्ग को अकस्मात लाभ के अनुबंध मिलेंगे जोखिम वाले कार्य करने में हिचकेंगे नही। नौकरी पेशा जातको को कोई महत्त्वपूर्ण कार्य सौंपा जाएगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन सुख शांति से व्यतीत होगा मन मे धन संबंधित उलझने लगी रहेंगी इनका समाधान आज मुश्किल ही हो पायेगा फिर भी संतोषी प्रवृति के कारण ज्यादा परेशान नही होंगे। किसी भी कार्य को करने से पहले उसकी बारीकी से जांच करेंगे जिससे आगे भ्रमित होने की संभावना नही रहेगी। इसके विपरीत महिलाये अधिकांश कार्यो में जल्दबाजी दिखाएंगी जिस के कारण काम तो बिगड़ेगा ही साथ ही बड़ो की डांट भी सुन्नी पड़ेगी। व्यावसाय की स्थिति आपके परिश्रम के ऊपर निर्भर रहेगी नौकरी पेशाओ को भागदौड़ के बाद ही सफलता मिलेगी वही व्यवसायी वर्ग भी प्रतिस्पर्धा अधिक रहने से कुछ कमी अनुभव करेंगे। स्वसन संबंधित विकार बनेगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन लाभदायक रहेगा। स्वभाव से चंचल रहेंगे लेकिन अन्य लोगो के ऊपर इसका अनुकूल प्रभाव पड़ेगा लोग आपके सानिध्य में हल्कापन अनुभव करेंगे। कार्य क्षेत्र पर कोई भी काम निश्चित समय पर नही होगा फिर भी धन लाभ कही ना कही से अचानक होगा। आप घर मे सुख सुविधा बढ़ाने पर विचार करेंगे निकट भविष्य में इनके ऊपर खर्च करना पड़ेगा। आर्थिक मामलो में स्पष्टता ना रहने के कारण किसी प्रियपात्र से कलह हो सकती है। मध्यान के बाद शारीरिक कमजोरी अनुभव होगी हाथ पैरों में शिथिलता आएगी। महिलाओं को गृहस्थी में तालमेल बैठाने में अधिक मशक्कत करनी पड़ेगी। 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन हानिकारक है किसी भी प्रकार के आर्थिक अथवा अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य यथा संभव टालने का प्रयास करें धन का लेनदेन भूल कर भी ना करें। कार्य क्षेत्र अथवा डोर रहने वाले स्नेहीजन से अप्रिय समाचार मिलने से मन का उत्साह खत्म होगा। कल तक जो आपकी सहायता अथवा समर्थन कर रहे थे आज वे ही आवश्यकता के समय पल्ला झाड़ते नजर आएंगे। कार्य क्षेत्र पर किसी गलती के कारण हानि होने की संभावना है। किसी से कोई वादा ना करें पूरा नही कर पाएंगे। महिलाये भी प्रत्येक कार्य देखभाल कर ही करें बिगड़ने की संभावना अधिक है। धन की आमद न्यून आकस्मिक खर्च अधिक रहने से बजट बिगड़ेगा। मानसिक विकार आएंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपको आकस्मिक धन लाभ करा कर आश्चर्यचकित करेगा। दिन के पूर्वार्ध से ही शुभ संकेत मिलने लगेंगे लेकिन स्थिति स्पष्ट ना होने के कारण दुविधा में रहेंगे। मध्यान बाद किसी पुराने व्यवहार से धन लाभ होगा आवश्यकता के समय पर होने से मन अधिक प्रसन्न रहेगा। आपका व्यवहार अन्य लोगो के लिए सहायक रहेगा लेकिन सोच-विचार कर ही किसी की बातों पर विश्वासः करें धोखा हो सकता है। पारिवारिक वातावरण भी परिजनों की मांग मान लेने से प्रसन्न रहेग। आज खर्च करने के लिए आपको सोचना नही पड़ेगा फिर भी व्यर्थ खर्च ना हो इसका भी ध्यान रखें। सेहत उत्तम रहेगी लेकिन अकस्मात क्रोध आएगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आपके लिये आज का दिन सफलता दायक है लेकिन आपका मिजाज अन्य लोगो से जल्दी मेल नही खायेगा जिससे कार्यक्षेत्र एवं घर मे दो राय बनेगी। किसी भी प्रकार के पुराने अधुरे कार्य आज थोड़े से प्रयास के बाद पूर्ण हो सकते है। आर्थिक रूप से दिन शुभ रहेगा धन की आमद में थोड़ा विलम्ब होगा लेकिन आवश्यकता अनुसार सजह हो जाएगी। व्यवसायी वर्ग ना चाहकर भी उधार देने के कारण थोड़े परेशान रहेंगे। भाग-दौड़ भरी दिनचार्य के कारण स्वास्थ्य प्रतिकूल होने की संभावना है। पारिवारिक वातावरण में छोटी मोटी छींटा कशी लगी रहेगी।  बुजुर्गो की चिंता होगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आप मानसिक रूप से शान्त रहेंगे। दिन का आरंभ शुभ कार्यो में व्यतीत होगा आध्यात्मिक पक्ष बलवान रहेगा धर्म कर्म का किसी ना किसी रूप में फल अवश्य मिलेगा। आर्थिक लाभ पाने के लिये ज्यादा परिश्रम करना पड़ेगा। घर एवं व्यवसाय में तालमेल बैठाने के कारण दुविधा में रहेंगे। एक कार्य को करने के चक्कर मे अन्य कार्य अधूरे रहेंगे। सरकारी अथवा किसी भी प्रकार के जमीन-जायदाद संबंधित कार्य मे उलझने पड़ेंगी यथा संभव आज टालें। धन के व्यवहारों में जबरदस्ती ना करें। स्वास्थ्य में कमी रहेगी कमजोरी अथवा पेट संबंधित व्याधि परेशान करेगी। घर मे आज शांति रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन सेहत के लिए प्रतिकूल रहने वाला है लापरवाही से बचें अन्यथा परिणाम गंभीर हो सकते है। दिन के आरंभिक भाग में आपको परिजनों की उपेक्षा का शिकार होना पड़ेगा मानसिक एवं शारीरिक बेचैनी आज दिन भर ही रहेगी। कार्य स्थल पर अव्यवस्थ रहेगी समय भी कम ही दे पाएंगे लेकिन फिर भी धन लाभ कही ना कही से अकस्मात हो जायेगा। आपकी वाणी की सौम्यता नए सम्बंध स्थापित करने में सहायता करेगी। बुजुर्ग वर्ग से शुभकार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। शुभ समाचार मिलने से खुशी होगी। संतानों के व्यवहार से थोड़ी पीड़ा भी होगी। वाहन सावधानी से चलाए चोट लगने का भय है।

2/08/2023

2/08/2023

गणपति के वाहन मुषक की विभिन्न कथाये

गणपति के वाहन मुषक की विभिन्न कथाये 
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सुमेरू पर्वत पर सौभरि ऋषि आश्रम बनाकर तप करते थे. उनकी पतिव्रता पत्नी मनोमयी इतनी रूपवती थीं कि उनके रूप पर यक्ष गंधर्व आदि सभी मोहित थे.मनोमयी के पतिव्रता और सौभरि की पत्नी होने के कारण गंधर्व मनोमयी की ओर देखने का साहस नहीं कर पाते थे लेकिन क्रौंच नाम एक दुष्ट गंधर्व से न रहा गया.क्रोंच ऋषि पत्नी के हरण का अवसर देखने लगा. एक बार ऋषि लकड़ियां लाने वन गए. कौंच को मनोमयी के हरण का यह उचित समय लगा. वह आश्रम में आया. कौंच मनोमयी का हाथ पकड़कर खींचकर अपने साथ ले जाने लगा. ऋषि पत्नी उससे दया की भीख मांगने लगी. उसी समय सौभरि ऋषि आ पहुंचे.उन्होंने कौंच को शाप दिया- तूने चोर की तरह मेरी पत्नी का हरण करना चाहा है, तू मूषक बन जा. तुझे धरती के भीतर छुपकर रहना पड़े और चोरी करके अपना पेट भरेगा.क्रोंच, मुनि के चरणों में गिरकर माफी मांगने लगा- कामदेव के प्रभाव से मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई इसलिए मैंने ऐसा अपराध किया. आप दयालु हैं, मुझे क्षमा कर दें.
बार-बार माफी मांगने से ऋषि पसीज गए. ऋषि ने कहा- मेरा शाप व्यर्थ तो नहीं जा सकता लेकिन इसमें सुधार कर देता हूं. इस शाप के कारण तुम्हें बहुत सम्मान मिलेगा.ऋषि ने कहा- द्वापर में महर्षि पराशर के यहां गणपति गजमुख पुत्ररूप में प्रकट होंगे तब तुण उनके वाहन बनोगे, जिससे देवगण भी तुम्हारा सम्मान करने लगेंगे.शापग्रस्त क्रोंच चूहा बन गया. उसका शरीर विशालकाय था. उद्दंडता तो उसमें पहले से ही थी. ताकत के कारण वह रास्ते में आने वाली सारी चीज़ें नष्ट कर देता.
एक बार वह महर्षि पराशर के आश्रम में पहुँच गया. वहाँ उसने आदत के अनुसार मिट्टी के सारे पात्र तोड़ दिए, आश्रम की वाटिका उजाड़ डाली. सारे वस्त्रों और ग्रंथों को कुतर दिया.भगवान गणेश भी उसी आश्रम में थे. महर्षि पराशर ने चूहे की करतूत गणेशजी को बताई. भगवान गणेश ने उस दुष्ट मूषक को सबक सिखाने की सोची.उन्होंने मूषक को पकड़ने के लिए अपना पाश फेंका. पाश मूषक का पीछा करता हुआ पाताल लोक तक पहुंचा. पाश मूषक के गले में अटक गया और मूषक बेहोश हो गया. पाश में घिसटता हुआ मूषक गणेशजी के सम्मुख उपस्थित हुआ. जैसे ही होश आया उसने बिना पल गंवाए गणेशजी की आराधना शुरू कर दी और अपने प्राणों की भीख मांगने लगा.गणेश जी मूषक की आराधना से प्रसन्न हो गए. उन्होंने कहा- तुमने लोगों को बहुत कष्ट दिए है. मैंने दुष्टों के नाश एवं साधुओं के कल्याण के लिए ही अवतार लिया है.तुम शरणागत हो इसलिए क्षमा करता हूं. मैं तुमसे प्रसन्न हूं कोई वरदान मांग लो. क्रौंच आदत से मजबूर था. गणेशजी से प्राणदान मिलते ही फिर से उसमें अहंकार जाग गया.वह गणेशजी से बोला, मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए, लेकिन यदि आप मुझसे कोई इच्छा रखते हों तो कहें मैं आपकी इच्छा पूरी कर दूंगा.मूषक की गर्वभरी वाणी सुनकर गणेशजी मुस्कुराए और कहा- यदि तुम्हारा वचन सत्य है तो तुम मेरा वाहन बन जाओ. मूषक ने बिना देरी किए ‘तथास्तु’ कह दिया.गणेशजी उस पर सवार हुए. गजानन के भार से दबकर उसके प्राण संकट में आ गए. उसने गणेशजी से अपना भार कम करके वहन करने योग्य बनाने की विनती की.इस तरह मूषक का गर्व चूरकर गणेशजी ने उसे अपना वाहन बना लिया. यही कारण है कि आज भी लोग अपने घरों में चूहों के उत्पात मचाने पर भगवान गणेश को याद करते हैं।

द्वितीया कथा
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बहुत समय की बात है, एक बहुत ही भयंकर असुरों का राजा था – गजमुख। वह बहुत ही शक्तिशाली बनना और धन चाहता था। वह साथ ही सभी देवी-देवताओं को अपने वश में करना चाहता था इसलिए हमेशा भगवान् शिव से वरदान के लिए तपस्या करता था। शिव जी से वरदान पाने के लिए वह अपना राज्य छोड़ कर जंगल में जा कर रहने लगा और शिवजी से वरदान प्राप्त करने के लिए, बिना पानी पिए भोजन खाए रातदिन तपस्या करने लगा।

कुछ साल बीत गए, शिवजी उसके अपार तप को देखकर प्रभावित हो गए और शिवजी उसके सामने प्रकट हुए। शिवजी नें खुश हो कर उसे दैविक शक्तियाँ प्रदान किया जिससे वह बहुत शक्तिशाली बन गया। सबसे बड़ी ताकत जो शिवजी नें उसे प्रदान किया वह यह था की उसे किसी भी शस्त्र से नहीं मारा जा सकता। असुर गजमुख को अपनी शक्तियों पर गर्व हो गया और वह अपने शक्तियों का दुर्पयोग करने लगा और देवी-देवताओं पर आक्रमण करने लगा।

मात्र शिव, विष्णु, ब्रह्मा और गणेश ही उसके आतंक से बचे हुए थे। गजमुख चाहता था की हर कोई देवता उसकी पूजा करे। सभी देवता शिव, विष्णु और ब्रह्मा जी के शरण में पहुंचे और अपनी जीवन की रक्षा के लिए गुहार करने लगे। यह सब देख कर शिवजी नें गणेश को असुर गजमुख को यह सब करने से रोकने के लिए भेजा।

गणेश जी नें गजमुख के साथ युद्ध किया और असुर गजमुख को बुरी तरह से घायल कर दिया। लेकिन तब भी वह नहीं माना। उस राक्षक नें स्वयं को एक मूषक के रूप में बदल लिया और गणेश जी की और आक्रमण करने के लिए दौड़ा। जैसे ही वह गणेश जी के पास पहुंचा गणेश जी कूद कर उसके ऊपर बैठ गए और गणेश जी ने गजमुख को जीवन भर के मुस में बदल दिया और अपने वाहन के रूप में जीवन भर के लिए रख लिया।

बाद में गजमुख भी अपने इस रूप से खुश हुआ और गणेश जी का प्रिय मित्र भी बन गया।

तृतीय कथा
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गणेश जी को बुद्धि, समृद्धि, विद्या और भाग्य का देवता माना जाता है। तर्क-वितर्क करना, एक-एक बात या समस्या की तह में जाना,उसकी मीमांसा करना और उसके निष्कर्ष तक पहुंचना यह सब उनका शौक है। ठीक गजानन की तरह  मूषक भी तर्क-वितर्क में पीछे नही हैं। वह भी हर वस्तु को काट-छांट कर उसके प्रत्येक अंग का विश्लेषण करते है यही नहीं वह बहुत ही फुर्तीले होते है और हमेशा जागरूक रहने का सन्देश भी देते है।

मगर क्या सिर्फ यही कारण है कि गणेश जी ने एक चूहे को अपना वाहन बनाया। इसके पीछे कई प्राचीन कथाएं प्रचलित है। उनमें से एक रोचक कथा कुछ इस प्रकार है-

एक बार देवराज इन्द्र अपनी सभा में सभी देव गणों के साथ किसी गंभीर विषय पर चर्चा कर रहे थे। उस सभा में गन्धर्व और अप्सराएं भी मौजूद थी। सारे देवगन इंद् की बातों को बड़े ही ध्यान से सुन रहे थे एवं अपना अपना मत भी बता रहे थे लेकिन सभा में एक क्रौंच नाम का गन्धर्व था जो देवराज की बातें न सुनकर अप्सराओं के साथ हंसी ठिठोली कर रहा था।

कुछ समय तक देवराज इंद्र ने उसकी हरकतों को नज़रंदाज़ किया और उसे इशारे में समझाया। किन्तु क्रौंच पर इसका कुछ भी असर नहीं हुआ क्योंकि उस समय वह उन्माद में डूबा हुआ था। उसकी इस हरकत से देवराज क्रोधित हो उठे और उसे श्राप दे दिया की वह एक मूषक बन जाए।

देवराज के श्राप से वह तुरंत ही गन्धर्व से मूषक बन गया और पूरे इंद्र लोग में इधर उधर भागने लगा। उसके

उत्पात से परेशान होकर इंद्र ने उसे देवलोक के बाहर फ़ेंक देने का आदेश दिया जिसके पश्चात द्वारपालों ने क्रौंच को स्वर्ग लोक के बहार फ़ेंक दिया।

स्वर्ग लोग से क्रौंच सीधा ऋषि पराशर के आश्रम में जा गिरा। वहां उसने क्रोध में आकर सारे पात्रों को छिन्न भिन्न कर दिया था और सारा भोजन चट कर गया। यही नहीं उसने ऋषियों के वस्त्र और उनकी धार्मिक पुस्तकें भी कुतर डाली।

मूषक के उधम से परेशान ऋषि पराशर ने किया श्री गणेश का आवाहन

मूषक के उत्पात से ऋषि पराशर के आश्रम में चारों तरफ हाहाकार मच गया तब उन्होंने परेशान होकर श्री गणेश का आवाहन किया और उसके आतंक से बचाने का आग्रह किया। तब भगवान गणेश ने अपने पाश को फ़ौरन आदेश दिया कि वह उस मूषक को पकड़ कर लाए।

जब पाश मूषक को पाताल लोक से ढूंढ कर गणेश जी के पास लाया तो भगवान के सम्मुख आते ही मूषक भय से कांपने लगा। उसकी यह दशा देख कर गणेश जी को हंसी आ गयी जिसके पश्चात मूषक भी सामान्य हो गया और गजानन से कहने लगा की आप जो चाहे मुझसे माँग लें। ऐसा सुनते ही भगवान ने उसे अपना वाहन बनने को कहा और वह उसके ऊपर विराजमान हो गए। चूँकि गणेश जी का शरीर काफी भारी था इसलिए वह उनका भार उठाने में सक्षम नहीं था। इसलिए उसने भगवान से प्रार्थना कि की वह उसे इतनी शक्ति प्रदान करें कि वो उनका भार उठा सके तब गणेश जी ने तथास्तु कहा और इस प्रकार मूषक उनका वाहन बन गया।

2/08/2023

गणेश जी का विवाह किस से और कैसे हुआ और उनके विवाह में क्या रुकावटें आई...?

गणेश जी का विवाह किस से और कैसे हुआ और उनके विवाह में क्या रुकावटें आई...?
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भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र गणेश जी की पूजा सभी भगवानों से पहले की जाती है। प्रत्येक शुभ कार्य करने से पहले इन्हे ही पूजा जाता है। गणेश जी को गणपति के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह गणों के देवता है और इनका वाहन एक मूषक होता है। ज्योतिषी विद्या में गणेश जी को केतु के देवता कहा गया है।

गणेश जी के शरीर की रचना माता पार्वती द्वारा की गई थी उस समय उनका मुख सामान्य था, बिल्कुल वैसा जैसा किसी मनुष्य का होता है। एक समय की बात है माता पार्वती ने गणेश को आदेश दिया कि उन्हें घर की पहरेदारी करनी होगी क्योंकि माता पार्वती स्नानघर जा रही थी।
 
गणेश जी को आदेश मिला की जब तक पार्वती माता स्नान कर रही है घर के अंदर कोई न आए तभी दरवाज़े पर भगवान शंकर आए और गणेश ने उन्हें अपने ही घर में प्रवेश करने से मना कर दिया, जिसके कारण शिव जी ने गणेश का सर धड़ से अलग कर दिया। गणेश को ऐसे देख माता पार्वती दुखी हो गई तब शिव ने पार्वती के दुख को दूर करने के लिए गणेश को जीवित कर उनके धड़ पर हाथी का सिर लगा दिया और उन्हें प्रथम पूज्य का वरदान दिया।

गणेश जी का विवाह किस कारण नहीं हो पा रहा था
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 गणेश जी के दो दन्त भी थे जो उनके हाथी वाले सिर की सुंदरता बढ़ाते थे। किन्तु परशुराम के साथ युद्ध करने के कारण गणेशजी का एक दांत टूट गया था। तब से वे एकदंत कहलाए जाते है।

दो कारणों की वजह से गणेश जी का विवाह नहीं हो पा रहा था। उनसे कोई भी सुशील कन्या विवाह के लिए तैयार नहीं होती थी। पहला कारण उनका सिर हाथी वाला था और दूसरा कारण उनका एक दन्त इसी कारणवश गणेशजी नाराज रहते थे।

गणेश जी का विवाह किससे और कैसे हुआ
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जब भी गणेश  किसी अन्य देवता के विवाह में जाते थे तो उनके मन को बहुत ठेस पहुँचती थी। उन्हें ऐसा लगा कि अगर उनका विवाह नहीं हो पा रहा तो वे किसी और का विवाह कैसे होने दें सकते है। तो उन्होंने अन्य देवताओं के विवाह में बाधाएं डालना शुरू कर दिया।

इस काम में गणेश जी की सहायता उनका वाहन मूषक करता था। वह मूषक गणेश जी के आदेश का पालन कर विवाह के मंडप को नष्ट कर देता था जिससे विवाह के कार्य में रूकावट आती थी गणेश और चूहे की मिली भगत से सारे देवता परेशान हो गए और शिवजी को जाकर अपनी गाथा सुनाने लगे। परन्तु इस समस्या का हल शिवजी के पास भी नहीं था तो शिव-पार्वती ने उन्हें बोला कि इस समस्या का निवारण ब्रह्मा जी कर सकते है।

यह सुनकर सब देवतागण ब्रह्मा जी के पास गए, तब ब्रह्माजी योग में लीन थे। कुछ देर बाद देवताओं के समाधान के लिए योग से दो कन्याएं ऋद्धि और सिद्धि प्रकट हुई| दोनों ब्रह्माजी की मानस पुत्री थीं|दोनों पुत्रियों को लेकर ब्रह्माजी गणेशजी के पास पहुंचे और बोले की आपको इन्हे शिक्षा देनी है। गणेशजी शिक्षा देने के लिए तैयार हो गए। जब भी चूहे द्वारा गणेश जी के पास किसी के विवाह की सूचना अति थी तो ऋद्धि और सिद्धि उनका ध्यान भटकाने के लिए कोई न कोई प्रसंग छेड़ देतीं थी। ऐसा करने से हर विवाह बिना किसी बाधा के पूर्ण हो जाता था।                                                         

परन्तु एक दिन गणेश जी को सारी बात समझ में आई जब चूहे ने उन्हें देवताओं के विवाह बिना किसी रूकावट के सम्पूर्ण होने के बारे में बताया। इससे पहले कि गणेश जी क्रोधित होते, ब्रह्मा जी उनके सामने ऋद्धि सिद्धि को लेकर प्रकट हुए और बोलने लगे कि मुझे इनके लिए कोई योग्य वर नहीं मिल रहा है कृपया आप इनसे विवाह कर लें।

इस प्रकार गणेश जी का विवाह बड़ी धूमधाम से ऋद्धि और सिद्धि के साथ हुआ और इसके बाद इन्हे दो पुत्रों की प्राप्ति हुई जिनका नाम था शुभ और लाभ...!!

2/08/2023

८ फरवरी २०२३ : पंचांग और राशिफल

८ फरवरी २०२३ : पंचांग और राशिफल 

🌻बुधवार, ८ फरवरी २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०७:०८
सूर्यास्त: 🌅 ०६:०५
चन्द्रोदय: 🌝 २०:१९
चन्द्रास्त: 🌜०८:३८
अयन 🌖 उत्तरायणे (दक्षिणगोलीय)
ऋतु:  🎄 शिशिर
शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (नल)
मास 👉 फाल्गुन 
पक्ष 👉 कृष्ण 
तिथि 👉 तृतीया (३०:२३ से चतुर्थी)
नक्षत्र 👉 पूर्वाफाल्गुनी (२०:१५ से उत्तराफाल्गुनी)
योग 👉 अतिगण्ड (१६:३१ से सुकर्मा)
प्रथम करण 👉 वणिज (१७:२७ तक)
द्वितीय करण 👉 विष्टि (३०:२३ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 
🌖🌗🌖🌗
सूर्य   🌟 मकर 
चंद्र    🌟 कन्या (२६:४९ से)
मंगल 🌟 वृष (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध   🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)
गुरु   🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)
शुक्र  🌟 कुम्भ (उदित, पश्चिम)
शनि  🌟 कुम्भ (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
राहु   🌟 मेष 
केतु   🌟 तुला 
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌️❌️❌️
अमृत काल 👉 १३:११ से १४:५७
विजय मुहूर्त 👉 १४:२१ से १५:०४
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:५७ से १८:२३
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:५९ से १९:१८
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०५ से २४:५७
राहुकाल 👉 १२:३१ से १३:५३
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०८:२५ से ०९:४७
होमाहुति 👉 मंगल
दिशाशूल 👉 उत्तर
नक्षत्र शूल 👉 उत्तर (२०:१५ से)
अग्निवास 👉 पृथ्वी
भद्रावास 👉 मृत्यु (१७:२७ से २६:४९, पाताल २६:४९ से ३०:२३ तक)
चन्द्रवास 👉 पूर्व (दक्षिण २६:४९ से) 
शिववास 👉 क्रीड़ा में (३०:२३ से कैलाश पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 
१ - लाभ      २ - अमृत
३ - काल      ४ - शुभ
५ - रोग        ६ - उद्वेग
७ - चर         ८ - लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥ 
१ - उद्वेग     २ - शुभ
३ - अमृत     ४ - चर
५ - रोग        ६ - काल
७ - लाभ      ८ - उद्वेग
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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विवाह मुहूर्त मकर ल. अंतरात्रि ०५:४४ से प्रातः ०७:१२ तक, उपनयन संस्कार मुहूर्त प्रातः ११:१८ से दोपहर १२:४१ तक, विधा एवं अक्षर आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०७:१२ से ०९:५५ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 
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आज २०:१५ तक जन्मे शिशुओ का नाम पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (टा, टी, टू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार (टे, टो) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मकर - २९:४१ से ०७:२२
कुम्भ - ०७:२२ से ०८:४८
मीन - ०८:४८ से १०:११
मेष - १०:११ से ११:४५
वृषभ - ११:४५ से १३:४०
मिथुन - १३:४० से १५:५५
कर्क - १५:५५ से १८:१७
सिंह - १८:१७ से २०:३५
कन्या - २०:३५ से २२:५३
तुला - २२:५३ से २५:१४
वृश्चिक - २५:१४ से २७:३४
धनु - २७:३४ से २९:३७
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त - ०७:०३ से ०७:२२
रोग पञ्चक - ०७:२२ से ०८:४८
शुभ मुहूर्त - ०८:४८ से १०:११
शुभ मुहूर्त - १०:११ से ११:४५
रोग पञ्चक - ११:४५ से १३:४०
शुभ मुहूर्त - १३:४० से १५:५५
मृत्यु पञ्चक - १५:५५ से १८:१७
अग्नि पञ्चक - १८:१७ से २०:१५
शुभ मुहूर्त - २०:१५ से २०:३५
रज पञ्चक - २०:३५ से २२:५३
शुभ मुहूर्त - २२:५३ से २५:१४
चोर पञ्चक - २५:१४ से २७:३४
शुभ मुहूर्त - २७:३४ से २९:३७
रोग पञ्चक - २९:३७ से ३०:२३
शुभ मुहूर्त - ३०:२३ से ३१:०२
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज परिस्थितियों में उतार चढ़ाव लगा रहेगा इसलिए प्रत्येक कार्य को देख भाल कर ही करें। स्वभाव में जल्दबाजी रहने के कारण आपके कुछ निर्णय गलत साबित हो सकते है फिर भी प्रयास जारी रखें आशानुकूल ना सही कुछ लाभ अवश्य होगा। खर्च पर नियंत्रण ना रहने से आय व्यय का संतुलन बिगड़ सकता है संताने आज अधिक जिद्दी व्यवहार करेंगी गुस्सा ना करें। पूर्व नियोजित नए कार्य एवं धन सम्बंधित सरकारी कार्य आज ना करें। मध्यान के आस-पास सेहत प्रतिकूल बनेगी पेट अथवा वायु सम्बंधित व्याधि एवं शक्ति हीनता अनुभव कर सकते है। परिवार में शांति रखने के लिए आवश्यकताओ की पूर्ति समय पर करें।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज प्रातः काल में किसी आवश्यक कार्य में विलम्ब होने अथवा बिगड़ने के कारण दिन भर क्रोध से भरे रहेंगे फिर भी व्यवहार में नरमी रखें अन्यथा अन्य लाभों से भी हाथ धो बैठेंगे। परिवार के बुजुर्गो की सलाह आज बहुत काम आने वाली है इसलिए सम्बन्ध ना बिगड़े इसका ध्यान रखें। नौकरी पेशा जातक सामान्य रूप से कार्यो में सक्रिय रहेंगे दफ्तर के कार्य से यात्रा करनी पड़ सकती है। संध्या के समय आलस्य थकान रहने से एकान्त वास पसंद करेंगे। परिजन कुछ मतभेद के बाद भी सहयोग को तत्पर रहेंगे। धन आगम मध्यम रहेगा। ठंडी वस्तुओ का प्रयोग ना करें। 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आप प्रातः काल से ही यात्रा की योजना बनाएंगे परन्तु अंतिम समय में किसी कार्य के आने से विघ्न आ सकते है। मन इच्छित कार्य ना होने से दिन भर क्षुब्ध रहेंगे। घर एव बाहर आपका व्यवहार विपरीत रहने के कारण विवाद हो सकता है। आज आप अपने आगे किसी की नहीं चलने देंगे। सहकर्मी आपसे परेशान रह सकते है परन्तु जाहिर नहीं करेंगे। लोगो की भावनाओं को ध्यान में रख व्यवहार करें शांति बनी रहेगी। आज किसी गुप्त रोग होने से नई परेशानी खड़ी हो सकती है। धन सम्बंधित मामलो को लेकर चिंता बढ़ेगी। गृहस्थ जीवन में नीरसता बढ़ने से बाहर का।वातावरण ज्यादा पसंद आएगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आपकी आज की दिनचर्या सुख शांति वाली रहेगी। ज़ब तक लाभ निश्चित ना दिखे परिश्रम करने के पक्ष में नहीं रहेंगे।सरकारी कार्यो में भी किसी की सहायता की आवश्यकता पड़ेगी। उधार लिया धन अथवा अन्य वस्तु आज वापस करना लाभदायक रहेगा। घर के सदस्य आपसी सम्बन्धो को अधिक महत्त्व देंगे रिश्तों में भावुकता अधिक रहेगी। नौकरी पेशा जातक व्यवहार शून्यता के कारण अपमानित हो सकते है सतर्क रहें। धन लाभ आशा से km रहने से आवश्यक कार्यो में बाधा आएगी। खर्च बराबर रहेंगे। शेयर सम्बंधित कार्यो में धन अटक सकता है। घर में मौन रहें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आपका आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। व्यवसायिक एवं पारिवारिक उलझने कम होने से आज आपकी योजना सफल बनेगी। परिजनों का व्यवहार भी आपके अनुकूल रहेगा सहयोग की उम्मीद भी रख सकते है। लेकिन आज यथार्थ पर ज्यादा ध्यान रखें स्वप्न लोक की सैर ना करें। कार्य व्यवसाय स्थल पर लोगो की सहानुभूति मिलेगी। धन लाभ आशानुकूल नहीं फिर भी कार्य चलने लायक अवश्य होगा। प्रेम प्रसंगों में कई दिन से चल रही कड़वाहट ख़त्म होगी। कार्यो की थकान मिटाने के लिए मनोरंजन के अवसर तलाशेंगे इन पर खर्च भी करेंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन का अधिकांश समय आपकी आशाओं के विपरीत रहने वाला है। घर बाहर विरोध का सामना करना पड़ सकता है। लोग आपकी बातों में नुक्स निकालने के लिए आतुर रहेंगे। परिजनों का रूखा व्यवहार मानसिक रूप से आहत करेगा। सरकारी नतीजे भी विपक्ष में होंगे। प्रतिस्पर्धी आपकी दशा देखकर प्रसन्न रहेंगे परन्तु आज के दिन धैर्य धारण करें शीघ्र ही समय अनुकूल बनेगा। धार्मिक एवं सामाजिक कार्यो में सम्मिलित होने के अवसर मिलेंगे लेकिन बेमन से भाग लेंगे। घर में किसी बाहरी व्यक्ति की दखल होने से वातावरण अशान्त रहेगा। धन सम्बंधित व्यवहार देखभाल कर करें।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आपका पारिवारिक जीवन उत्तम रहेगा व्यवसाय में भी आकस्मिक लाभ होने से उत्साहित रहेंगे। पारिवारिकजन किसी महत्त्वपूर्ण कार्य को लेकर इकट्ठे होंगे फिर भी आगे से अपनी राय ना देकर मौन होकर अन्य लोगो की बात सुने शांति बनी रहेगी। कार्य क्षेत्र का वातावरण इसके उलट रहेगा वर्चस्व को लेकर किसी से तू-तू मैं-मै होने की संभावना है परंतु फिर भी धन के दृष्टिकोण से दिन लाभदायक रहेगा। उधारी की वसूली होने से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनेगी परिवार में खर्च भी लगे रहेंगे। भविष्य की योजनाओं पर भी धन खर्च कर सकते है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन व्यवस्थाओं में सुधार आने से आय की संभावनाएं बढ़ेंगी। व्यवहार में भी शालीनता रहने से सभी लोग आपसे प्रसन्न रहेंगे। आज आप कार्यो को आत्मविश्वास से करेंगे जिससे सफलता निश्चित रहेगी परन्तु ध्यान रहे अतिआत्मविश्वास के कारण हास्य के पात्र भी बन सकते है। परिवार की महिलाओं का व्यवहार थोड़ा असमंजस में डाल सकता है फिर भी स्थित नियंत्रण में ही रहेगी। स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा। दिन भर व्यस्तता के बाद भी आप मानसिक रूप से प्रसन्न रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर अधिक बोलने से अवश्य बचे मान हानि हो सकती है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन लाभ की संभावनाएं बनते बनते बिगड़ सकती है आलस्य की प्रवृति इसका कारण बनेगी। परन्तु फिर भी कार्य क्षेत्र पर सम्मानजनक स्थित बनी रहेगी। प्रतिस्पर्धी भी आपकी कार्य शैली से प्रभावित रहेंगे। जिस कार्य में हाथ डालेंगे सफलता सुनिश्चित रहेगी लेकिन धन लाभ को लेकर स्थिति गंभीर रहेगी धन सम्बंधित कार्यो के प्रति लापरवाह भी रहेंगे जिसका लाभ कोई अन्य व्यक्ति उठा सकता है। सेहत भी लगभग सामान्य बनी रहेगी परन्तु फिर भीं कार्यो के प्रति अधिक गंभीर नहीं रहेंगे। पारिवारिक वातावरण बीच बीच में उग्र बन सकता है। शांति बनाए रखें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आपका आज का दिन अत्यन्त थकान वाला रहेगा। कार्य की भरमार रहने से शारीरिक एवं मानसिक रूप से परेशान रह सकते है। कार्य क्षेत्र से आज आशा के अनुसार लाभ होने की संभावना भीं है। आकस्मिक यात्रा की भी सम्भवना बनी रहेगी। दिनचर्या में कई बदलाव करने पड़ेंगे। आपकी सामाजिक छवि निखरेगी। संध्या के समय धन लाभ अवश्य होगा। परिजनों को आज आपकी आवश्यकता पड़ेगी परन्तु घरेलु कार्यो में टालमटोल ना करें अन्यथा वातावरण ख़राब हो सकता है। संध्या के समय उत्तम भोजन सुख मिलेगा। गृहस्थ सुख आज सामान्य से कम ही रहेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आपके सोचे कार्य प्रारंभिक गतिरोध के बाद सफल बंनेगे। व्यवसायी लोग उचित निर्णय क्षमता का लाभ अवश्य पाएंगे। नौकरी वाले जातक भी अधिकारियों के नरम व्यवहार का लाभ उठा सकते है। महिलाएं आज प्रत्येक क्षेत्र में अधिक सक्रिय एवं सफल रहेंगी। सामाजिक आयोजनों में भागीदारी की पहल करना सम्मान बढ़ायेगा। बेरोजगारों को रोजगार एवं अविवाहितो के लिए रिश्ते की बात बनने की अधिक सम्भावना है हार ना मान प्रयास जारी रखें। धन लाभ आंशिक परंतु तुरंत होगा। दाम्पत्य में थोड़े उतार-चढ़ाव के साथ शांति बनी रहेगी। सेहत सामान्य रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज भी दिन आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा परन्तु आकस्मिक खर्च आज अधिक रहने से परेशानी भी होगी। व्यापारी एवं नौकरी पेशा वर्ग आज अधूरे कार्य पूर्ण करने के कारण जल्दी जुट जाएंगे। लाभ की संभावना भी यथावत बनी रहेगी धन लाभ थोड़े थोड़े अंतराल पर होता रहेगा। अनैतिक कार्यो से भी लाभ होने की संभावना है परंतु सावधानी भी अपेक्षित है। धार्मिक कार्य क्रमो के प्रसंग अचानक बनेंगे धार्मिक क्षेत्र की यात्रा भी कर सकते है। स्त्री वर्ग आज आप पर हावी रहेंगी फिर भी असहजता नहीं मानेंगे। घर में शांति बनी रहेगी।

2/07/2023

2/07/2023

सुबह उठ कर भूमि-वंदन क्यों करना चाहिए ?

सुबह उठ कर भूमि-वंदन क्यों करना चाहिए ?

शास्त्रों में मनुष्य को प्रात:काल उठने के बाद धरती माता की वंदना करके ही भूमि पर पैर रखने का विधान किया गया है । पहले दायें पैर को भूमि पर रख कर हाथ से पृथ्वी का स्पर्श कर फिर मस्तक पर लगाया जाता है, साथ ही पांव रखने के लिए विष्णुपत्नी भूदेवी से क्षमा मांगी जाती है—‘हे धरती माता ! मुझे तुम्हारे ऊपर पैर रखने में बहुत संकोच होता है, तुम तो मेरे भगवान की शक्ति हो ।’

भूमि-वंदना का मंत्र इस प्रकार है—

समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डिते ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे ।।

अर्थात्–समुद्ररूपी वस्त्रों को धारण करने वाली, पर्वतरूपी स्तनों से शोभित विष्णुपत्नी, मेरे द्वारा होने वाले पाद स्पर्श के लिए आप मुझे क्षमा करें ।

भगवान नारायण श्रीदेवी और भूदेवी (पृथ्वी) के पति हैं । भूदेवी कश्यप ऋषि की पुत्री हैं और पुराणों में इनका एक देवी रूप है । भूदेवी अपने एक रूप से संसार में सब जगह फैली हुईं हैं और दूसरे रूप में देवी रूप में स्थित रहती हैं।

कश्यप ऋषि की पुत्री होने से ये ‘काश्यपी’, स्थिर रूप होने से ‘स्थिरा’, विश्व को धारण करने से ‘विश्वम्भरा’, अनंत रूप होने से ‘अनंता’ और सब जगह फैली होने से ‘पृथ्वी’ कहलाती हैं । भगवान की पत्नी होने के कारण वे ‘विष्णुप्रिया’ के नाम से जानी जाती हैं ।

सृष्टि के समय ये प्रकट होकर जल के ऊपर स्थिर हो जाती हैं और प्रलयकाल में ये जल के अंदर छिप जाती हैं ।

वाराहकल्प में जब हिरण्याक्ष दैत्य पृथ्वी को चुराकर रसातल में ले गया, तब भगवान श्रीहरि हिरण्याक्ष को मार कर रसातल से पृथ्वी को ले आए और उसे जल पर इस प्रकार रख दिया, मानो तालाब में कमल का पत्ता हो । इसके बाद ब्रह्मा जी ने उसी पृथ्वी पर सृष्टि रचना की । उस समय वाराहरूपधारी भगवान श्रीहरि ने सुंदर देवी के रूप में उपस्थित भूदेवी का वेदमंत्रों से पूजन किया और उन्हें ‘जगत्पूज्य’ होने का वरदान देते हुए कहा—

‘तुम सबको आश्रय प्रदान करने वाली बनो । देवता, सिद्ध, मानव, दैत्य आदि से पूजित होकर तुम सुख पाओगी । गृहप्रवेश, गृह निर्माण के आरम्भ, वापी, तालाब आदि के निर्माण के समय मेरे वर के कारण लोग तुम्हारी पूजा करेंगे ।’

इसके बाद त्रिलोकी में पृथ्वी की पूजा होने लगी ।

भूमि वंदना क्यों करनी चाहिए ?
▪️ नींद से उठने के बाद चूंकि हमें बिस्तर से उतर कर आगे के कार्यों के लिए भूमि पर पांव रखना पड़ेगा और कौन मनुष्य ऐसा होगा जिसे अपनी माता के ऊपर पैर रखना अच्छा लगेगा ? इसी विवशता के कारण सबसे पहले भूमि वंदना कर उन पर पांव रखने के लिए विष्णुपत्नी भूदेवी से क्षमा मांगी जाती है । 

▪️ पृथ्वी माता ने सबको धारण कर रखा है; अत: वे सभी के लिए पूज्य और वंदन-आराधन के योग्य हैं । वे न रहें या उनकी कृपा न रहे तो सारा जगत कहीं भी ठहर नहीं सकता है ।

▪️ पृथ्वी माता धैर्य और क्षमा की देवी हैं । पृथ्वी पर मनुष्य कितना आघात करता है, जल निकालने के लिए भूमि के हृदय को चीरा जाता है, अन्न उपजाने के लिए भूमि के हृदय पर हल चलाया जाता है, मनुष्य व जीव-जन्तु भी उस पर मल-मूत्र का त्याग करते हैं; लेकिन धरती को कभी क्रोध नहीं आता । जिस दिन धरती माता को क्रोध आ जाए, धरती हिलने लगे, भूकम्प आ जाए तो मानव जाति का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा ।

▪️ भूमि की शस्य-सम्पदा से ही अन्नरूप प्राण उत्पन्न होता है । साथ ही भूमि के हृदय में अनंत ऐश्वर्य जैसे—हीरा, पन्ना, रूबी, नीलम, सोना, लोहा, तांबा और न जानें कितनी धातुएं रहती हैं, जो वे हमें प्रदान करती हैं; इसलिए पृथ्वी देवी का सदा सम्मान करना चाहिए। 

कुछ चीजें जो भूदेवी की मर्यादा के विरुद्ध हैं, वह नहीं करनी चाहिए । जैसे—

▪️ दीपक, शिवलिंग, देवी की मूर्ति, शंख, यंत्र, शालग्राम का जल, फूल, तुलसीदल, जपमाला, पुष्पमाला, कपूर, गोरोचन, चंदन की लकड़ी, रुद्राक्ष माला, कुश की जड़, पुस्तक और यज्ञोपवीत—इन वस्तुओं को कभी भी भूमि पर नहीं रखना चाहिए।

▪️ ग्रहण के अवसर पर भूमि को नहीं खोदना चाहिए।

भूमि वंदन करने के पीछे यही शिक्षा छिपी है कि मनुष्य को पृ्थ्वी की तरह सहनशील, धैर्यवान और क्षमावान होना चाहिए ।

2/05/2023

2/05/2023

Health-Tips : हमेशा काम आने वाले 51 अचूक नुस्खे

Health-Tips : हमेशा काम आने वाले 51 अचूक नुस्खे

हमारे जीवन में रोगों का प्रभाव पड़ता ही रहता है -हम छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज स्वयं कर सकते है आज हम आप के लिए लाये हैं साधारण छोटे-छोटे प्रयोग जिनको आप अवश्य अपनाए कुछ प्रयोग नीचे दिए गए है जो आपके घर में ही उपलब्ध है अजमाए और लाभ ले –

1. *दमे के लिये तुलसी और वासा:-*

दमे के रोगियों को तुलसी की १० पत्तियों के साथ वासा (अडूसा या वासक) का २५० मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर दें। लगभग २१ दिनों तक सुबह यह काढ़ा पीने से आराम आ जाता है-

2. *मौसमी खाँसी के लिये सेंधा नमक:-*

सेंधा नमक की लगभग 5 ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें। जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबोकर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएँ। ऐसा नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खाँसी, विशेषकर बलगमी खाँसी से आराम मिलता है। नमक की डली को सुखाकर रख लें एक ही डली का बार बार प्रयोग किया जा सकता है-

3. *बैठे हुए गले के लिये मुलेठी का चूर्ण:-*

मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है। या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रखकर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है-

4. *मुँह और गले के कष्टों के लिये सौंफ और मिश्री:-*

भोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबाने से मुख की अनेक बीमारियाँ और सूखी खाँसी दूर होती है, बैठी हुई आवाज़ खुल जाती है, गले की खुश्की ठीक होती है और आवाज मधुर हो जाती है-

5. *खराश या सूखी खाँसी के लिये अदरक और गुड़:-*

गले में खराश या सूखी खाँसी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाएँ। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है। आराम मिलेगा-

6. *पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमक:-*

आधा ग्राम अजवायन चूर्ण में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट होते हैं। बडों के लिये- चार भाग अजवायन के चूर्ण में एक भाग काला नमक मिलाना चाहिये और दो ग्राम की मात्रा में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेना चाहिये-

7. *अरुचि के लिये मुनक्का हरड़ और चीनी:-*

भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पाँच छह ग्राम की मात्रा में (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें-

8. *बदन के दर्द में कपूर और सरसों का तेल:-*

10 ग्राम कपूर, 200 ग्राम सरसों का तेल – दोनों को शीशी में भरकर मजबूत ठक्कन लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएँ मिलकर एक रस होकर घुल जाए तब इस तेल की मालिश से नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द और, माँसपेशियों के दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं-

9. *जोड़ों के दर्द के लिये बथुए का रस:-*

बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो-दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें-

10. *पेट में वायु-गैस के लिये मट्ठा और अजवायन:-*

पेट में वायु बनने की अवस्था में भोजन के बाद 125 ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु-गैस मिटती है। एक से दो सप्ताह तक आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें-

11. *फटे हाथ पैरों के लिये सरसों या जैतून का तेल:-*

नाभि में प्रतिदिन सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते और फटे हुए होंठ मुलायम और सुन्दर हो जाते है। साथ ही नेत्रों की खुजली और खुश्की दूर हो जाती है-

12. *सर्दी बुखार और साँस के पुराने रोगों के लिये तुलसी:-*

तुलसी की 21 पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिलबट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भाँति पीस लें और 10 से 30 ग्राम मीठे दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खाएँ। दही खट्टा न हो। यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम तुलसी की चटनी शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भूलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं-

13. *अधिक क्रोध के लिये आँवले का मुरब्बा और गुलकंद:-*

बहुत क्रोध आता हो तो सुबह आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन खाएँ और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लें। क्रोध आना शांत हो जाएगा-

14. *घुटनों में दर्द के लिये अखरोट:-*

सवेरे खाली पेट तीन या चार अखरोट की गिरियाँ खाने से घुटनों का दर्द मैं आराम हो जाता है-

15. *काले धब्बों के लिये नीबू और नारियल का तेल:-*

चेहरे व कोहनी पर काले धब्बे दूर करने के लिये आधा चम्मच नारियल के तेल में आधे नीबू का रस निचोड़ें और त्वचा पर रगड़ें, फिर गुनगुने पानी से धो लें-

16. *कोलेस्ट्राल पर नियंत्रण सुपारी से:-*

भोजन के बाद कच्ची सुपारी 20 से 40 मिनट तक चबाएँ फिर मुँह साफ़ कर लें। सुपारी का रस लार के साथ मिलकर रक्त को पतला करने जैसा काम करता है। जिससे कोलेस्ट्राल में गिरावट आती है और रक्तचाप भी कम हो जाता है-

17. *मसूढ़ों की सूजन के लिये अजवायन:-*

मसूढ़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूँदें पानी में मिलाकर कुल्ला करने से सूजन में आराम आ जाता है-

18. *हृदय रोग में आँवले का मुरब्बा:-*

आँवले का मुरब्बा दिन में तीन बार सेवन करने से यह दिल की कमजोरी, धड़कन का असामान्य होना तथा दिल के रोग में अत्यंत लाभ होता है, साथ ही पित्त, ज्वर, उल्टी, जलन आदि में भी आराम मिलता है-

19. *शारीरिक दुर्बलता के लिये दूध और दालचीनी:-*

दो ग्राम दालचीनी का चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ लेने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है और शरीर स्वस्थ हो जाता है। दो ग्राम दालचीनी के स्थान पर एक ग्राम जायफल का चूर्ण भी लिया जा सकता है-

20. *हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये दूध और काली मिर्च:-*

हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये 10 ग्राम दूध में 250 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर रख लें। 2-2 ग्राम चूर्ण दिन में दो बार मक्खन के साथ मिलाकर खाएँ-

21. *श्वास रोगों के लिये दूध और पीपल:-*

एक पाव दूध में 5 पीपल डालकर गर्म करें, इसमें चीनी डालकर सुबह और ‘शाम पीने से साँस की नली के रोग जैसे खाँसी, जुकाम, दमा, फेफड़े की कमजोरी तथा वीर्य की कमी आदि रोग दूर होते हैं-

22. *अच्छी नींद के लिये मलाई और गुड़:-*

रात में नींद न आती हो तो मलाई में गुड़ मिलाकर खाएँ और पानी पी लें। थोड़ी देर में नींद आ जाएगी-

23. *कमजोरी को दूर करने का सरल उपाय:-*

एक-एक चम्मच अदरक व आंवले के रस को दो कप पानी में उबाल कर छान लें। इसे दिन में तीन बार पियें। स्वाद के लिये काला नमक या शहद मिलाएँ-

24. *घमौरियों के लिये मुल्तानी मिट्टी:-*

घमौरियों पर मुल्तानी मिट्टी में पानी मिलाकर लगाने से रात भर में आराम आ जाता है-

25. *पेट के रोग दूर करने के लिये मट्ठा:-*

मट्ठे में काला नमक और भुना जीरा मिलाएँ और हींग का तड़का लगा दें। ऐसा मट्ठा पीने से हर प्रकार के पेट के रोग में लाभ मिलता है। यह बासी या खट्टा नहीं होना चाहिये-

26. *खुजली की घरेलू दवा:-*

फटकरी के पानी से खुजली की जगह धोकर साफ करें, उस पर कपूर को नारियल के तेल मिलाकर लगाएँ लाभ होगा-

27. *मुहाँसों के लिये संतरे के छिलके:-*

संतरे के छिलके को पीसकर मुहाँसों पर लगाने से वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। नियमित रूप से ५ मिनट तक रोज संतरों के छिलके का पिसा हुआ मिश्रण चेहरे पर लगाने से मुहाँसों के धब्बे दूर होकर रंग में निखार आ जाता है-

28. *बंद नाक खोलने के लिये अजवायन की भाप:-*

एक चम्मच अजवायन पीस कर गरम पानी के साथ उबालें और उसकी भाप में साँस लें। कुछ ही मिनटों में आराम मालूम होगा-

29. *चर्मरोग के लिये टेसू और नीबू:-*

टेसू के फूल को सुखाकर चूर्ण बना लें। इसे नीबू के रस में मिलाकर लगाने से हर प्रकार के चर्मरोग में लाभ होता है-

30. *माइग्रेन के लिये काली मिर्च, हल्दी और दूध:-*

एक बड़ा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण एक चुटकी हल्दी के साथ एक प्याले दूध में उबालें। दो तीन दिन तक लगातार रहें, माइग्रेन के दर्द में आराम मिलेगा।

31. *गले में खराश के लिये जीरा:-*

एक गिलास उबलते पानी में एक चम्मच जीरा और एक टुकड़ा अदरक डालें ५ मिनट तक उबलने दें। इसे ठंडा होने दें। हल्का गुनगुना दिन में दो बार पियें। गले की खराश और सर्दी दोनों में लाभ होगा-

32. *सर्दी जुकाम के लिये दालचीनी और शहद:-*

एक ग्राम पिसी दालचीनी में एक चाय का चम्मच शहद मिलाकर खाने से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है-

33. *टांसिल्स के लिये हल्दी और दूध:-*

एक प्याला (200 मिलीली.) दूध में आधा छोटा चम्मच (2 ग्राम) पिसी हल्दी मिलाकर उबालें। छानकर चीनी मिलाकर पीने को दें। विशेषरूप से सोते समय पीने पर तीन चार दिन में आराम मिल जाता है। रात में इसे पीने के बात मुँह साफ करना चाहिये लेकिन कुछ खाना पीना नहीं चाहिये-

34. *ल्यूकोरिया से मुक्ति:-*

ल्यूकोरिया नामक रोग कमजोरी, चिडचिडापन, के साथ चेहरे की चमक उड़ा ले जाता हैं। इससे बचने का एक आसान सा उपाय- एक-एक पका केला सुबह और शाम को पूरे एक छोटे चम्मच देशी घी के साथ खा जाएँ 11-12 दिनों में आराम दिखाई देगा। इस प्रयोग को 21 दिनों तक जारी रखना चाहिए-

35. *मधुमेह के लिये आँवला और करेला:-*

एक प्याला करेले के रस में एक बड़ा चम्मच आँवले का रस मिलाकर रोज पीने से दो महीने में मधुमेह के कष्टों से आराम मिल जाता है-

36. *मधुमेह के लिये कालीचाय:-*

मधुमेह में सुबह खाली पेट एक प्याला काली चाय स्वास्थ्यवर्धक होती है। चाय में चीनी दूध या नीबू नहीं मिलाना चाहिये। यह गुर्दे की कार्यप्रणाली को लाभ पहुँचाती है जिससे मधुमेह में भी लाभ पहुँचता है-

37. *उच्च रक्तचाप के लिये मेथी:-*

सुबह उठकर खाली पेट आठ-दस मेथी के दाने निगल लेने से उच्चरक्त चाप को नियंत्रित करने में सफलता मिलती है-

38. *माइग्रेन और सिरदर्द के लिये सेब:-*

सिरदर्द और माइग्रेन से परेशान हों तो सुबह खाली पेट एक सेब नमक लगाकर खाएँ इससे आराम आ जाएगा-

39. *अपच के लिये चटनी:-*

खट्टी डकारें, गैस बनना, पेट फूलना, भूक न लगना इनमें से किसी चीज से परेशान हैं तो सिरके में प्याज और अदरक पीस कर चटनी बनाएँ इस चटनी में काला नमक डालें। एक सप्ताह तक प्रतिदिन भोजन के साथ लें, आराम आ जाएगा-

40. *मुहाँसों से मुक्ति:-*

जायफल, काली मिर्च और लाल चन्दन तीनो का पावडर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। रोज सोने से पहले 2-3 चुटकी भर के पावडर हथेली पर लेकर उसमें इतना पानी मिलाए कि उबटन जैसा बन जाए खूब मिलाएँ और फिर उसे चेहरे पर लगा लें और सो जाएँ, सुबह उठकर सादे पानी से चेहरा धो लें। 15 दिन तक यह काम करें। इसी के साथ प्रतिदिन 250 ग्राम मूली खाएँ ताकि रक्त शुद्ध हो जाए और अन्दर से त्वचा को स्वस्थ पोषण मिले। 15-20 दिन में मुहाँसों से मुक्त होकर त्वचा निखर जाएगी-

41. *जलन की चिकित्सा चावल से:-*

कच्चे चावल के 8-10 दाने सुबह खाली पेट पानी से निगल लें। 21 दिन तक नियमित ऐसा करने से पेट और सीन की जलन में आराम आएगा। तीन माह में यह पूरी तरह ठीक हो जाएगी-

42. *दाँतों के कष्ट में तिल का उपयोग:-*

तिल को पानी में 4 घंटे भिगो दें फिर छान कर उसी पानी से मुँह को भरें और 10 मिनट बाद उगल दें। चार पाँच बार इसी तरह कुल्ला करे, मुँह के घाव, दाँत में सड़न के कारण होने वाले संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है-

43. *विष से मुक्ति:-*

10-10 ग्राम हल्दी, सेंधा नमक और शहद तथा 5 ग्राम देसी घी अच्छी तरह मिला लें। इसे खाने से कुत्ते, साँप, बिच्छु, मेढक, गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष उतर जाता है-

44. *खाँसी में प्याज:-*

अगर बच्चों या बुजुर्गों को खांसी के साथ कफ ज्यादा गिर रहा हो तो एक चम्मच प्याज के रस को चीनी या गुड मिलाकर चटा दें, दिन में तीन चार बार ऐसा करने पर खाँसी से तुरंत आराम मिलता है-

45. *स्वस्थ त्वचा का घरेलू नुस्खा :-*

नमक, हल्दी और मेथी तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, नहाने से पाँच मिनट पहले पानी मिलाकर इनका उबटन बना लें। इसे साबुन की तरह पूरे शरीर में लगाएँ और 5 मिनट बाद नहा लें। सप्ताह में एक बार प्रयोग करने से घमौरियों, फुंसियों तथा त्वचा की सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही त्वचा मुलायम और चमकदार भी हो जाती है-

46. *पेट साफ रखे अमरूद:-*

कब्ज से परेशान हों तो शाम को चार बजे कम से कम 200 ग्राम अमरुद नमक लगाकर खा जाएँ, फायदा अगली सुबह से ही नज़र आने लगेगा। 10 दिन लगातार खाने से पुराने कब्ज में लाभ होगा। बाद में जब आवश्यकता महसूस हो तब खाएँ-

47. *बीज पपीते के स्वास्थ्य हमारा:-*

पके पपीते के बीजों को खूब चबा-चबा कर खाने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। इन बीजों को सुखा कर पावडर बना कर भी रखा जा सकता है। सप्ताह में एक बार एक चम्मच पावडर पानी से फाँक लेन पर अनेक प्रकार के रोगाणुओं से रक्षा होती है-

48. *मुलेठी पेप्टिक अलसर के लिये:-*

मुलेठी के बारे में तो सभी जानते हैं। यह आसानी से बाजार में भी मिल जाती है। पेप्टिक अल्सर में मुलेठी का चूर्ण अमृत की तरह काम करता है। बस सुबह शाम आधा चाय का चम्मच पानी से निगल जाएँ। यह मुलेठी का चूर्ण आँखों की शक्ति भी बढ़ाता है। आँखों के लिये इसे सुबह आधे चम्मच से थोड़ा सा अधिक पानी के साथ लेना चाहिये-

49. *सरसों का तेल केवल पाँच दिन:-*

रात में सोते समय दोनों नाक में दो दो बूँद सरसों का तेल पाँच दिनों तक लगातार डालें तो खाँसी-सर्दी और साँस की बीमारियाँ दूर हो जाएँगी। सर्दियों में नाक बंद हो जाने के दुख से मुक्ति मिलेगी और शरीर में हल्कापन मालूम होगा-

50. *भोजन से पहले अदरक:-*

भोजन करने से दस मिनट पहले अदरक के छोटे से टुकडे को सेंधा नमक में लपेट कर [थोड़ा ज्यादा मात्रा में ] अच्छी तरह से चबा लें। दिन में दो बार इसे अपने भोजन का आवश्यक अंग बना लें, इससे हृदय मजबूत और स्वस्थ बना रहेगा, दिल से सम्बंधित कोई बीमारी नहीं होगी और निराशा व अवसाद से भी मुक्ति मिल जाएगी-

51. *अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग:-*

सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन मुँह में रखें और पानी से निगल लें। चबाएँ नहीं। यह सर्दी, खाँसी, जुकाम, बदनदर्द, कमर-दर्द, पेटदर्द, कब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा। 10 साल से नीचे के बच्चों को आधा चम्मच 2 ग्राम और 10 से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी 5 ग्राम लेना चाहिए |