सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 !
2022 साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लग रहा है जो दिवाली के एक दिन लग रहा है। इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। आचार्य अनिल सुधांशु से जानिए कि, सूर्य ग्रहण के प्रभाव को किस तरह किया जा सकता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार आंशिक सूर्यग्रहण दोपहर 2:28 से शाम 6:32 तक रहेगा, इस ग्रहण की समय अवधि 4 घंटे की है।
भारत के कई हिस्सों में इस अनोखे खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा। दिपावली के ठीक 1 दिन बाद सूर्य ग्रहण से सभी राशियों पर अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ेगा।
बता दें कि, सूर्य ग्रहण के बाद सूतक काल लग जाता है, जिस दौरान किसी भी प्रकार की महत्वपूर्ण चीजें नहीं की जाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्योतिष शास्त्रों में बताया गया है कि, सूर्य ग्रहण के दौरान जातकों के शुभ ग्रहों की चाल बदल जाती है और इसका उनके जीवन पर प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में ग्रहण के इन प्रभावों से बचने के लिए कुछ आसान उपाय भी बताए गए हैं।
ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए करें यह उपाय !
आचार्य मिश्र बताते हैं कि सूर्यग्रहण के दौरान व्यक्ति को हमेशा देवी देवताओं का स्मरण करना चाहिए और उनसे अपने जीवन की कुशलता की कामना करनी चाहिए।
सूर्य ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं के बीज मंत्र और चालीसा का पाठ करने से ग्रहण का प्रभाव कम हो जाता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि, मंत्रों का जाप मन में किया जाए। इसके यह ध्यान रखें कि, आप भगवान की प्रतिमा का स्पर्श बिल्कुल ना करें !
ग्रहण की समाप्ति पर पहले शमशान करें उसके बाद देवी देखता हूं और भगवान की मूर्तियों को स्नान कराएं !
सूतक काल के बाद स्नान सबसे जरूरी है। इसलिए ग्रहण के बाद सबसे पहले स्नान करें और फिर देवी-देवताओं की मूर्तियों को, अन्न को और घर के हिस्सों को गंगाजल से सिक्त कर दें। ऐसा करने से ग्रहण का प्रभाव कम हो जाता है।
इसके साथ शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि ग्रहण के दौरान दीपक जलाकर गायत्री मंत्र अथवा महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। यह आपको कई प्रकार के समस्याओं से व्यक्ति को दूर रखता है।
सूतक लगने के बाद भोजन खाना पकाना नहाना इत्यादि से दूर रहना चाहिए साथ ही इस दौरान सोना, खाना खाना किसी की बुराई बताई करना मैथुन करना नहीं चाहिए, ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, और इसके दुष्परिणाम उसके साथ-साथ उसके परिवार को भुगतने पड़ते हैं !
ग्रहण काल के दौरान मंत्र सिद्ध करें !
ग्रहण काल की अवधि में, यदि आप किसी देवी देवता का मंत्र सिद्ध करना चाहते हैं तो, किसी नदी, गंगा में बहते हुए पानी में अपने पैर डालकर या पानी की धार में खड़े होकर मंत्र का जाप ग्रहण शुरू होने से खत्म होने तक लगातार जाप करें, इससे मंत्र सिद्ध हो जाएगा, लेकिन इस बात का ध्यान रखें, कभी इस मंत्र का दुरुपयोग ना करें अन्यथा यह शक्तिहीन हो जाएगा
इसके साथ सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी के पौधे को बिल्कुल हाथ ना लगाएं। बल्कि ग्रहण से पहले तुलसी के पत्ते को बचे हुए खाने या फ्रिज में रख दें। ऐसा करने से भोजन पर भी ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है !
ग्रहण का राशियों पर प्रभाव यह छंह राशि बारे जातक सावधान रहें !
तुला- तुला राशि वालों को इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव सबसे ज्यादा पड़ेगा। इस दौरान आप लोगों को आर्थिक नुकसान होने की आशंका है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। यह ग्रहण आपकी मुश्किलें बढ़ा सकता है।
वृषभ- इस राशि के लोगों को ग्रहण काल में अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। इस दौरान मानसिक तनाव न लें। किसी बात को लेकर आपका मन परेशान हो सकता है। आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
मिथुन- मिथुन राशि वालों को ग्रहण काल में अपने आर्थिक बजट का ध्यान रखना जरूरी है। इस दौरान आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है। आय में कमी हो ससकती है। जीवनसाथी संग अनबन के संकेत हैं।
कन्या- कन्या राशि वालों को आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलें आ सकती हैं। इस दौरान आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। निवेश से पहले किसी बड़े की सलाह अवश्य लें।
वृश्चिक- वृश्चिक राशि वालों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। धन हानि के संकेत हैं। ग्रहण काल में पैसों को लेकर विशेष सावधानी बरतें। निवेश से बचें।
मकर- मकर राशि वालों की सेहत पर ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। इस दौरान आपको धैर्य रखने की जरूरत है। मन किसी बात से परेशान हो सकता है।
ग्रहण का सभी राशियों पर प्रभाव !
मेष-
राशि के सप्तम भाव में ग्रहण का असर पड़ेगा। हो सकता है कि, जिन्हें आप अपने बहुत करीब मानते हैं, उनसे तनाव (तनाव कम करने के लिए योगा) हो सकता है।
वृषभ-
राशि के षष्ठम स्थान पर ग्रहण का असर पड़ेगा। रोजगार अच्छा रहेगा और यदि आपके शत्रु नहीं है, तो वह बन सकते हैं।
मिथुन-
राशि के पंचम स्थान पर ग्रहण का असर पड़ेगा। इससे आपको अपने संतान से सहयोग प्राप्त होगा और सुख की प्राप्ति होगी। इतना ही नहीं, आपको धन लाभ भी होगा ।
कर्क-
राशि के चतुर्थ स्थान पर ग्रहण का असर पड़ेगा। आपकी चिंताएं बढ़ सकती हैं और अधिक कार्य करना पड़ सकता है और अन्य लोगों से आपको परेशानी भी मिल सकती है।
सिंह-
राशि के तीसरे स्थान पर ग्रहण का असर पड़ेगा। आपके ऊपर इस सूर्य ग्रहण का कोई भी असर नहीं पड़ेगा।
कन्या-
राशि के दूसरे स्थान पर इस ग्रहण का असर पड़ेगा। आपको बहुत अधिक सतर्क रहने की जरूरत रहेगी।
तुला-
राशि में ही ग्रहण लगेगा। आपको बहुत अधिक धैर्य एवं संयम बनाए रखने की जरूरत रहेगी, आपको इस ग्रहण में थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत पड़ेगी।
वृश्चिक-
राशि के द्वादश स्थान पर ग्रहण का असर पड़ेगा। आपको खुद पर नियंत्रण(खुद पर नियंत्रण रखने के उपाय) रखना होगा और अपने खर्चों पर भी लगाम कस कर रखें।
धनु-
राशि के एकादश स्थान पर ग्रहण का असर पड़ेगा। आपको किसी को भी उधार देने से बचना है। हो सकता है कि आपकी आय में वृद्धि हो जाए।
मकर-
राशि के दशम स्थान पर ग्रहण का असर पड़ेगा। इस वजह से आपको अधिक कार्य करना पड़ सकता है और पिता की ओर से कुछ लाभ भी प्राप्त होगा।
कुंभ-
राशि के नवम स्थान पर ग्रहण का असर पड़ेगा। यह ग्रहण आपके भाग्य में रुकावट उत्पन्न करेगा। आपके सभी काम देरी से होंगे।
मीन-
राशि के अष्टम स्थान पर ग्रहण का असर पड़ेगा। आपको किसी भी तरह के वाहन, उंचाई एवं बिजली के काम से खुद को बचाकर रखना होगा और सावधान रहना होगा।
ग्रहण काल में क्या करें !
ग्रहण काल में ईश्वर का ध्यान करें, वही आपकी मदद करेंगे, इस दौरान रामायण, गीता का पाठ करें, सुंदरकांड पढ़ें, महामृत्युंजय मंत्र, मृत संजीवनी मंत्र गायत्री मंत्र, के साथ-साथ अपने इष्ट के मंत्रों का जाप करें , भजन करें, भजन के उपरांत यथासंभव ग्रहों से संबंधित दान करें, इससे आपके जीवन में आने वाली परेशानियों का अंत होगा, ग्रहों की कृपा से खुशहाली और उन्नति होगी जीवन में सुख शांति आएगी !
सूतक काल में क्या करें और क्या ना करें?
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सूतक काल में कोई भी शुभ काम को शुरू करने से बचें.
- सूतक काल में भगवान की भक्ति करें.
- सूतक काल में ना ही खाना बनाएं और ना ही खाना बनाएं. अगर खाना बना हुआ रखा है तो उसमें तुलसी के पत्ते डालकर रखें.
- सूतक काल में दांतों की सफाई और बालों में कंघी नहीं करने की भी मनाही होती है.
- सूतक काल में भगवान के मंदिर के पट बंद कर देना चाहिए.
- सूतक काल के दौरान सूर्य मंत्रों का जाप करना चाहिए.
- सूतक काल समाप्त होने के बाद घर की सफाई करें और उसके बाद भगवान की पूजा करें.
- सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को घर के बाहर ना जाने दें और विशेष सावधानी बरतें.
सूर्य ग्रहण के दौरान "ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात" मंत्र का जाप करें !
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