सावन माह में कामिका एकादशी का क्या है महत्व ?
वैसे तो कई प्रकार के व्रत और उपवास हिन्दू धर्म में मनाये जाते हैं, लेकिन एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना गया है। हिंदू पंचांग की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहा जाता है। वैसे तो हर महीने में दो बार एकादशी व्रत आता है, लेकिन सावन मास में पड़ने वाली एकादशी का विशेष महत्व होता है। सावन मास में पड़ने वाली एकादशी, ‘कामिका एकादशी’ के नाम से जानी जाती है।
कामिका एकादशी, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी के रूप में मनायी जाती है। इस बार 24 जुलाई, दिन रविवार को कामिका एकादशी का व्रत रखा जाएगा। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को सभी तीर्थों में स्नान करने के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। एकादशी का यह व्रत भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ है। इस व्रत को करके भक्त उनकी कृपा प्के साथ-साथ, सुख-समृद्धि और आर्थिक परेशानियों से छुटकारा भी पा सकते हैं।
कब है सावन का पहली एकदाशी व्रत?
सावन महीने में कामिका एकदाशी तिथि 23 जुलाई 2022, दिन शनिवार को सुबह 11 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होगी, जो 24 जुलाई 2022, रविवार को दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। उद्या तिथि के अनुसार, कामिका एकदाशी का व्रत 24 जुलाई को रखा जाएगा।
इस दिन पीले रंग का महत्व
भगवान विष्णु को पीले वस्त्र प्रिय हैं। मान्यता है कि कामिका एकदाशी के दिन भक्तों को पीले वस्त्र धारण करने चाहिए और साथ ही पूजा की चौकी को भी पीले कपड़े से सजाना चाहिए। माना जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा में पीले फूल चढ़ाने चाहिए। इससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यही कारण है कि कामिका एकादशी व्रत पर पीले रंग का विशेष महत्व माना जाता है।
ब्रह्म-हत्या दोष से मिलती है मुक्ति
ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करना आपको ब्रह्म-हत्या के दोष से मुक्त करता है और साथ ही आपको विपत्तियों से भी बचाता है। कामिका एकादशी व्रत से आपको मन की शांति प्राप्त होती है। सावन महीने में कामिका एकादशी व्रत रखना अति प्रभावशाली होता है। इस दिन भक्तों को कामिका एकादशी व्रत रखकर भगवान विष्णु का आशीर्वाद अवश्य लेना चाहिए।
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