तिल द्वादशी व्रत 19 जनवरी विशेष
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शास्त्रों में माघ मास की प्रत्येक तिथि पर्व मानी गई है। यदि अशक्त स्थिति के कारण पूरे महीने का नियम न निभा सके तो उसमें यह व्यवस्था भी दी है कि 3 दिन अथवा 1 दिन माघ स्नान का व्रत का पालन करें।
'मासपर्यन्तं स्नानासम्भवे तु त्र्यहमेकाहं वा स्नायात्।'
माघ मास की कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को तिल द्वादशी का व्रत किया जाता है। वर्ष 2023 में यह व्रत 19 जनवरी, गुरुवार को किया जा रहा है। इस दिन खास तौर पर भगवान विष्णु का पूजन तिल से किया जाता है तथा पवित्र नदियों में स्नान व दान करने का नियम है। इनसे मनुष्य को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
हमारे धार्मिक पौराणिक ग्रंथ पद्म पुराण में माघ मास के माहात्म्य का वर्णन किया गया है, जिसमें कहा गया है कि पूजा करने से भी भगवान श्रीहरि को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी कि माघ महीने में स्नान मात्र से होती है। अत: सभी पापों से मुक्ति और भगवान वासुदेव की प्रीति प्राप्त करने के लिए प्रत्येक मनुष्य को माघ स्नान अवश्य ही करना चाहिए।
महाभारत में उल्लेख आया है कि जो मनुष्य माघ मास में तपस्वियों को तिल दान करता है, वह कभी नरक का दर्शन नहीं करता। माघ मास की द्वादशी तिथि को दिन-रात उपवास करके भगवान माधव की पूजा करने से मनुष्य को राजसूय यज्ञ का फल प्राप्त होता है। अतः इस प्रकार माघ मास एवं स्नान-दान की अपूर्व महिमा है। इस दिन 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः' का जाप किया जाना लाभकारी है।
इतना ही नहीं इस माह की तिल द्वादशी का व्रत भी एकादशी की तरह ही पूर्ण पवित्रता के साथ चित्त को शांत रखते हुए पूर्ण श्रद्धा-भक्ति से किया जाता है तो यह व्रत मनुष्य के सभी कार्य सिद्ध करके उसे पापों से मुक्ति दिलाता है।
ऐसे करें व्रत व पूजन
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सुबह स्नानादि के पश्चात भगवान की पूजा, व्रत आदि का संकल्प लें। स्वच्छ आसन पर पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें फिर पूजा आरंभ करें। सबसे पहले भगवान को धूप व दीप दिखाकर, फल, फूल, चावल, रौली, मौली, पंचामृत आदि अर्पित करें। भगवान को तिल से बनी वस्तुओं या तिल तथा गुड़ से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए। इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए। फिर आरती करें। पूजा के बाद तांबे के पात्र में सुगंध, अक्षत, तिल, जल तथा फूलों को मिलाकर सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्घ्य देना चाहिए। शाम को व्रत कथा पढें अथवा सुनें। इसके बाद आरती करें, फिर व्रत खोलें। इस व्रत को अपनी क्षमतानुसार रखें। चाहे तो निर्जल या फलाहार लेकर रख सकते हैं। जो लोग व्रत रख पाने में सक्षम न हों, वे गरीब लोगों को दान जरूर करें।
यमराज और तिल की संक्षिप्त कथा
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नारद पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु की प्रिय होने कारण श्वेत तिल को इस बात का अभिमान था। इस बात से नाराज होकर यमराज ने उसे शाप दे दिया। शापित होने के कारण तिल का रंग श्वेत से काला पड़ गया।इससे दुखी तिल ने भगवान विष्णु की आराधना की, जिससे भगवान श्रीहरि प्रसन्न हुए और तिल को यमराज के शाप से मुक्त किया। इसे तिल फिर गौर वर्ण की हो गई।
भगवान श्रीहरि ने तिल को आर्शीवाद दिया कि खासतौर पर माघ मास में उनको जो भी व्यक्ति पूजा में तिल अर्पित करेगा, उसे वैकुण्ठ की प्राप्ति होगी। इसीलिए माघ कृष्ण द्वादशी को तिल दान करने का विशेष महत्व है।
भगवान विष्णु के आशीर्वाद से काला तिल यमराज की भी पसंद बन गई। इसलिए यमराज की पूजा में काला तिल अर्पित किया जाता है।
राशिअनुसार उपाय और दान
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मेष👉 पवित्र स्नान के बाद सूर्य पूजा करें और गुड़ रेवड़ी का दान करें।
वृषभ👉 धन की हानि, फ़िज़ूलखर्ची नहीं होगी. रोग एवं अशांति से बचना होगा. गंगाजल डालकर स्नान करें. सफ़ेद तिल की रेवड़ी और चावल दान करें।
मिथुन👉 आयु बढ़ेगी, शत्रुओं से सावधान रहें, सेहत ठीक रखें, गंगाजल डालकर स्नान करें. गुड़ की रेवड़ी और मूली का दान करें।
कर्क👉 धन की हानि, क्लेश और मानहानि से बचाव होगा. जीवन साथी और बच्चों की सेहत अच्छी होगी. गंगाजल डालकर स्नान करे --तिल के लडडू दान करें।
सिंह👉 धन लाभ होगा, अधूरे काम कर डालेंगे, सारे काम बनेंगे , सुख की प्राप्ति होगी. गंगाजल डालकर स्नान करें. तिल की पट्टी का दान करें।
कन्या👉 बुद्धि काम करेगी, पढ़ाई में कमज़ोरी दूर होगी. अपने माता-पिता या बड़े अधिकारियों से लाभ मिलेगा. गंगाजल डालकर स्नान करें. गजक दान करें।
तुला👉 माता की सेहत अच्छी होगी. घरेलु झगड़ों से बचेंगे. ज़मीन-जायदाद ना खरीदेंगे. विवाह में देर नहीं होगी. गंगाजल डालकर नहाएं, गुड़,चावल ,दूध
तिल की खीर का दान करें।
वृश्चिक👉 चारों दिशाओं से लाभ होगा. नौकरी , व्यापार , सभी जगहों पर धन लाभ होगा. बच्चों की पढ़ाई अच्छी होगी. गंगाजल डालकर स्नान करें, गले में लाल धागा पहनें. तिल की पट्टी का दान करें।
धनु👉 चालाक लोगों से बचाव होगा. नौकरी या व्यापार में लाभ हो सकता है, उपाय करें. विष्णु मंदिर में ताम्बे के लोटे का दान करें. सूर्य को गुड़ वाला जल चढ़ाएं।
मकर👉 मान-सम्मान बढ़ेगा , सेहत का ध्यान रखें. बहुत मेहनत करनी पड़ेगी , तब विलम्ब से काम बनेंगे. सूर्य को गंगाजल डालकर जल चढ़ाये. तिल के लड्डू का दान करें।
कुम्भ 👉 विदेश जाने का योग बनेगा, सरकारी नौकरी मिलेगी, मित्रों की सहायता से काम बनेंगे. सफ़ेद तिल डालकर सूर्य को जल चढ़ाये और नीले वस्त्र ना पहनें।
मीन 👉 घर मिलेगा, नौकरी में तरक्की, प्रमोशन होगा. मांगलिक कार्य होंगे सरकारी नौकरी का योग बनेगा. सूर्य को गंगाजल डालकर जल चढ़ाएं. रेवड़ी का दान करें।
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